Anchadhara

अंचलधारा
!(खबरें छुपाता नही, छापता है)!

प्रलेसं के प्रांतीय सम्मेलन की तैयारियों में जुटने का प्रलेसं की मासिक बैठक में किया गया आह्वान

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो) 

अनूपपुर (अंंचलधारा) प्रगतिशील लेखक संघ (प्रलेसं) की मासिक बैठक  बाल गंगाधर सिंह सेंगर (उपाध्यक्ष) के निवास पर सायाकाल 7 बजे से हुई।जिसमें स्व. हरिशंकर परसाई की जयंती मनाई गई तथा उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर चर्चा की गई।बैठक में प्रलेसं के सचिव राम नारायण पांडे ने परसाई जी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उनकी व्यंग रचना 'भारत की रात' का पाठ करते हुए कहा कि लेखक ने किस तरह से समाज को बताया कि आपके जिस कार्य से लोगों को परेशानी हो वह भगवान की पूजा नहीं है,कोई भी धर्म और उसके देवता यह नहीं कहते कि मेरी पूजा करने से यदि किसी को तकलीफ हो तो आप माइक लगाकर मेरी पूजा करें। व्यंग पर बाल गंगाधर सिंह सेंगर एवं रावेन्द्र सिंह भदौरिया ने अपनी बात रखते हुए कहा कि व्यंग में एक स्थान पर भगतजी से भगवान ने कहा कि तुम माइक लगाकर मेरा विज्ञापन करते थे ? मैं क्या बिकाऊ चीज हूँ। इस तरह परसाई जी के व्यंग समाज की कुरीतियों पर करारा व्यंग हैं,वे एक महान व्यंगकार थे,उनकी जयंती पर उन्हे उपस्थित सदस्यों ने पुष्पांजलि भेंट की।बैठक के अंत में संघ के सभी सदस्यों से नवम्बर माह में होने वाले प्रांतीय सम्मेलन की तैयारी में जुटने तथा कोषाध्यक्ष के पास अपनी सहयोग राशि जमा करने की बात कही गई। इस अवसर पर प्रमुख रूप से राम नारायण पाण्डेय,बाल गंगाधर सिंह सेंगर एवं रावेन्द्र सिंह भदौरिया उपस्थित थे।

Post a Comment

0 Comments