(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) अमरकंटक को विशेष औषधीय क्षेत्र के रूप में विकसित किये जाने जिला प्रशासन की पहल पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के लक्ष्मण हवानुर सभागृह में औषधीय व सुगंधित पौधों के संवर्धन व संरक्षण हेतु एक दिवसीय कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन विगत दिवस आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. प्रकाशमणि त्रिपाठी ने कहा कि अमरकण्टक व आसपास के क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की औषधीय वनस्पतियों की प्रचुरता है,जिसे सुनियोजित एवं व्यवस्थित रूप देकर न सिर्फ किसानों की आय बढ़ायी जा सकती है, बल्कि इससे न सिर्फ अमरकंटक बल्कि पूरे जिले की एक विशिष्ट पहचान निर्मित होगी।
विदित हो कि कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना के मार्गदर्शन में जनजातीय विश्वविद्यालय अनूपपुर व सी-मैप लखनऊ के सहयोग से मार्च माह में औषधीय पौधों की खेती हेतु इच्छुक किसानों की दो दिवसीय कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा चुका है। चिन्हित किसानों के निरंतर प्रशिक्षण व क्षमतावर्धन के क्रम में आयोजित द्वितीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में सी-मैप लखनऊ से वरिष्ठ वैज्ञानिक संजय सिंह ने उपस्थित किसान भाई बहनों को लेमनग्रास, पामारोसा, तुलसी आदि औषधीय व सगंध पौधों की खेती के संबंध में पौधों को लगाने की विधि, प्रति एकड़ अनुमानित उत्पादन, आसवन की प्रक्रिया, आय-व्यय, बाजार की उपलब्धता आदि बिंदुओं पर विस्तार पूर्वक जानकरी प्रदान की। प्रशिक्षण के दौरान उपस्थित किसानों ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि ग्राम स्तर पर विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा लगातार संपर्क कर उन्हें औषधीय पौधों की खेती हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है तथा शासन द्वारा दो बार प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया है, जिससे उन्हें औषधीय पौधों की खेती के संबंध में सभी जानकारियां प्राप्त हुई हैं, इसके खेती के लिये पूरी तरह तैयार हैं।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग व मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत किसानों को चिन्हित कर औषधीय पौधों की खेती हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसानों के साथ-साथ विभागीय स्तर पर उप संचालक कृषि एन.डी. गुप्ता, सहायक संचालक उद्यानिकी, जिला परियोजना प्रबंधक आजीविका मिशन शशांक प्रताप सिंह व विकासखण्ड स्तरीय अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. प्रकाशमणि त्रिपाठी ने कहा कि अमरकण्टक व आसपास के क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की औषधीय वनस्पतियों की प्रचुरता है,जिसे सुनियोजित एवं व्यवस्थित रूप देकर न सिर्फ किसानों की आय बढ़ायी जा सकती है, बल्कि इससे न सिर्फ अमरकंटक बल्कि पूरे जिले की एक विशिष्ट पहचान निर्मित होगी।
विदित हो कि कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना के मार्गदर्शन में जनजातीय विश्वविद्यालय अनूपपुर व सी-मैप लखनऊ के सहयोग से मार्च माह में औषधीय पौधों की खेती हेतु इच्छुक किसानों की दो दिवसीय कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा चुका है। चिन्हित किसानों के निरंतर प्रशिक्षण व क्षमतावर्धन के क्रम में आयोजित द्वितीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में सी-मैप लखनऊ से वरिष्ठ वैज्ञानिक संजय सिंह ने उपस्थित किसान भाई बहनों को लेमनग्रास, पामारोसा, तुलसी आदि औषधीय व सगंध पौधों की खेती के संबंध में पौधों को लगाने की विधि, प्रति एकड़ अनुमानित उत्पादन, आसवन की प्रक्रिया, आय-व्यय, बाजार की उपलब्धता आदि बिंदुओं पर विस्तार पूर्वक जानकरी प्रदान की। प्रशिक्षण के दौरान उपस्थित किसानों ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि ग्राम स्तर पर विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा लगातार संपर्क कर उन्हें औषधीय पौधों की खेती हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है तथा शासन द्वारा दो बार प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया है, जिससे उन्हें औषधीय पौधों की खेती के संबंध में सभी जानकारियां प्राप्त हुई हैं, इसके खेती के लिये पूरी तरह तैयार हैं।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग व मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत किसानों को चिन्हित कर औषधीय पौधों की खेती हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसानों के साथ-साथ विभागीय स्तर पर उप संचालक कृषि एन.डी. गुप्ता, सहायक संचालक उद्यानिकी, जिला परियोजना प्रबंधक आजीविका मिशन शशांक प्रताप सिंह व विकासखण्ड स्तरीय अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित रहे।
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