(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) जिला परिवहन अधिकारी अनूपपुर ने सर्वाेच्च न्यायालय की गाइड लाइन के अनुसार शैक्षणिक संस्था की बसों व वाहनों के संचालन के संबंध में अभी हाल ही में दिशा निर्देश जारी किए थे।उसके बावजूद नियम कानून की धज्जियां उड़ाते हुए छोटे-छोटे बच्चों के स्कूली वाहन साथ ही कुछ प्राइवेट वाहन धड़ल्ले से चल रहे हैं।सीट की क्षमता से अधिक छात्रों को वाहन में बैठाया जा रहा है। अभी हाल ही में अमलाई कन्वेंट स्कूल जाते समय एक प्राइवेट वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसमें 9 बच्चे घायल हुए जिसमें एक छात्रा की हालत काफी गंभीर है जिसे बिलासपुर रैफर किया गया जहां उसका इलाज जारी है। उसके बावजूद स्कूल प्रबंधक स्कूली एवं प्राइवेट वाहनों पर किसी तरह का अंकुश नहीं लगा रहे।खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए वाहनों से बच्चों को स्कूल बुला रहे हैं। जिससे वाहनों में क्षमता से ज्यादा विद्यार्थियों को बैठाकर बेहिचक स्कूल पहुंचाया जा रहा है।दुर्घटना होने के बाद भी स्कूल प्रबंधक कोई सीख नहीं ले रहे है जिसको देखते हुए पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक राजन के कुशल दिशा निर्देशन एवं मार्गदर्शन में जिला यातायात प्रभारी बी.कुमरे ने कैंप लगाकर अपने स्टाफ के साथ स्कूली वाहनों की धरपकड़ की जिसमें कुछ स्कूली वाहनों जिसमें बस, मैजिक आदि शामिल है अपने परिसर में खड़ा कराया।उस पर क्या कार्रवाई की गई है इसकी जानकारी समाचार लिखते तक नहीं मिल पाई थी।बताया गया कि अनूपपुर चचाई मार्ग पर दुर्घटना होने के बाद भी बेथेल मिशन स्कूल जो अनूपपुर अमरकंटक रोड में संचालित है के बस में क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाकर सफर करते हुए देखा गया।बताया गया कि 30 सीट वाली बस में लगभग 65 बच्चों को बैठाया गया था। यह बस पर सवार मोहरी सकरा होते हुए स्कूल के लिए रवाना हो रही थी इसी बीच बस चालक को सूचना मिली कि मुख्य सड़क मार्ग में पुलिस की चेकिंग अभियान जारी है ऐसे में बस को मोहरी में रोक लिया गया और स्कूल के संचालक को बुलाया गया।ऐसे लापरवाही पूर्ण रवैए के कारण ही छोटे छोटे बच्चे दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं और इस लापरवाही में किसी का ध्यान नहीं जाता।देखा जा रहा है कि अनूपपुर मुख्यालय में संचालित निजी विद्यालय अभी भी बाज नहीं आ रहे हैं और क्षमता से अधिक बच्चों को वाहन में बैठाकर स्कूल तक का सफर करा रहे हैं।ऐसे में अगर बेथेल मिशन स्कूल बस दुर्घटना का शिकार होती है या कोई घटना घटती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा यह एक बड़ा सवाल है।उक्त बस संचालक के ऊपर कार्यवाही होती है या नहीं यह तो बाद का विषय है।लेकिन आम आदमी व अभिभावकों को सोचना होगा कि जितने भी प्राइवेट वाहन स्कूली बच्चों को लेकर जा रहे हैं उनका यह तरीका गलत है इस पर अंकुश लगाना अनिवार्य है।
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