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जान से मारने का प्रयास करने वाले आरोपी को 07 वर्ष का सश्रम कारावास न्यायालय ने सुनाया फैसला

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) न्‍यायालय माननीय सत्र न्‍यायाधीश रत्‍नेश चंद्र सिंह बिसेन महोदय जिला-अनूपपुर (म.प्र.) के न्यायालय के द्वारा थाना चचाई का अपराध क्र. 04/19 सत्र प्रकरण क्र. 38/19 धारा 458, 323, 506, 307, 450 भादवि पारित निर्णय दिनांक 25.03.2022 आरोपी धर्मेन्‍द्र ऊर्फ बबलू सिंह पिता शिवराज सिंह  उम्र 41 वर्ष निवासी ग्राम बेलाई थाना मनगवां जिला रीवा (म.प्र.) को धारा 307 भादवि के तहत 07 वर्ष सश्रम कारावास एवं 5 हजार रूपये के अर्थदण्ड एवं धारा 450 भादवि के तहत 03 वर्ष सश्रम कारावास एवं 2 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। राज्य की ओर से प्रकरण में लोक अभियेाजक दुर्गेन्‍द्र सिंह भदौरिया के द्वारा पैरवी की गई।
                       अभियोजन मीडिया प्रभारी राकेश कुमार पाण्डेय ने निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 05/01/2019 को रात्रि करीब 01 बजे आहत राजाराम पटेल अपने घर स्थित ग्राम धिरौल में सोया हुआ था तथा घर में दूसरे कमरों में उसके माता-पिता एवं भाई मस्‍तराम सोये हुए थे। तभी अभियुक्‍त धर्मेन्‍द्र उर्फ बबलू उसके घर के आंगन में आकर कमरे के बाहर गैलरी की लाईट बंद किया और कमरे में अंदर आकर फरियादी का मोबाइल उठा लिया और फरियादी के गले में किसी धारदार हथियार से प्रहार किया, तो फरियादी जोर-जोर से चिल्‍लाया। फरियादी के गले से खून की धार बहने लगी। इतने में फरियादी का छोटा भाई मस्‍तराम अपने कमरे से चिल्‍लाते हुए निकलकर बाहर आया, उसने भी देखा कि बबलू ठाकुर निकलकर बाहर भाग रहा था। मस्‍तराम दौडकर बाहर की लाईट जलाया और उसके पीछे दोडा। बबलू ठाकुर गेट खोलकर भागने का प्रयास किया, लेकिन गेट नहीं खोल पाया, तब बाउण्‍ड्री कूदकर बाडी तरफ से भाग गया। कुछ दूर तक मस्‍तराम ने पीछा किया, कितु नही पाया। घटना के बाद अभियुक्‍त जाने से मारने की धमकी दे रहा था। इस बीच आस-पडोस के लोग भी आ गये थे। फरियादी ने सभी को घटना की बात बताई और 100 नंबर डायल करके पुलिस को बुलाया। पुलिस के आने पर फरियादी जिला अस्‍पताल अनूपपुर ले जाया गया, जहां उपचार हेतु फरियादी को भर्ती किया गया। अगले दिन पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध कर मामले की विवेचना कर विवेचना पश्चात् अभियोग पत्र माननीय मटका न्यायालय में पेश किया गया। माननीय न्यायालय ने अपराध को प्रमाणित पाते हुये उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया।

 

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