(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) अब भाजपा विरोधी और सरकार विरोधी देशहित में कही गई बातें भी देशद्रोह की श्रेणी में शामिल होती प्रतीत हो रही हैं।
उक्त आशय की विज्ञप्ति जारी करते हुए मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव श्रीधर शर्मा ने भारत देश में सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया है कि कब तक भाजपा सरकार इसी प्रकार से लोकतंत्र का हनन करती रहेगी और कूटनीतिक राजनीति करती रहेगी।भोपाल जिला पंचायत के 10 प्रत्याशियों में से 8 पर कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों की विजय के बाद और भाजपा के पास केवल एक निर्वाचित प्रत्याशी होने के बावजूद भी भाजपा ने कूटनीतिक तरीके से निर्धारित समय में हेर फेर का खेल खेलते हुए 4 सदस्यों के अतिरिक्त शेष सदस्यों को बीती रात से ही उठा लिया गया।तब एक जिम्मेदार व्यक्ति के द्वारा आवाज़ बुलंद करना तो लाज़िमी है। हजारों की भीड़ में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भीड़ से निकल कर आगे जाने के प्रयास में शायद किसी ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारी के साथ धक्का दिया होगा। लेकिन इतना समझना ही काफ़ी है कि एक जिम्मेदार व्यक्ति के द्वारा सार्वजनिक तौर पर सैकड़ों कैमरों के बीच कभी किसी का गिरेबान पकड़ कर बदतमीजी तो नहीं कर सकता है,क्योंकि उसे अपनी मर्यादाएं पता हैं। लोकतंत्र के हनन पर सवाल उठाना निर्वाचन आयोग की इस प्रकार की अनदेखी के विरूद्ध जाना हर जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य है और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक जिम्मेदार नागरिक होने का फ़र्ज़ अदा किया है और इसके लिए उन्हें दोषी ठहराना उचित नहीं है।लेकिन वर्तमान सरकार को जनता के समक्ष ड्रामा करने का सदैव शौक रहा है और वास्तविक चीजों को तोड़-मरोड़ कर प्रदर्शित करना सदैव भाजपा सरकार की नीति रही है।ज़मीनी स्तर पर जनता से किए गए वादों पर खरा नहीं उतर पाने की स्थिति में जब इन्हें अपनी कुर्सी जाती हुई प्रतीत हो रही है तो विपक्ष के महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों पर सवाल उठा जनता को गुमराह करना इनकी नीति रही है। जब जनादेश का सम्मान करना वर्तमान सरकार को स्वीकार नहीं है तो चुनाव की संपूर्ण प्रक्रिया केवल औपचारिकता नज़र आती है।भाजपा सरकार के द्वारा देश की जनता के छल कपट किया जा रहा है और देश के महत्त्वपूर्ण मुद्दो को दरकिनार कर केवल राजनीतिक रोटी सेंकने का कार्य जोरों पर चल रहा है। हालंकि लंबे समय से आम जनता को धर्म और जाति के नाम पर गुमराह करने के बावजूद भी आम जनता ने धैर्य से काम लिया है क्योंकि जनता इनकी कूटनीति को भलीभांति समझ चुकी है और आगामी समय में जनता ऐसी कूटनीतिक कार्यशैली को अलविदा कहने का बेसब्री से इंतज़ार कर रही है।
उक्त आशय की विज्ञप्ति जारी करते हुए मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव श्रीधर शर्मा ने भारत देश में सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया है कि कब तक भाजपा सरकार इसी प्रकार से लोकतंत्र का हनन करती रहेगी और कूटनीतिक राजनीति करती रहेगी।भोपाल जिला पंचायत के 10 प्रत्याशियों में से 8 पर कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों की विजय के बाद और भाजपा के पास केवल एक निर्वाचित प्रत्याशी होने के बावजूद भी भाजपा ने कूटनीतिक तरीके से निर्धारित समय में हेर फेर का खेल खेलते हुए 4 सदस्यों के अतिरिक्त शेष सदस्यों को बीती रात से ही उठा लिया गया।तब एक जिम्मेदार व्यक्ति के द्वारा आवाज़ बुलंद करना तो लाज़िमी है। हजारों की भीड़ में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भीड़ से निकल कर आगे जाने के प्रयास में शायद किसी ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारी के साथ धक्का दिया होगा। लेकिन इतना समझना ही काफ़ी है कि एक जिम्मेदार व्यक्ति के द्वारा सार्वजनिक तौर पर सैकड़ों कैमरों के बीच कभी किसी का गिरेबान पकड़ कर बदतमीजी तो नहीं कर सकता है,क्योंकि उसे अपनी मर्यादाएं पता हैं। लोकतंत्र के हनन पर सवाल उठाना निर्वाचन आयोग की इस प्रकार की अनदेखी के विरूद्ध जाना हर जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य है और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक जिम्मेदार नागरिक होने का फ़र्ज़ अदा किया है और इसके लिए उन्हें दोषी ठहराना उचित नहीं है।लेकिन वर्तमान सरकार को जनता के समक्ष ड्रामा करने का सदैव शौक रहा है और वास्तविक चीजों को तोड़-मरोड़ कर प्रदर्शित करना सदैव भाजपा सरकार की नीति रही है।ज़मीनी स्तर पर जनता से किए गए वादों पर खरा नहीं उतर पाने की स्थिति में जब इन्हें अपनी कुर्सी जाती हुई प्रतीत हो रही है तो विपक्ष के महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों पर सवाल उठा जनता को गुमराह करना इनकी नीति रही है। जब जनादेश का सम्मान करना वर्तमान सरकार को स्वीकार नहीं है तो चुनाव की संपूर्ण प्रक्रिया केवल औपचारिकता नज़र आती है।भाजपा सरकार के द्वारा देश की जनता के छल कपट किया जा रहा है और देश के महत्त्वपूर्ण मुद्दो को दरकिनार कर केवल राजनीतिक रोटी सेंकने का कार्य जोरों पर चल रहा है। हालंकि लंबे समय से आम जनता को धर्म और जाति के नाम पर गुमराह करने के बावजूद भी आम जनता ने धैर्य से काम लिया है क्योंकि जनता इनकी कूटनीति को भलीभांति समझ चुकी है और आगामी समय में जनता ऐसी कूटनीतिक कार्यशैली को अलविदा कहने का बेसब्री से इंतज़ार कर रही है।
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