मरम्मत कार्य होने तक
वैकल्पिक मार्ग से वाहन आएंगे जाएंगे
(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) जिले में गुरुवार,8 जुलाई की शाम 6 बजे से रात्रि 1 बजे तक संकट में फंसी 150 से अधिक जानों के लिये तो मानों अनूपपुर के कुछ गिने- चुने पत्रकार ही बड़ा सहारा बनकर उभरे। 2003 में जिला गठन के बाद पहली बार बड़े संकट के विकराल अवसर पर अनूपपुर जिला असहाय, अनाथ नजर आया। अनूपपुर- राजेन्द्रग्राम के बीच किरर घाट सिद्ध बाबा के पास ढह कर नीचे वाली अगली सडक पर जा गिरा। कई टन मिट्टी, छोटे- बड़े पत्थरों, पेड़ों का मलबा सड़क पर जा गिरा तो सडक दोनों ओर से बन्द हो गया। जिसके बीच लगभग बीस से अधिक बसों,कारों में 150 से अधिक बच्चे, महिलाएं, पुरुष यात्रियों की जान सांसत में आ गयी घनघोर जंगल में लोगों ने आठ घंटे दहशत भरे गुजारे।भीषण बारिश,अंधकार और घाट से गिरते मलबे के बीच यात्रियों में चीख पुकार मच गयी यही नहीं जंगली जानवरों का भय भी सताने लगा। जो जहाँ था,वहीं फंस कर रह गया।इनमें से डाक्टर ब्रजनंदन शुक्ला,डा. देवेन्द्र तिवारी जैसे जागरुक कुछ यात्रियों ने इसकी सूचना जिला मुख्यालय के कुछ वरिष्ठ पत्रकारों को दी। जिन्होंने कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना सहित अन्य उच्चाधिकारियों को इसकी जानकारी दी।
जानकारी के तीन
घंटे बाद पहुंचा अमला
कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों को समय पर सूचना देने के बावजूद 08.30 बजे रात्रि तक जब मौके पर कोई नहीं
पहुंचा तो एक बार फिर कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना के साथ शहडोल कमिश्नर राजीव शर्मा , एडीजीपी जी. जनार्दन को किरर घाट में डेढ़ सौ से अधिक जिन्दगियों के खतरे में होने की जानकारी दी गयी। मामले की गंभीरता को देखते हुए तब तक प्रशासन सक्रिय हो चुका था और पुष्पराजगढ एसडीएम अभिषेक चौधरी ( आईएएस) तहसीलदार, थाना प्रभारी एवं अनूपपुर से एडीएम कमलेश पुरी , एडिशनल एसपी अभिषेक राजन, एसडीओपी सुश्री कीर्ति सिंह बघेल, तहसीलदार आदित्य द्विवेदी, कोतवाली अनूपपुर नगर निरीक्षक खेमसिंह पेंद्रो सहित अन्य अधिकारी - कर्मचारी लगभग पौने नौ बजे जेसीबी वगैरह ले कर राजेन्द्रग्राम और अनूपपुर , दोनों छोर से सड़क से मलबा हटाने ,जाम खुलवाने की जद्दोजहद में लग गये। तेज बारिश और अंधेरे के बावजूद अधिकारी, कर्मचारी मौके पर जमे रहे।जमकर मेहनत की गयी तब जाकर पहले राजेन्द्रग्राम की तरफ का जाम खुला और रात्रि लगभग 01.00 बजे अनूपपुर की ओर छोटी ,बडी गाड़ियों को रवाना किया जा सका।
पहुंचा तो एक बार फिर कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना के साथ शहडोल कमिश्नर राजीव शर्मा , एडीजीपी जी. जनार्दन को किरर घाट में डेढ़ सौ से अधिक जिन्दगियों के खतरे में होने की जानकारी दी गयी। मामले की गंभीरता को देखते हुए तब तक प्रशासन सक्रिय हो चुका था और पुष्पराजगढ एसडीएम अभिषेक चौधरी ( आईएएस) तहसीलदार, थाना प्रभारी एवं अनूपपुर से एडीएम कमलेश पुरी , एडिशनल एसपी अभिषेक राजन, एसडीओपी सुश्री कीर्ति सिंह बघेल, तहसीलदार आदित्य द्विवेदी, कोतवाली अनूपपुर नगर निरीक्षक खेमसिंह पेंद्रो सहित अन्य अधिकारी - कर्मचारी लगभग पौने नौ बजे जेसीबी वगैरह ले कर राजेन्द्रग्राम और अनूपपुर , दोनों छोर से सड़क से मलबा हटाने ,जाम खुलवाने की जद्दोजहद में लग गये। तेज बारिश और अंधेरे के बावजूद अधिकारी, कर्मचारी मौके पर जमे रहे।जमकर मेहनत की गयी तब जाकर पहले राजेन्द्रग्राम की तरफ का जाम खुला और रात्रि लगभग 01.00 बजे अनूपपुर की ओर छोटी ,बडी गाड़ियों को रवाना किया जा सका।
150 से अधिक जिन्दगियों के
लिये दहशत से भरे वो 8 घंटे
अनूपपुर राजेन्द्रग्राम मार्ग पर दो स्थानों पर घाट के धंसक जाने से किरर के सबसे खतरनाक हिस्से में एक दर्जन से अधिक वाहनों में लगभग 150 लोग बुरी तरह फंस गये । घाट की मिट्टी ,पत्थर , पेड़, पानी की तेज धार के बीच घाट के खतरनाक तरीके से धंसकने की आशंका के बीच इसकी सूचना देने के बावजूद , मीडिया के लगातार ध्यानाकर्षण के बाद भी जिला प्रशासन , एसडीआरएफ , एमपीआरडीसी, लोकनिर्माण ,पुलिस की टीम जब घंटों वहाँ नहीं पहुंची तो लोग दहशत मे आ गये। बसों, वाहनों में भूखे, प्यासे यात्रियों का कष्ट कमिश्नर श्री शर्मा ने महसूस किया।उन्होंने अधिकारियों को घटना स्थल पर एंबुलेंस, पानी, बिस्कुट, नमकीन आदि लेकर रवाना किया। अधिकारी- कर्मचारियों ने भी मौके पर पहुंच कर सराहनीय साहस, धैर्य, कर्तव्यनिष्ठा का परिचय दिया।
एक साल से क्षतिग्रस्त
है सिद्ध बाबा मोड़
किरर घाट धंसकने की घटना अचानक रातों रात नहीं हुई है। एक वर्ष पूर्व बारिश में सिद्ध बाबा मोड़ पर घाट कटाव खतरनाक स्थिति में था। तब से एक वर्ष तक एमपीआरडीसी और अन्य संबंधित अधिकारी आंख - कान बन्द किये पडे रहे। इस वर्ष की पहली बारिश मे घाट के ढहने की आशंका जाहिर की जा रही थी। समय पर मरम्मत कराया जाता तो नुकसान इतना बड़ा नहीं होता।
अनूपपुर-अमरकंटक
सड़क मार्ग प्रतिबंधित
प्रशासन द्वारा जेसीबी के माध्यम से अवरुद्ध किरर घाट मार्ग को बहाल कर दिया है। वाहनों को निकलने की व्यवस्था कर दी गई है। अमरकंटक-अनूपपुर मार्ग को सुधारने के लिए कार्य अभी शुरु नही हुआ है। मार्ग को सुचारू रूप से चालू करने में समय लगेगा। मार्ग निर्माण होनेतक अमरकंटक-अनूपपुर मार्ग में आवागमन पूर्णतः प्रतिबंधित रहने की आशंका है।
कलेक्टर ने किया स्थल
का दौरा दिए दिशा निर्देश
जिले की कलेक्टर सोनिया मीना 8 जुलाई 2021 की शाम अनूपपुर राजेंद्रग्राम मार्ग के पर किरर घाट के में सिद्ध बाबा मंदिर के पास पहाड़ की मिट्टी धसकने (लैंडस्लाइड ) होने से सड़क मार्ग पर आवागमन अवरुद्ध हो गया था उस स्थल का प्रातः दौरा किया एवं अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए। शुक्रवार और शनिवार के दरमियान रात प्रशासन के अथक प्रयासों से रास्ते को आवागमन के लिए कुछ समय के लिए खोला गया। जिसके बाद अनूपपुर कलेक्टर द्वारा उक्त मार्ग में बेरिकेट कराकर आवागमन सड़क दुरुस्त होने तक बंद करा दिया गया। बताया गया कि कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने मरम्मत कार्य होने तक अमरकंटक और अनूपपुर मार्ग में आवागमन पर रोक लगा दी है।
जिससे मार्ग सुधार कर वाहनों की चलने के लिए बनाया जा सके।
कलेक्टर के साथ अनूपपुर जिले का प्रशासनिक अमला भी लैंडस्लाइड की जगह पहुंचा।फिलहाल कलेक्टर ने आवागमन पर रोक लगाकर किरर घाट की मरम्मत का कार्य में तेजी लाने के निर्देश संबंधित लोगों को दिए।कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना का कहना है कि अमरकंटक अनूपपुर मार्ग को दुरुस्त कर जल्द ही आवागमन की बहाली कर दी जाएगी।
अधिकारियों के
प्रति जताया आभार
अनूपपुर-राजेन्द्रग्राम मार्ग अभी नहीं खुला है। पूरी तरह से सही होने में अधिक समय लग सकता है। कमिश्नर राजीव शर्मा, कलेक्टर सोनिया मीना,एडीएम सरोधन सिंह, एसडीएम अनूपपुर कमलेश पुरी, एसडीएम अभिषेक चौधरी,एडिशनल एसपी अभिषेक राजन एसडीओपी सुश्री कीर्ति सिंह बघेल, कोतवाली नगर निरीक्षक खेम सिंह ,आदित्य द्विवेदी, नरेन्द्र पाल सहित अन्य लोगों के सराहनीय कार्य के लिये लोगों ने जिले के सभी कर्मठ अधिकारियों को हृदय से धन्यवाद, आभार प्रकट किया है। सैकड़ो यात्रियों की जान- माल की रक्षा करने के लिये उक्त सभी अधिकारियों ने सराहनीय कार्य किया।
मरम्मत कार्य चलने तक किरर
घाटी मार्ग का आवागमन प्रतिबंधित
वैकल्पिक मार्ग से होगा आना जाना
बुढ़ार-अमरकंटक एसएच-37 मार्ग पर स्थित किरर घाटी में भारी वर्षा के कारण हुए भू-स्खलन से मार्ग क्षतिग्रस्त हो जाने के फलस्वरूप मरम्मत कार्य किए जाने तक इस मार्ग पर समस्त प्रकार का आवागमन यातायात पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा, ताकि किसी प्रकार की अप्रिय दुर्घटना से बचा जा सके।
संभागीय प्रबंधक, म.प्र. सड़क विकास निगम लि. शहडोल ने उक्त आशय की जानकारी देते हुए बताया कि आवागमन हेतु वैकल्पिक मार्ग निर्धारित किए गए हैं। शहडोल व बुढ़ार से जाने वाले वाहनों हेतु बुढ़ार-अमरकंटक मार्ग के किमी 23 से अनूपपुर तक (अनूपपुर-दर्री-खेरवा एमडीआर मार्ग) व अनूपपुर-जैतहरी होकर राजेन्द्रग्राम तक (बुढ़ार-अमरकंटक मार्ग के किमी 43 पर) का मार्ग खुला रहेगा तथा अमरकंटक से आने वाले वाहनों हेतु बुढ़ार-अमरकंटक मार्ग के किमी 43 (राजेन्द्रग्राम) से अनूपपुर तक (राजेन्द्रग्राम से जैतहरी होकर अनूपपुर) व शहडोल बुढ़ार आने वाले वाहन अनूपपुर से अमलाई-चचाई, अनूपपुर से दर्री-खेरवा एमडीआर मार्ग व राष्ट्रीय राजमार्ग-43 का प्रयोग कर सकेंगे।
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