(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित कर ग्रामीण क्षेत्रों का समग्र विकास सुनिश्चित करें। ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने स्वनिधि विकास के लिए प्रेरित किया जाए ताकि वह गांव के साफ-सफाई, प्रकाश एवं पेयजल की बेहतर व्यवस्था का संचालन कर सके। उक्ताशय के निर्देश कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी सुश्री सोनिया मीना ने कलेक्ट्रेट स्थित नर्मदा सभागार में आयोजित पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत संचालित समस्त योजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान दिए। विभागीय योजनाओं का प्रदर्शन पॉवर प्वाइंट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से किया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हर्षल पंचोली, अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी के.के. सोनी, उप संचालक पशु चिकित्सा डॉ. व्ही.पी.एस. चौहान, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री ए.के. सालवे, सर्व शिक्षा अभियान के जिला परियोजना समन्वयक हेमन्त खैरवाल, जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व पंचायत ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं से संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास की समीक्षा करते हुए कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने निर्देश दिए कि लक्ष्य के अनुरूप आवासों के पूर्णता के लिए सतत प्रयास सुनिश्चित किए जांए। उन्होंने कहा कि हितग्राही स्तर तक मानीटरिंग जरूरी है। बैठक में महात्मा गांधी नरेगा के तहत पुराने तालाब, स्टाप डेम, चेक डेम के जीर्णोद्धार एवं नवीनीकरण पर चर्चा करते हुए निर्देश दिए कि जो जल संरचनाएं जीर्ण-शीर्ण हो गई हैं उनका जीर्णोद्धार कर जल संरक्षण और संवर्धन के लिए उपयोगी बनाया जाए। ताकि इन संरचनाओं में स्वरोजगार गतिविधियां जैसे मछली पालन, सिंघाड़ा उत्पादन के बढ़ावा के साथ ही ग्रामीणों को आर्थिक स्वावलम्बी बनाया जा सके। कलेक्टर सुश्री मीना ने अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कर पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण संवर्धन के कार्य उनकी प्राथमिकता के कार्य हैं। ऐसे कार्यों को वर्षा ऋतु के पूर्व पूर्ण कराया जाए। कार्यों की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कार्यों की मानीटरिंग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हर्षल पंचोली ने योजनाओं के संबंध में बिन्दुवार जानकारी रखते हुए जिले में संचालित पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं के अंतर्गत चल रहे निर्माण कार्यों के संबंध में अद्यतन जानकारी से अवगत कराया। समीक्षा बैठक में आधार सीडिंग, समय पर मजदूरी भुगतान, मैदानी अमले के क्षेत्र भ्रमण की मानीटरिंग के लिए बनाये गये मोबाइल एनएमएमएस व क्षेत्र भ्रमण दर्ज करने व गतिविधि की रिपोर्टिंग करने के लिए बनाये गये एरिया ऑफीसर्स एप रिजेक्टेड ट्रांजेक्शन, लेबर बजट के संबंध में भी चर्चा की गई। बैठक में नदी पुनर्जीवन के तहत तिपान नदी पर संचालित प्रोजेक्ट कार्य की समीक्षा करते हुए समीक्षा में बताया गया कि नदी कैचमेंट क्षेत्र में सम्मिलित ग्राम पंचायत की संख्या 34 है। जिसमें माइक्रो वाटर शेड की संख्या 31 है। समीक्षा में उक्त कार्य को विशेष प्राथमिकता में लेकर कार्य का बेहतर प्रदर्शन करने के निर्देश दिए गए। कलेक्टर सुश्री मीना ने स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया गया कि जिले में बनाये गये शौचालय, सामुदायिक स्वच्छता परिसर का उपयोग व उसके स्वच्छता का प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए लोगों के व्यवहार परिवर्तन हेतु समझाईश भी दी जाए। उन्होंने ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन अंतर्गत बेहतर कार्य कर ग्रामीण क्षेत्रों को कचरामुक्त गांव बनाने की दिशा में पहल सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि जिले के पुष्पराजगढ़ विकासखण्ड के मुख्यालय किरगी (राजेन्द्रग्राम) में स्वच्छता, पेयजल, साफ-सफाई, कचरा प्रबंधन प्रणाली आदि के लिए बेहतर प्रयास सुनिश्चित किए जांए। जिसे मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जा सके। उन्होंने जिला समन्वयक स्वच्छ भारत अभियान व जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को आगामी एक माह में निर्देश के अनुरूप कार्य कर अवगत कराने के निर्देश दिए। बैठक में पंचायती राज के कार्यों की समीक्षा के दौरान कलेक्टर सुश्री मीना ने निर्देश दिए कि ग्राम पंचायतों को स्वनिधि संपन्न बनाने के लिए मैदानी अमले के साथ ही जनप्रतिनिधियों का सहयोग प्राप्त कर स्वनिधि अर्जन हेतु ग्रामवासियों से जल कर आदि की वसूली के लिए करारोपण की व्यवस्था प्रारंभ की जाए, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए व्यवस्थाओं का संचालन करने में आवश्यक राशि सुविधाजनक प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतें जल कर, स्वच्छता कर, प्रकाश कर, परिसम्पत्ति कर आदि का स्वकराधान का निर्धारण कर सकती हैं। बैठक में सीएम हेल्पलाईन के लंबित शिकायतों के संतुष्टिपूर्वक निराकरण की दिशा में योजनावार एवं जनपदवार शिकायतों का त्वरित निराकरण के निर्देश दिए गए। बैठक में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए किचेन गार्डन के संचालन पर जोर दिया गया। कहा गया कि प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में जहां मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम संचालित होता है वहां किचेन गार्डन का संचालन बेहतर ढंग से सुनिश्चित हो ताकि छात्र-छात्राओं को पोषणयुक्त ताजी सब्जियां प्राप्त हो।
बैठक में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास की समीक्षा करते हुए कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने निर्देश दिए कि लक्ष्य के अनुरूप आवासों के पूर्णता के लिए सतत प्रयास सुनिश्चित किए जांए। उन्होंने कहा कि हितग्राही स्तर तक मानीटरिंग जरूरी है। बैठक में महात्मा गांधी नरेगा के तहत पुराने तालाब, स्टाप डेम, चेक डेम के जीर्णोद्धार एवं नवीनीकरण पर चर्चा करते हुए निर्देश दिए कि जो जल संरचनाएं जीर्ण-शीर्ण हो गई हैं उनका जीर्णोद्धार कर जल संरक्षण और संवर्धन के लिए उपयोगी बनाया जाए। ताकि इन संरचनाओं में स्वरोजगार गतिविधियां जैसे मछली पालन, सिंघाड़ा उत्पादन के बढ़ावा के साथ ही ग्रामीणों को आर्थिक स्वावलम्बी बनाया जा सके। कलेक्टर सुश्री मीना ने अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कर पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण संवर्धन के कार्य उनकी प्राथमिकता के कार्य हैं। ऐसे कार्यों को वर्षा ऋतु के पूर्व पूर्ण कराया जाए। कार्यों की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कार्यों की मानीटरिंग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हर्षल पंचोली ने योजनाओं के संबंध में बिन्दुवार जानकारी रखते हुए जिले में संचालित पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं के अंतर्गत चल रहे निर्माण कार्यों के संबंध में अद्यतन जानकारी से अवगत कराया। समीक्षा बैठक में आधार सीडिंग, समय पर मजदूरी भुगतान, मैदानी अमले के क्षेत्र भ्रमण की मानीटरिंग के लिए बनाये गये मोबाइल एनएमएमएस व क्षेत्र भ्रमण दर्ज करने व गतिविधि की रिपोर्टिंग करने के लिए बनाये गये एरिया ऑफीसर्स एप रिजेक्टेड ट्रांजेक्शन, लेबर बजट के संबंध में भी चर्चा की गई। बैठक में नदी पुनर्जीवन के तहत तिपान नदी पर संचालित प्रोजेक्ट कार्य की समीक्षा करते हुए समीक्षा में बताया गया कि नदी कैचमेंट क्षेत्र में सम्मिलित ग्राम पंचायत की संख्या 34 है। जिसमें माइक्रो वाटर शेड की संख्या 31 है। समीक्षा में उक्त कार्य को विशेष प्राथमिकता में लेकर कार्य का बेहतर प्रदर्शन करने के निर्देश दिए गए। कलेक्टर सुश्री मीना ने स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया गया कि जिले में बनाये गये शौचालय, सामुदायिक स्वच्छता परिसर का उपयोग व उसके स्वच्छता का प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए लोगों के व्यवहार परिवर्तन हेतु समझाईश भी दी जाए। उन्होंने ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन अंतर्गत बेहतर कार्य कर ग्रामीण क्षेत्रों को कचरामुक्त गांव बनाने की दिशा में पहल सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि जिले के पुष्पराजगढ़ विकासखण्ड के मुख्यालय किरगी (राजेन्द्रग्राम) में स्वच्छता, पेयजल, साफ-सफाई, कचरा प्रबंधन प्रणाली आदि के लिए बेहतर प्रयास सुनिश्चित किए जांए। जिसे मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जा सके। उन्होंने जिला समन्वयक स्वच्छ भारत अभियान व जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को आगामी एक माह में निर्देश के अनुरूप कार्य कर अवगत कराने के निर्देश दिए। बैठक में पंचायती राज के कार्यों की समीक्षा के दौरान कलेक्टर सुश्री मीना ने निर्देश दिए कि ग्राम पंचायतों को स्वनिधि संपन्न बनाने के लिए मैदानी अमले के साथ ही जनप्रतिनिधियों का सहयोग प्राप्त कर स्वनिधि अर्जन हेतु ग्रामवासियों से जल कर आदि की वसूली के लिए करारोपण की व्यवस्था प्रारंभ की जाए, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए व्यवस्थाओं का संचालन करने में आवश्यक राशि सुविधाजनक प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतें जल कर, स्वच्छता कर, प्रकाश कर, परिसम्पत्ति कर आदि का स्वकराधान का निर्धारण कर सकती हैं। बैठक में सीएम हेल्पलाईन के लंबित शिकायतों के संतुष्टिपूर्वक निराकरण की दिशा में योजनावार एवं जनपदवार शिकायतों का त्वरित निराकरण के निर्देश दिए गए। बैठक में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए किचेन गार्डन के संचालन पर जोर दिया गया। कहा गया कि प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में जहां मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम संचालित होता है वहां किचेन गार्डन का संचालन बेहतर ढंग से सुनिश्चित हो ताकि छात्र-छात्राओं को पोषणयुक्त ताजी सब्जियां प्राप्त हो।
ग्रामीण आजीविका मिशन
के कार्यों की समीक्षा बैठक
में कलेक्टर ने दिए निर्देश
के कार्यों की समीक्षा बैठक
में कलेक्टर ने दिए निर्देश
ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की योजनाओं का महत्वपूर्ण योगदान है। महिलाओं को सशक्त कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सशक्त प्रयास किए जाने चाहिए। उक्ताशय के निर्देश कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी सुश्री सोनिया मीना ने कलेक्ट्रेट स्थित नर्मदा सभागार में आयोजित पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए दिए। विभागीय योजनाओं का प्रदर्शन पॉवर प्वाइंट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से किया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री हर्षल पंचोली, एनआरएलएम के जिला कार्यक्रम समन्वयक श्री शशांक प्रताप सिंह सहित ग्रामीण विकास की योजनाओं से जुड़े अधिकारी उपस्थित थे। समीक्षा बैठक में मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत सामुदायिक संस्थागत विकास के तहत नवीन गठित स्वसहायता समूहों, निष्क्रिय समूहों, सामुदायिक संस्थाओं को खाता खोलने, वित्तीय समावेशन, कौशल उन्नयन एवं रोजगार, मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना, आजीविका भवन निर्माण, सामुदायिक संगठनों को राशि अंतरण, स्वसहायता समूहों का क्रेडिट लिंकेज, बैंक सखी कार्ययोजना व विकासखण्डवार ग्रेडिंग की समीक्षा की गई। कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन स्वसहायता समूहों के गठन की प्रक्रिया पूर्ण करने व निष्क्रिय समूहों को सक्रिय करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि स्वसहायता समूहों को वित्तीय समावेशन के तहत बैंकों से जोड़कर उन्हें आर्थिक मदद उपलब्ध कराई जाए। प्रकरण तैयार कर बैंकों में प्रस्तुत करते हुए उन प्रकरणों में राशि के वितरण की कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए मानीटरिंग व समन्वय भी सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कौशल उन्नयन एवं रोजगार के तहत ग्रामीण पथ विक्रेता योजना अंतर्गत स्वरोजगारियों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने, रोजगार के उपलब्ध अवसरों के संबंध में प्रशिक्षित करने व रोजगार मेले का आयोजन कर रोजगार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। कलेक्टर सुश्री मीना ने जिले के जैतहरी, कोतमा, अनूपपुर एवं पुष्पराजगढ़ विकासखण्डों में चयनित 14 स्थलों पर आजीविका भवन निर्माण के स्थल चयन उपरांत निर्माण की कार्यवाही प्रारंभ कर प्रगति लाने तथा जिन स्थलों पर स्थल का चयन नहीं किया गया है उन स्थलों का चयन कर निर्माण कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए।
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