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राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का निराकरण एक माह की समयावधि में सुनिश्चित करायें -कमिश्नर राजीव शर्मा

 

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राजस्व न्यायालय अनूपपुर, कोतमा और जैतहरी में लगभग 
5035  प्रकरण लंबित कमिश्नर ने व्यक्त की कड़ी नाराजगी
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(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) कमिश्नर शहडोल संभाग राजीव शर्मा ने अनूपपुर कलेक्टर कार्यालय में राजस्व सेवा अभियान की समीक्षा बैठक के दौरान शहडोल संभाग के सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का निराकरण एक माह की समयावधि में करना सुनिश्चित करें। कमिश्नर ने निर्देशित करते हुए कहा कि राजस्व न्यायालयों के निरीक्षण के दौरान राजस्व प्रकरण राजस्व न्यायालयों में लंबित पाए जाते हैं, तो संबंधित राजस्व अधिकारी के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। कमिश्नर ने राजस्व न्यायालय अनूपपुर, राजस्व न्यायालय जैतहरी, राजस्व न्यायालय कोतमा में बड़ी संख्या में राजस्व प्रकरण लंबित रहने तथा लगभग 5035 प्रकरणों में सुनवाई के लिए पेशी नहीं देने के कारण राजस्व प्रकरण लंबित रहने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की तथा राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि राजस्व प्रकरणों का निराकरण 15 दिवसों की अवधि में करना सुनिश्चित करायें, अन्यथा सख्त कार्यवाही के लिए तैयार रहें। कमिश्नर ने कहा कि सभी राजस्व अधिकारी समय पर राजस्व न्यायालयों में और कार्यालयों में उपस्थित होकर किसानों की समस्याएं सुनें तथा उनके राजस्व प्रकरणों का निराकरण प्राथमिकता के साथ करें। कमिश्नर ने निर्देश दिए कि राजस्व न्यायालयों का सम्मान और गरिमा बनाये रखने के लिए राजस्व अधिकारी निर्धारित दिवसों में अनिवार्य रूप से राजस्व न्यायालयों में बैठें तथा राजस्व संबंधित न्यायालयीन प्रकरणों का निराकरण सुनिश्चित करायें। कमिश्नर ने कहा कि शहडोल संभाग के सभी राजस्व अधिकारी राजस्व न्यायालयों में उपस्थित रहकर कार्य करें और राजस्व न्यायालयों में अच्छा काम कर सम्मान अर्जित करें। कमिश्नर ने कहा कि राजस्व न्यायालय का कार्य ईश्ववरीय कार्य है। राजस्व न्यायालयों के माध्यम से लोगों को समय पर न्याय मिलना चाहिए। बैठक में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की समीक्षा करते हुए कमिश्नर ने राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि शहडोल संभाग में कहीं भी अतिक्रमण ना हो, इसकी व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि नये अतिक्रमण होने की स्थिति में यह समझा जाएगा कि इसमें राजस्व अधिकारी की मूक सहमति है और संबंधित राजस्व अधिकारी के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। कमिश्नर ने कहा कि राजस्व अधिकारियों की उदासीनता के कारण शहडोल संभाग में बेशकीमती शासकीय भूमि पर अतिक्रमण हुए है। उन्होंने कहा कि नये अतिक्रमण के मामलों में सख्ती से रोक लगायें। बैठक में डायवर्सन की वसूली की समीक्षा करते हुए कमिश्नर ने राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि शहडोल संभाग के प्रमुख मार्गों के किनारे कई व्यावसायिक प्रतिष्ठान आवासों में संचालित हैं। व्यावसायिक प्रयोग में लिए जा रहे इन व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की भी राजस्व अधिकारी जांच करें तथा व्यवसाय के दायरे में आने की स्थिति में ऐसे व्यावसायिक भवनों के मालिकों को नोटिस जारी कर उनसे डायवर्सन की राशि वसूली की कार्यवाही करें। कमिश्नर ने निर्देश दिए कि सभी राजस्व अधिकारी सूचना तंत्र को सशक्त बनायें। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले घटनाओं की जानकारी राजस्व अधिकारियों को सबसे पहले होना चाहिए। इसके लिए सभी राजस्व अधिकारी अपने सूचना तंत्र को बेहतर से बेहतर बनायें। बैठक में कमिश्नर ने अविवादित नामांतरण, डायवर्सन के प्रकरणों की भी समीक्षा की गई। बैठक में कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना, अपर कलेक्टर  सरोधन सिंह, उपायुक्त राजस्व बी.के. पाण्डेय, संयुक्त आयुक्त विकास  कनेश, जिले के समस्त अनुभागों के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), समस्त तहसीलदार, समस्त नायब तहसीलदार उपस्थित थे। 

प्रकृति का संरक्षण और संवर्धन 
करें राजस्व अधिकारी- कमिश्नर 

कमिश्नर शहडोल संभाग राजीव शर्मा ने कहा कि अनूपपुर जिला प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है। इसकी समृद्धि में उत्तरोत्तर वृद्धि होना चाहिए। कमिश्नर ने कहा कि सभी राजस्व अधिकारियों का यह दायित्व है कि पेड़-पौधों की सुरक्षा करें। पौधरोपण के लिए लोगों को प्रेरित करें और अनावश्यक रूप से पेड़ कटाई की अनुमति ना दें। बहुत आवश्यक होने पर ही जनहित में पेड़ कटाई की अनुमति दें। कमिश्नर ने कहा कि शहडोल संभाग में जैव विविधता से समृद्ध स्थानों को चिन्हित किया जाए। पुरातात्विक स्थलों का संरक्षण भी किया जाए। उन्होंने राजस्व अधिकारियों से कहा कि वे प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण स्थलों, ऐतिहासिक धरोहरों को आने वाली पीढ़ी के लिए संरक्षित करके रखे।  

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