(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) राज्य नगरीय यांत्रिकी सेवा अंतर्गत निकायों में पदस्थ उपयंत्रियो को कार्यक्षेत्र में पदीय कार्यों के संपादन में आ रही समस्याओ के सम्बन्ध में नगरीय निकाय के उपयंत्रियो ने अधीक्षण यंत्री नगरीय प्रशासन एवं विकास रीवा संभाग रीवा को एक 7 सूत्रीय ज्ञापन सौंपकर उनके कार्य कार्य क्षेत्र में आ रही व्यावहारिक समस्याओं, विसंगतियों एवं कठिनाइयों के सम्बन्ध में सुधार कराये जाने हेतु निवेदन किया है।
निकाय के उपयंत्रियो से गैर
तकनीकी कार्य लिया जाना
शासन के पत्र क्र. 366/स्था-01/2020 भोपाल दिनांक 070-2021 अनुसार निर्देश जारी है की विभाग में पदस्थ उपयंत्रियो से गैरतकनीकी कार्य ना लिए जावें। निर्देशों के उपरान्त भी निकाय में पदस्थ 100 से अधिक अन्य कर्मचारी होने के बावजूद एकमात्र पदस्थ तकनीकी कर्मचारी अधिकारी से विभागाध्यक्ष द्वारा अक्सर गैर तकनीकी कार्य जैसे स्वच्छता, राजस्व वसूली, चतुर्थ श्रेणी लिपिक के कार्य व अन्य ऐसे हितग्राही मूलक कार्य में ड्यूटी लगा कर व्यस्त कर देने के कारण उपयंत्री तकनीकी कार्यों का संपादन सही ढंग से नहीं कर पाते है परिमाण स्वरुप तकनीकी कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे है। उपयंत्री द्वारा पहले से ही निकाय में होने वाले समस्त तकनीकी कार्यों जैसे भवन अनुज्ञा, जलप्रदाय,निर्माण, प्रधानमंत्री आवास इत्यादि का संपादन कराया जा रहा है। संभागीय उपसंचालक के पत्र क्र./या.प्र./2003/1299 रीवा दिनांक 03/06/2003 का अवलोकन हो जिसमें उपयंत्री के पदीय कार्यों का विवरण ..है। उपयंत्री गण अनुरोध करते है की हमें गैरतकनीकी कार्यों में संलग्न ना किया जाए ताकी हम पूरी क्षमता से तकनीकी कार्य का संपादन कर सकें।
तकनीकी गुणवत्ता
परीक्षण ना कराया जाना
संभागीय कार्यालय नगरीय प्रशासन एवं विकास रीवा संभाग रीवा के पत्र क्र./या./ प्र./2017/129 रीवा, दिनांक 25/01/2017 एवं पत्र क्र./या./ प्र./2015/1628 रीवा, दिनांक 18/12/2015 अनुसार निकाय द्वारा क्रय की गयी सामग्री में, सामग्री क्रय किये जाने पूर्व सामग्री का एस ओ आर के प्रावधानों के अनुरूप स्पेसिफिकेशन निर्धारित करना एवं सामग्री आने के बाद उसका गुणवत्ता परीक्षण तकनीकी अधिकारी कर्मचारी से कराये जाने के कड़े निर्देश होने के उपरांत भी कई निकायों द्वारा बगैर उपयंत्री से सामग्री का स्पेसिफिकेशन निर्धारित कराये उनका गुणवत्ता परीक्षण करवाए बगैर सामग्री क्रय की जा रही है फलस्वरूप निकायों में अमानक व् घटिया स्तर की सामग्री सप्लायर द्वारा दी जाने पर उसकी जानकारी नहीं हो पाती एवं सामग्री उपयोग के दौरान शिकयाते होती है। यदि
इसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारी से कके जाती है तो विभाग अध्यक्ष इसे अपनी प्रतिष्ठा मान कर तकनीकी कर्मचारी से द्वेष रख अपने पदीय अधिकार का उपयोग कर विभिन्न प्रकार से प्रतडित करने लगते है। संभागीय उपसंचालक के पत्र क्र./या.प्र./2003/1299 रीवा दिनांक 03/06/2003 अनुसार संलग्न सभी कर्मचारियों के जॉब चार्ट में उपयंत्री पद द्वारा सम्पादित होने वाले कार्यों में स्टोर का संचालन एवं संधारण करने का भी कार्य सरल क्रमांक 10 में दिया हुए है इसके उपरांत भी उपयंत्री से स्टोर का संचालन एवं संधारण ना कराया जाकर किसी गैर तकनीकी चतुर्थ श्रेणी लिपिक से कराया जाता है।एवं विना विभाग के उपयंत्रियो का नगरीय निकाय में संलग्नीकरण शासन के पत्र क्र. ऍफ़ 4-82/2009/18-1 भोपाल दिनांक 23/05/2009 का अवलोकन हो जिसमें निर्देशित किया गया है कि मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 89 अनुसार राज्य शासन के कर्मचारी की पदस्थापना व्यवस्था का अधिकार सिर्फ राज्य शासन को है। इसके बावजूद कई निकायों में राज्य यांत्रिकी सेवा के उपयंत्री जो ईमानदारी से पदस्थ जगह पर कार्य कर रहे है उन्हें नियम विरुद्ध तरीके से कही अन्य निकाय पर जिला एवं संभाग के अधिकारीयों द्वारा संलग्न कर दिया जाता है जिससे कर्मचारी में अपमान, हीनभावना आती है व कार्य दक्षता प्रभावित होती है। यह भी देखने में आया है कि कुछ निकायों में राज्य शासन से अनुमति लिए वगैर नियम विरुद्ध तरीके से अन्य विभाग जैसे जनपद पीडब्ल्यूडी इत्यादि विभाग के उपयंत्रियो को पदस्थ कर दिया जाता है जिन्हें अधिनियम का ज्ञान भी नहीं होता । जबकि मुख्यनगर पालिका अधिकारी की भाँती विभाग के ही उपयंत्री को अन्य निकाय का अतिरिक्त प्रभार व्यवस्था होने तक दिया जा सकता है।
यांत्रिकी प्रकोष्ठ में
अन्य पदों पर भर्ती
अन्य पदों पर भर्ती
परिषदों में यांत्रिकी प्रकोष्ठ में प्रायः उपयंत्री के अतिरिक्त कोई तकनीकी (समय पाल, ऑपरेटर) कर्मचारी स्टाफ उपलब्ध नहीं होते जिससे तकनीकी कार्य अत्यधिक प्रभावित होते है जबकि कार्मिक संरचना में तकनीकी प्रकोष्ठ में कई पद होते है अतः कार्मिक संरचना अनुसार न्यूनतम स्टाफ की पूर्ती करायी जावे।
गैर तकनीकी
अधिकारीयों
द्वारा लोब्बिंग
अधिकारीयों
द्वारा लोब्बिंग
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा जारी लागू आदेश क्र० ऍफ़-4-145/2010/18 भोपाल, दिनांक 01/08/2012 न.प्र. विभाग के कार्मिक संरचना के अनुसार “संचालनालय से निकाय स्तर तक" यांत्रिकी सेवा एवं प्रशासनिक सेवा पृथक पृथक है।कार्मिक संरचना के अनुसार संचालनालय एवं संभागीय कार्यालय की तरह, नगरीय निकायों में भी तकनीकी अमले के काम-काज के संचालन की पृथक-पृथक व्यवस्था होनी चाहिए। ऐसा ना हो पाने के कारण निकाय एवं विभाग में पदस्थ उपयंत्री सहा. के नियम विरुद्ध अनैतिक कार्य में सहयोग ना करने पर, गैर तकनीकी अधिकारी के तकनीकी रूप से संतुष्ट ना होने पर, गैर तकनीकी अधिकारी विभाग प्रमुख व वरिष्ठ अधिकारीयों द्वारा तकनीकी अधिकारी कर्मचारी के विरुद्ध लोब्बिंग की जाकर नोटिस, वेतन रोकने इत्यादि द्वारा उन्हें मानसिक प्रताड़ना दी जाती है व वरिष्ठालय को झूठी शिकायत कर बगैर उनका पक्ष सुने एक पक्षीय रूप से उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही कर दी जाती है। यांत्रिकी प्रकोष्ठ पूर्ण रूप से अलग किया जावे।
कार्य विभाग मैन्युअल के
प्रावधानों को लागू कराया जाना
प्रावधानों को लागू कराया जाना
यह की निकाय के विभाग अध्यक्ष द्वारा कार्य विभाग मैन्युअल के प्रावधानों के अनुसार अंतिम देयक में माप पुस्तिका में वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं लिए जाते। इस संबंध में हम श्रीमान जी से अनुरोध करते है कि नियम एवं प्रावधानों के अनुरूप दिशा निर्देश जारी करने की कृपा करें।
यांत्रिकी प्रकोष्ठ
की समीक्षा बैठक
की समीक्षा बैठक
यह की यांत्रिकी प्रकोष्ठ की पृथक से समीक्षा बैठक संभाग में नहीं होती जिसके कारण कार्यक्षेत्र में आ रही विभिन्न व्यवहारिक समस्याओं का निराकरण नहीं हो पाता। अतः श्रीमान जी से अनुरोध है कि यांत्रिकी प्रकोष्ठ की प्रत्येक माह पृथक से समीक्षा बैठक ली जाए।
नगरीय निकाय मध्यप्रदेश शासन के उपयंत्रियो ने अधीक्षण यंत्री महोदय नगरीय प्रशासन एवं विकास रीवा संभाग रीवा से निवेदन किया है कि उपयंत्रियो की समस्याओ का यथाशीघ्र निराकरण कर निकायों को निर्देश जारी करने की कृपा करें जिससे अपने पदीय कार्यों का संपादन उपयंत्री अच्छी तरह से कर सकें।
नगरीय निकाय मध्यप्रदेश शासन के उपयंत्रियो ने अधीक्षण यंत्री महोदय नगरीय प्रशासन एवं विकास रीवा संभाग रीवा से निवेदन किया है कि उपयंत्रियो की समस्याओ का यथाशीघ्र निराकरण कर निकायों को निर्देश जारी करने की कृपा करें जिससे अपने पदीय कार्यों का संपादन उपयंत्री अच्छी तरह से कर सकें।
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