(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) स्वर्गीय कुशाभाऊ ठाकरे जन्म शताब्दी वर्ष को भाजपा संगठन द्वारा पर्व के रूप में मनाने का जो फैसला लिया गया निश्चित ही यह उनके किए कार्यो का परिणाम है।उन्होंने कहा कि जनसंघ को स्थापित करने में मध्यप्रदेश सहित राष्ट्रीय स्तर में स्वर्गीय कुशाभाऊ ठाकरे के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। उक्त आशय के विचार आयोजित एक कार्यक्रम में लोकतंत्र सेनानी मूलचंद अग्रवाल ने कहा।उन्होंने कहा कि स्वर्गीय श्री ठाकरे जी कार्यकर्ताओं से परिवार की तरह व्यवहार करते थे राष्ट्रीय अध्यक्ष बने लेकिन कभी उन्हें घमंड नहीं रहा वह सबसे मिलनसार रूप में मिलते थे।सन 1965 में सोहागपुर विधानसभा चुनाव के तारतम्य में वह आए हुए थे जब नानकराम रुचंदानी चुनाव लड़ रहे थे उस वक्त अनूपपुर भी उसी क्षेत्र में था उनका जब से परिचय था और उनके साथ केंद्रीय कार्यालय में 2 वर्ष कार्य करने का अनुभव भी था। उन्होंने कहा कि रीवा संभाग की बैठक में भी वह उनके साथ थे।इसके अलावा स्वर्गीय ठाकरे जी पर एक पुस्तक का प्रकाशन भी किया गया था उसमें भी उनके दो लेख प्राथमिकता के साथ प्रकाशित हुए थे।उन्होंने कहा कि उनकी याददाश्त बहुत मजबूत थी उन्होंने कहा कि वे नाम से उन्हें पहचानते थे।
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