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सूकरों को अफ्रीकन स्वाइन फीवर नामक वायरल बीमारी से बचाव हेतु सूकर पालकों को दी सलाह

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो) 

अनूपपुर (अंंचलधारा) रीवा जिले के मऊगंज कस्बे एवं रीवा नगर निगम क्षेत्र में पालतू व जंगली सूकरों में रक्त स्त्रावी वायरल जानलेवा रोग का प्रकोप पाया गया है, जो आर्थिक उत्पादन हानि का जिम्मेदार है। यह वायरल बीमारी अफ्रीकन स्वाइन फीवर नामक है। यह अति संक्रामक बीमारी है, जो एक सूकर से दूसरे सूकर में फैलती है। 
           उक्ताशय की जानकारी देते हुए पशुपालन एवं डेयरी विभाग अनूपपुर के उप संचालक डॉ. व्ही.पी.एस. चौहान ने बताया है कि बीमारी में पशु को तेज बुखार, शरीर में चकत्ते, दस्त जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इस बीमारी के जूनोटिक होने की सूचना नहीं है, यानि यह बीमारी मनुष्यों एवं अन्य प्रजाति के पशुओं में नही फैलती है। रीवा जिले के समीपवर्ती जिलों में इस बीमारी से सतर्क रहने के निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने जिला अनूपपुर में भी इस रोग से बचाव हेतु जिले के क्षेत्रीय पशुपालन अधिकारियों को निर्देशित किया है कि समस्त सूकर पशुपालकों में जागरूकता फैलाएं। उन्होंने वन विभाग के मैदानी अमले को भी जंगली शूकरों में आकस्मिक एवं अप्राकृतिक मृत्यु की स्थिति में तत्काल पशुपालन विभाग को सूचित करने की अपील की है। इस बीमारी से बचाव के लिए सूकर पालकों को सलाह दी गई है कि सूकर बाड़ों में साफ-सफाई रखें, होटलों का बचा खाना सूकरों को न खिलाएं, तीन माह के लिए सूकरों का वध कर मांस की बिक्री न करें, जिले के बाहर से सूकर क्रय करके न लाएं, रीवा जिले के सूकर पालकों के घर न जाएं। सूकरों में किसी भी प्रकार की बीमारी के लक्षण पाए जाने पर तत्काल स्थानीय पशु चिकित्सा संस्था में सूचना दिए जाने की सलाह दी गई है। यदि कहीं पर सूकरों में रोग का प्रकोप पाया जाता है, तो रोग के नियंत्रण हेतु जिला टास्क फोर्स का गठन किया जायेगा। रोग नियंत्रण हेतु राज्य पशु रोग अन्वेषण प्रयोगषाला भोपाल में कन्ट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जिसका दूरभाष क्रमांक 0755-2767583 है। इस नम्बर पर प्रातः 10ः00 बजे से शाम 6ः00 बजे तक सम्पर्क किया जा सकता है।

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