(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) पवित्र नगरी अमरकंटक क्षेत्र में वनस्पति, औषधि, पौधों को विकसित करने की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के घोषणा के अनुसार कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना के नेतृत्व में जिला प्रशासन, इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक तथा सी-मैप लखनऊ के सहयोग से अमरकंटक क्षेत्र में हर्बल मेडिशनल बॉटनिकल गार्डेन की कार्ययोजना तैयार कर कार्यों को परिणित करने के लिए समन्वय बैठक का वर्चुअल माध्यम से आयोजन किया गया।
वर्चुअल बैठक के माध्यम से कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों तथा सी-मैप के अधिकारियों से चर्चा कर औषधि पौधों के रोपण तथा अन्य आवश्यक कार्यों के संबंध में जानकारी प्राप्त की। सी-मैप तथा आईजीएनटीयू द्वारा योजना का प्रस्तुतिकरण किया गया। कृषि, उद्यान एवं आजीविका परियोजना के अधिकारियों ने हर्बल और औषधि पौधों के रोपण के लिए प्रेरित किसानों की जानकारी साझा की, जिसके अनुसार लगभग 200 कृषकों को मोबलाईज किया जाएगा और लगभग 20 से 25 हेक्टेयर भूमि पर तीन तरह की औषधीय वैरायटी अश्वगंधा, रोष व लेबनग्रास से कार्य की शुरुआत की जाएगी। कृषकों को सी-मैप लखनऊ तथा आईजीएनटीयू के एसोसिएट प्रोफेसर के साथ ही विभागीय अधिकारियों का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। चयनित किसानों को एक्सपोजर विजिट भी कराई जाएगी तथा उत्पाद को लेने के लिए कम्पनियों को भी कृषकों से जोड़ा जाएगा। इससे जहां एक ओर मुख्यमंत्री की घोषणा साकार होगी, वहीं अमरकंटक को नई पहचान मिल सकेगी।
वर्चुअल कांफ्रेंस के माध्यम से आईजीएनटीयू के प्रोफेसर रविन्द्र व प्रोफेसर प्रशांत व प्रोफेसर आशीष माथुर ने तकनीकी पहलुओं के संबंध में जानकारी रखी। वहीं सी-मैप लखनऊ से वर्चुअल माध्यम से जुड़े संजय कुमार ने सी-मैप के सहयोग से देश के अन्य स्थानों पर किए जा रहे औषधीय पौध रोपण तथा उसके उत्पाद की मार्केटिंग, कम्पनियों से टाई-अप आदि के संबंध में प्रस्तुतीकरण किया गया। कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने ग्रामीण आजीविका मिशन, उद्यानिकी, कृषि तथा वन विभाग के अधिकारियों को अष्वगंधा, लेबनग्रास और रोज की खेती की लिए हितग्राहियों को प्रेरित कर तकनीकी मार्गदर्शन के लिए आयोजित कार्यशाला में उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विस्तृत कार्ययोजना बनाकर औषधीय पौधों के रोपण तथा उनके उन्नयन व उत्पाद के लिए मार्केटिंग आदि की सुदृढ़ व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, जिससे कृषकों के सहयोग से किए जा रहे नवाचार को गति मिल सके। उन्होंने कहा कि अमरकंटक क्षेत्र के वायु मंडल के अनुरूप औषधि के खेती का बड़ा महत्व होगा और यहां उत्पादित औषधियों को अच्छा मार्केट भी मिल सकेगा। उन्होंने सभी अधिकारियों को आपसी समन्वय से कार्ययोजना का बेहतर क्रियान्वयन कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा की गई घोषणा साकार करने के निर्देश दिए।
वर्चुअल बैठक के माध्यम से कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों तथा सी-मैप के अधिकारियों से चर्चा कर औषधि पौधों के रोपण तथा अन्य आवश्यक कार्यों के संबंध में जानकारी प्राप्त की। सी-मैप तथा आईजीएनटीयू द्वारा योजना का प्रस्तुतिकरण किया गया। कृषि, उद्यान एवं आजीविका परियोजना के अधिकारियों ने हर्बल और औषधि पौधों के रोपण के लिए प्रेरित किसानों की जानकारी साझा की, जिसके अनुसार लगभग 200 कृषकों को मोबलाईज किया जाएगा और लगभग 20 से 25 हेक्टेयर भूमि पर तीन तरह की औषधीय वैरायटी अश्वगंधा, रोष व लेबनग्रास से कार्य की शुरुआत की जाएगी। कृषकों को सी-मैप लखनऊ तथा आईजीएनटीयू के एसोसिएट प्रोफेसर के साथ ही विभागीय अधिकारियों का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। चयनित किसानों को एक्सपोजर विजिट भी कराई जाएगी तथा उत्पाद को लेने के लिए कम्पनियों को भी कृषकों से जोड़ा जाएगा। इससे जहां एक ओर मुख्यमंत्री की घोषणा साकार होगी, वहीं अमरकंटक को नई पहचान मिल सकेगी।
वर्चुअल कांफ्रेंस के माध्यम से आईजीएनटीयू के प्रोफेसर रविन्द्र व प्रोफेसर प्रशांत व प्रोफेसर आशीष माथुर ने तकनीकी पहलुओं के संबंध में जानकारी रखी। वहीं सी-मैप लखनऊ से वर्चुअल माध्यम से जुड़े संजय कुमार ने सी-मैप के सहयोग से देश के अन्य स्थानों पर किए जा रहे औषधीय पौध रोपण तथा उसके उत्पाद की मार्केटिंग, कम्पनियों से टाई-अप आदि के संबंध में प्रस्तुतीकरण किया गया। कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने ग्रामीण आजीविका मिशन, उद्यानिकी, कृषि तथा वन विभाग के अधिकारियों को अष्वगंधा, लेबनग्रास और रोज की खेती की लिए हितग्राहियों को प्रेरित कर तकनीकी मार्गदर्शन के लिए आयोजित कार्यशाला में उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विस्तृत कार्ययोजना बनाकर औषधीय पौधों के रोपण तथा उनके उन्नयन व उत्पाद के लिए मार्केटिंग आदि की सुदृढ़ व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, जिससे कृषकों के सहयोग से किए जा रहे नवाचार को गति मिल सके। उन्होंने कहा कि अमरकंटक क्षेत्र के वायु मंडल के अनुरूप औषधि के खेती का बड़ा महत्व होगा और यहां उत्पादित औषधियों को अच्छा मार्केट भी मिल सकेगा। उन्होंने सभी अधिकारियों को आपसी समन्वय से कार्ययोजना का बेहतर क्रियान्वयन कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा की गई घोषणा साकार करने के निर्देश दिए।
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