(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) हर घर तिरंगा घर-घर तिरंगा अभियान 11 से 17 अगस्त 2022 तक चलाया गया एवं 13 से 15 अगस्त 2022 तक हर घर, घर घर तिरंगा लगाने थे जिसके लिए संविधान में विशेष संशोधन कर 24 घंटे लगाने की अनुमति दी गई थी।लेकिन देखा जा रहा है कि अभियान समाप्ति के बाद भी लोग घरों से राष्ट्रीय ध्वज को अभी तक नहीं उतारे हैं।यहां तक कि लोग अपने वाहनों पर भी राष्ट्रीय ध्वज को फहराते हुए निकल रहे हैं इस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है।आज भी देखा जा रहा है कि काफी जगह तिरंगा लगा हुआ दिख रहा है जो सही नहीं हैं।आवश्यकता है कि जिले की सभी नगर पालिका एवं नगर परिषद के साथ ही सभी ग्राम पंचायत स्तर तक निर्देशित कर दिया जाए कि पूरे शहर में एलाउंसमेंट करा कर राष्ट्रीय ध्वज को सभी लोग ससम्मान उतारकर उसे रख दें। देखा जा रहा है कि राष्ट्रीय ध्वज लोग ऑटो रिक्शा में, मोटरसाइकिल में,आदि वाहनों में एवं घरों पर लगा कर रखे हुए हैं और इसे कब उतारना है उससे उन्हें कोई मतलब नहीं। जिसके लिए सभी नगर पालिका एवं नगर परिषद के वाहन एवं ग्राम पंचायत स्तर तक एलाउंसमेंट कर लोगों को जानकारी दी जाए जिससे राष्ट्रीय ध्वज लोग ससम्मान उतारकर कर रख दे।
ज्ञातव्य हो कि जब भी ध्वज फहराया जाए तो उसे सम्मानपूर्ण स्थान दिया जाए।उसे ऐसी जगह लगाया जाए, जहाँ से वह स्पष्ट रूप से दिखाई दे। सरकारी भवन पर ध्वज रविवार और अन्य छुट्टियों के दिनों में भी सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराया जाता है,विशेष अवसरों पर इसे रात को भी फहराया जा सकता है।भारत का राष्ट्रीय ध्वज, भारत के लोगों की आशाओं और आकाँक्षाओं का प्रतिरूप है। यह राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। सभी के मार्गदर्शन और हित के लिए भारतीय ध्वज संहिता-2002 में सभी नियमों, औपचारिकताओं और निर्देशों को एक साथ लाने का प्रयास किया गया है। ध्वज संहिता-भारत के स्थान पर भारतीय ध्वज संहिता-2002 को 26 जनवरी 2002 से लागू किया गया है।जब भी ध्वज फहराया जाए तो उसे सम्मानपूर्ण स्थान दिया जाए। उसे ऐसी जगह लगाया जाए, जहाँ से वह स्पष्ट रूप से दिखाई दे।फटा या मैला ध्वज नहीं फहराया जाता है।ध्वज केवल राष्ट्रीय शोक के अवसर पर ही आधा झुका रहता है।किसी दूसरे ध्वज या पताका को राष्ट्रीय ध्वज से ऊँचा या ऊपर नहीं लगाया जाएगा,न ही बराबर में रखा जाएगा।ध्वज पर कुछ भी लिखा या छपा नहीं होना चाहिए।
जब ध्वज फट जाए या मैला हो जाए तो उसे एकान्त में पूरा नष्ट किया जाए। जिला कलेक्टर से अपेक्षा है कि इस ओर ध्यान देते हुए राष्ट्रीय ध्वज को ससम्मान उतरवा दिया जाए जिससे उसका महत्व बरकरार रहे।
ज्ञातव्य हो कि जब भी ध्वज फहराया जाए तो उसे सम्मानपूर्ण स्थान दिया जाए।उसे ऐसी जगह लगाया जाए, जहाँ से वह स्पष्ट रूप से दिखाई दे। सरकारी भवन पर ध्वज रविवार और अन्य छुट्टियों के दिनों में भी सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराया जाता है,विशेष अवसरों पर इसे रात को भी फहराया जा सकता है।भारत का राष्ट्रीय ध्वज, भारत के लोगों की आशाओं और आकाँक्षाओं का प्रतिरूप है। यह राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। सभी के मार्गदर्शन और हित के लिए भारतीय ध्वज संहिता-2002 में सभी नियमों, औपचारिकताओं और निर्देशों को एक साथ लाने का प्रयास किया गया है। ध्वज संहिता-भारत के स्थान पर भारतीय ध्वज संहिता-2002 को 26 जनवरी 2002 से लागू किया गया है।जब भी ध्वज फहराया जाए तो उसे सम्मानपूर्ण स्थान दिया जाए। उसे ऐसी जगह लगाया जाए, जहाँ से वह स्पष्ट रूप से दिखाई दे।फटा या मैला ध्वज नहीं फहराया जाता है।ध्वज केवल राष्ट्रीय शोक के अवसर पर ही आधा झुका रहता है।किसी दूसरे ध्वज या पताका को राष्ट्रीय ध्वज से ऊँचा या ऊपर नहीं लगाया जाएगा,न ही बराबर में रखा जाएगा।ध्वज पर कुछ भी लिखा या छपा नहीं होना चाहिए।
जब ध्वज फट जाए या मैला हो जाए तो उसे एकान्त में पूरा नष्ट किया जाए। जिला कलेक्टर से अपेक्षा है कि इस ओर ध्यान देते हुए राष्ट्रीय ध्वज को ससम्मान उतरवा दिया जाए जिससे उसका महत्व बरकरार रहे।
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