(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) वन परिक्षेत्र जैतहरी के वेंकटनगर बीट अंतर्गत जरेली के जंगल में शुक्रवार की सुबह 4 दिन बाद पुन:तीन हाथियों का समूह छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही वन मंडल अंतर्गत कुम्हारी बीट में विचरण करते हुए शुक्रवार की सुबह मरवाही के सिवनी से छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा लाघते हुए मध्यप्रदेश के वन परिक्षेत्र जैतहरी के जरियारी, उमरिया,बीड़ गाव होते हुए सुबह 9 बजे कदमसरा के डोगराटोला बांध के पास पहुंचे।जहां महुआ बीन रहे ग्रामीणों ने हाथियों के समूह को बाध में पानी पीकर जंगल की ओर जाते देखकर वन विभाग को सूचना दी।जिस पर परिक्षेत्र सहायक वेंकटनगर आर.एस.शर्मा, वेंकटनगर बीट के वनरक्षक ज्ञानचंद नागेश,गढ़ियाटोला बीट के वनरक्षक बेसाहन सिंह आर्मो, उमरिया बीट के वनरक्षक रमेश सिंह सेंगर, सुरक्षा सैनिकों एवं ग्रामीणों के साथ मौके पर पहुंचकर हाथियों के विचरण पर नजर बनाए हुए हैं।वही हाथियों का समूह आमाडाड गांव के पास से अनूपपुर बेकटनगर पेंड्रा मुख्य मार्ग को पार कर जरेली के जंगल कक्ष क्रमांक आर.एफ. 317 में पूरे पूरे दिन विचरण करते रहे हैं।वन विभाग के अधिकारियों ने जरेली,कदमसरा से लगे गांव के ग्रामीण जनों को अकेले जंगल न जाने,जंगल के किनारे स्थित खेतों में बने कच्चे घरों,झोपड़ियों में रात्रिकालीन समय ना ठहरने, सुरक्षित स्थल पर रहने हाथियों के समूह के आने की सूचना पर वन विभाग तथा संबंधित ग्राम पंचायतों के सरपंचों जनप्रतिनिधियों को दिए जाने तथा सतर्कता बरतने की अपील की है। ज्ञातव्य हो तीन हाथियों का यह समूह 26 एवं 27 मार्च को 2 दिन तक कदमजरा खाल बहरा गढ़िया टोला के जंगलों में पूरे दिन रह कर रात्रिकालीन आसपास के गांव जो जंगलों से लगे हुए 34 ग्रामीणों के घरों तथा खेतवाड़ी में लगी फसलों का नुकसान पहुंचाते हुए 27 मार्च की रात मध्यप्रदेश की सीमा से छत्तीसगढ़ राज्य के वन क्षेत्र मरवाही अंतर्गत बीट कुम्हारी घुसरिया में चले गए थे।जिससे मध्यप्रदेश की सीमा के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली थी।4 दिन बाद पुनः हाथियों के समूह आने से ग्रामीणों में भय का वातावरण बना हुआ है जिससे वह स्वयं भी सतर्कता बरत रहे हैं।
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