(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद सदस्य नरेंद्र सिंह मरावी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति एवं अध्यक्ष कार्यपरिषद को 24 विषय-सूची को आगामी कार्यपरिषद की बैठक की एजेंडा में शामिल करने के संदर्भ में पत्र दिया है।
नरेंद्र सिंह मरावी ने बताया कि छात्र, कर्मचारी, अध्यापक, क्षेत्र के युवा तथा जनता द्वारा जनहित-छात्रहित-समाजहित के 24 महत्वपूर्ण विषयों पर आगामी कार्यपरिषद की बैठक में तत्काल निर्णय लेने के लिए आज ईमेल किया गया है। शिक्षा मंत्रालय तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नए निर्देशों के तहत आगामी शैक्षणिक सत्र 2022-23 में स्नातक स्तर पर प्रवेश 2022 हेतु कॉमन एंट्रेंस टेस्ट आयोजित होने वालाहै। अतः कॉमन एंट्रेंस टेस्ट 2022 में स्थानीय छात्रों एवं जनजातीय युवाओं को मेरिट में लाने के लिए रीवा, सीधी, जबलपुर, कटनी, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडोरि, मंडला इन जिलों में कॉमन एंट्रेंस टेस्ट कोचिंग स्थानीय छात्रों के लिए विशेष कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराने से संबंधित एजेंडा कॉमन एंट्रेंस टेस्ट कोचिंग की व्यवस्था कराना है। कई करोड़ के प्रोजेक्ट के तहत जनजातीय भाषायी संस्कृति के संरक्षण से संबंधित समीक्षा प्रतिवेदन का है। पिछले दस वर्षों में जनजातीय विश्वविद्यालय द्वारा जनजातीय महापुरुषों पर पाठ्यपुस्तक, जनजातीय देवी-देवता, जनजाति समाज, जनजातीय संस्कृति, जनजातीय धर्म संस्कृति, जनजातीय पूजा पद्धति पर पाठ्यपुस्तक प्रकाशित करने का है। जनजातीय महापुरुषों के द्वारा किए गए महान कार्यों पर शोध के लिए भगवान बिरसा मुंडा शोध पीठ, रधुनाथ शाह-शंकर शाह शोध पीठ तथा रानी दुर्गावती शोध पीठ की स्थापना के प्रस्ताव को मंज़ूरी दिलाना है।
नरेंद्र सिंह मरावी ने आगे बताया कि जनजातीय अंचल अमरकंटक स्वास्थ्य सुविधा को बढ़ाने, दूरदराज के इलाकों में इलाज की भरपूर सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए इस इलाके में सेंट्रल मेडिकल कॉलेज,पैरामेडिकल कॉलेज तथा आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज की स्थापना तथा जनजातीय विश्वविद्यालय में कृषि संकाय के अंतर्गत 15 विभागों की स्थापना को मंज़ूरी दिलाना है।
नरेंद्र सिंह मरावी ने आगे बताया कि विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश के लगभग 400 से ज्यादा सीट खाली है, पीएचडी में प्रवेश देने के लिए 400 से ज्यादा रिक्त सीटों पर पीएचडी प्रवेश कराया जाना है। आसपास के अंचल से विश्वविद्यालय में कार्यरत 300से ज़्यादा स्वच्छता कर्मी,गार्ड, दैनिक वेतनभोगी को मेडिकल एलाउंस, अवकाश तथा इनके नियमितिकरण के लिए सेटअप स्वीकृत करना है। कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी सीएसआर के अंतर्गत एसईसीएल से तथा डीएमएफ के अंतर्गत अनूपपुर जिला प्रशासन से आर्थिक मदत के लिए प्राप्तहोने वाली राशि का समाजहित में उपयोग के लिए चर्चा कराए जाने की माँग है।नरेंद्र सिंह मरावी ने आगे बताया की विश्वविद्यालय में 500 से अधिक गैर-शैक्षणिक शैक्षणिक नए पदों को स्वीकृति करना है। विश्वविद्यालय के शिक्षकों के हित में, छात्रों के हित में निर्णय कराया जाना है तथा विश्वविद्यालय में शिक्षकों तथा गैर शैक्षणिक स्टाफ के स्वास्थ्य के लिए 50 बेड का हॉस्पिटल विश्वविद्यालय में स्थापित करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दिलाना है। विश्वविद्यालय में सूचना के अधिकार के तहत सूचना दिए जाने में पारदर्शिता आए इसे भी एजेंडा में सम्मिलित कराना है।वर्ष 2020-21 तथा वर्ष 2021-22 में शिक्षा मंत्रालय के हायर एजुकेशन फंडिंग एजेंसी एचईएफए से भवन निर्माण के लिए करोड़ों रुपए की राशि हस्तांतरित हुई है तथा सीपीडब्ल्यूडी को भगाकर उत्तरप्रदेश की किसी एजेन्सी को टेंडर दिया गया है इस मामले में जाँच समिति का गठन कराना है। विश्वविद्यालय में बिल्डिंग कमेटी, फाइनेंस कमेटी, एकेडमिक काउंसिल तथा एग्जीक्यूटिव काउंसिल सहित अन्य महत्वपूर्ण समितियों में विश्वविद्यालय के अधिनियम के अनुसार अधिक से अधिक संख्या में जनजातीय समुदाय के लोग की भागीदारी कराने पर निर्णय लेना है।
नरेंद्र सिंह मरावी ने बताया कि छात्र, कर्मचारी, अध्यापक, क्षेत्र के युवा तथा जनता द्वारा जनहित-छात्रहित-समाजहित के 24 महत्वपूर्ण विषयों पर आगामी कार्यपरिषद की बैठक में तत्काल निर्णय लेने के लिए आज ईमेल किया गया है। शिक्षा मंत्रालय तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नए निर्देशों के तहत आगामी शैक्षणिक सत्र 2022-23 में स्नातक स्तर पर प्रवेश 2022 हेतु कॉमन एंट्रेंस टेस्ट आयोजित होने वालाहै। अतः कॉमन एंट्रेंस टेस्ट 2022 में स्थानीय छात्रों एवं जनजातीय युवाओं को मेरिट में लाने के लिए रीवा, सीधी, जबलपुर, कटनी, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडोरि, मंडला इन जिलों में कॉमन एंट्रेंस टेस्ट कोचिंग स्थानीय छात्रों के लिए विशेष कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराने से संबंधित एजेंडा कॉमन एंट्रेंस टेस्ट कोचिंग की व्यवस्था कराना है। कई करोड़ के प्रोजेक्ट के तहत जनजातीय भाषायी संस्कृति के संरक्षण से संबंधित समीक्षा प्रतिवेदन का है। पिछले दस वर्षों में जनजातीय विश्वविद्यालय द्वारा जनजातीय महापुरुषों पर पाठ्यपुस्तक, जनजातीय देवी-देवता, जनजाति समाज, जनजातीय संस्कृति, जनजातीय धर्म संस्कृति, जनजातीय पूजा पद्धति पर पाठ्यपुस्तक प्रकाशित करने का है। जनजातीय महापुरुषों के द्वारा किए गए महान कार्यों पर शोध के लिए भगवान बिरसा मुंडा शोध पीठ, रधुनाथ शाह-शंकर शाह शोध पीठ तथा रानी दुर्गावती शोध पीठ की स्थापना के प्रस्ताव को मंज़ूरी दिलाना है।
नरेंद्र सिंह मरावी ने आगे बताया कि जनजातीय अंचल अमरकंटक स्वास्थ्य सुविधा को बढ़ाने, दूरदराज के इलाकों में इलाज की भरपूर सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए इस इलाके में सेंट्रल मेडिकल कॉलेज,पैरामेडिकल कॉलेज तथा आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज की स्थापना तथा जनजातीय विश्वविद्यालय में कृषि संकाय के अंतर्गत 15 विभागों की स्थापना को मंज़ूरी दिलाना है।
नरेंद्र सिंह मरावी ने आगे बताया कि विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश के लगभग 400 से ज्यादा सीट खाली है, पीएचडी में प्रवेश देने के लिए 400 से ज्यादा रिक्त सीटों पर पीएचडी प्रवेश कराया जाना है। आसपास के अंचल से विश्वविद्यालय में कार्यरत 300से ज़्यादा स्वच्छता कर्मी,गार्ड, दैनिक वेतनभोगी को मेडिकल एलाउंस, अवकाश तथा इनके नियमितिकरण के लिए सेटअप स्वीकृत करना है। कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी सीएसआर के अंतर्गत एसईसीएल से तथा डीएमएफ के अंतर्गत अनूपपुर जिला प्रशासन से आर्थिक मदत के लिए प्राप्तहोने वाली राशि का समाजहित में उपयोग के लिए चर्चा कराए जाने की माँग है।नरेंद्र सिंह मरावी ने आगे बताया की विश्वविद्यालय में 500 से अधिक गैर-शैक्षणिक शैक्षणिक नए पदों को स्वीकृति करना है। विश्वविद्यालय के शिक्षकों के हित में, छात्रों के हित में निर्णय कराया जाना है तथा विश्वविद्यालय में शिक्षकों तथा गैर शैक्षणिक स्टाफ के स्वास्थ्य के लिए 50 बेड का हॉस्पिटल विश्वविद्यालय में स्थापित करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दिलाना है। विश्वविद्यालय में सूचना के अधिकार के तहत सूचना दिए जाने में पारदर्शिता आए इसे भी एजेंडा में सम्मिलित कराना है।वर्ष 2020-21 तथा वर्ष 2021-22 में शिक्षा मंत्रालय के हायर एजुकेशन फंडिंग एजेंसी एचईएफए से भवन निर्माण के लिए करोड़ों रुपए की राशि हस्तांतरित हुई है तथा सीपीडब्ल्यूडी को भगाकर उत्तरप्रदेश की किसी एजेन्सी को टेंडर दिया गया है इस मामले में जाँच समिति का गठन कराना है। विश्वविद्यालय में बिल्डिंग कमेटी, फाइनेंस कमेटी, एकेडमिक काउंसिल तथा एग्जीक्यूटिव काउंसिल सहित अन्य महत्वपूर्ण समितियों में विश्वविद्यालय के अधिनियम के अनुसार अधिक से अधिक संख्या में जनजातीय समुदाय के लोग की भागीदारी कराने पर निर्णय लेना है।
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