(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में आज 20 अप्रैल 2021 को प्रातः 11.00 बजे से कोरोना नियंत्रण के संबंध में जिला क्राईसेस मैनेजमेंट समिति की बैठक की गई है। जिसमें बढ़ते करोना संक्रमण को देखते हुए काफी कुछ पाबंदियां लगाई जा सकती हैं।आज पाबंदियां लगाना समय की जरूरत है।देखा जा रहा है कि अनूपपुर जिले में काफी तेजी से कोरोना संक्रमण मरीजों की दिन प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है जिसकी चैन को तोड़ने के लिए मध्यप्रदेश की तरह अनूपपुर जिले में भी पाबंदियां लगाना आज की जरूरत महसूस की जा रही है। कोरोना संक्रमण तमाम प्रयासों के बाद भी तेजी से शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में भी अपने पांव जमा चुका है जिससे हर कोई परेशान नजर आता है।मध्यप्रदेश सरकार ने कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के उद्देश्य की गई व्यवस्थाओं के अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण हेतु मंत्री परिषद के माननीय सदस्यों को प्रभारी बनाया गया था।जिसमें मंत्री खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण बिसाहूलाल सिंह की जिम्मेदारी में अनूपपुर, शहडोल एवं सीधी जिला मुख्यालय था।जिसमें अनूपपुर को छोड़कर हर जगह कड़ी पाबंदियां लगाई गई। 14 अप्रैल 2021 को अनूपपुर में समीक्षा बैठक आयोजित की गई जिसमें करोना की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला क्राइसिस मैनेजमेंट समिति, जनप्रतिनिधियों एवं सामाजिक संगठन के प्रतिनिधियों के साथ कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु आवश्यक बैठक संपन्न हुई।जिसमें करोना कर्फ्यू से उत्पन्न स्थितियों का स्थानीय व्यक्तियों के रोजगार मजदूर एवं व्यवसाय को दृष्टिकोण रखते हुए कुछ निर्णय लिए गए जिसमें शुक्रवार सायं 6.00 बजे से सोमवार सुबह 6.00 बजे तक कोरोना कर्फ्यू लागू रहने का आदेश किया गया एवं शेष दिन करोना कर्फ्यू लागू नहीं रहेगा के आदेश पारित किए गए।जिससे अनूपपुर जिला मुख्यालय की व्यवस्थाएं पूरी तरह से बिगड़ गई बाजार में भीड़ बढ़ गई और देखते देखते कोरोना का ग्राफ दिन प्रतिदिन काफी ऊंचा चला गया।जिसको देखते हुए विरोध प्रारंभ हो गया इन सब बातों का ख्याल रखते हुए कोविड-19 के प्रभारी मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने आज फिर से जिला मुख्यालय में क्राइसिस मैनेजमेंट समिति के साथ बैठक लेने का निर्णय लिया जिसमें काफी कुछ पाबंदियां लगाने पर विचार विमर्श किया जा सकता
है।
छूट मिलते ही तेजी
से बढ़ा करोना का ग्राफ
जिले में 13 से 18 अप्रैल यानी पिछले 05 दिनों में कोरोना के मामले बढ़कर 637 तक पहुंच गए हैं। वहीं, 06 लोगों की इस बीमारी से 05 दिन में मौत दर्ज की गई है। जबकि पहले ही लगातार बढ़ते संक्रमण को देखते जिला प्रशासन ने 9 अप्रैल से 19 अप्रैल तक का लॉकडाउन भी घोषित किया था।पर आदेश होते ही व्यापारी संघ को लॉकडाउन का आदेश सही नही लगा और सड़कों पर उतर कर इसका विरोध करना शुरू कर दिया। जिसके बाद यह आदेश कुछ ही दिनों में संशोधित कर दिया गया और बाजार सप्ताह में 5 दिनों के लिए 12 घंटे के लिए खोल दिया गया और अब हालात यह है कि अनुपपुर जिले में एक दिन में लगभग 200 पॉजिटिव केश मिल रहे है।
जमकर बाजारों में
शॉपिंग के लिए उमड़े लोग
जैसे ही लॉकडाउन के आदेश में अनूपपुर जिला प्रशासन ने संसोधन किया सभी कोरोना को भूल गए और जमकर बाजारों में शॉपिंग के लिए उमड़े पडे। इसके चलते कोरोना के संक्रमण के ग्राफ में तेजी आ गई। इसके बाद अब शादी-ब्याह का सीजन शुरू हो गया जहाँ बाजारों में फिर भीड़ शुरू हो रही है लोग सोशल डिस्टेंस व मास्क को भूल गए जहाँ से भी संक्रमण का ग्राफ ऊंचा उठने लगा।
कोरोना के खिलाफ
लड़ाई में दोषी कौन
तो क्या हम ये कह सकते हैं कि कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में व्यापारी संघ कामयाब हो गए हैं? जिस तरीके से अनूपपुर व्यापारी संघ ने कलेक्ट्रेट पहुच कर कोरोना गाइड लाइन की धज्जियां उड़ाई,खूब फोटो सेसन हुआ सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म में लॉकडाउन का विरोध जताया गया और प्रशासन व आपदा प्रबंधन समिति को निर्णय बदलने के लिए व्यापारी संघ ने ज्ञापन के माध्यम से सोशल मीडिया के माध्यम से तथा अन्य माध्यमों से मजबूर किया गया और अब अनूपपुर जिले में लगातार संक्रमण का ग्राफ बढ़ रहा है जिसका दोषी व्यापारी संघ को मानना चाहिए? व्यापारी संघ अपनी दुकानों में न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करा रहा है और ना ही मास्क के लिए ग्राहकों को रोक-टोक रहा है।
डॉक्टरों का कहना है
वायरस ख़ास पैटर्न पर
डॉक्टरों का कहना है कि वायरस ख़ास पैटर्न पर चलता है और अगर इसके ख़िलाफ़ लड़ाई में ज़रा भी ढील दी जाए तो ये फिर से लौट आता है।अभी हम महामारी के बीच में हैं और जब तक आख़िरी मामला समाप्त नहीं होगा तब तक हम ये नहीं कह सकते हैं कि हम जीत गए हैं।वो कहते हैं, 'अभी तक कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ समाधान बायोसाइंस में देखे जा रहे हैं, बायोमेडिकल एप्रोच से सोचा जा रहा है. लेकिन मुझे लगता है कि हमें सामाजिक नज़रिए से भी सोचना होगा मास्क के प्रतिशत नज़रिया बदलने से भी वायरस के ख़िलाफ़ लड़ाई मज़बूत हुई है। लोगों का व्यवहार बदलने पर भी ज़ोर देना होगा।ये देखा गया है कि लोगों का व्यवहार बदलने से भी कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई मज़बूत हुई है।
लॉकडाउन आदेश को लेकर
फिर से निर्णय की आवश्यकता
अन्य जगहों के लोग इस महामारी से बचने के लिए स्वत: ही लॉकडाउन किये हुए है।लेकिन अनूपपुर को अनलॉक करवा कर व्यापारी संघ ने इस छोटे से शहर को भी कोरोना संक्रमण की संख्या में महानगरों की बराबरी पर ला खड़ा कर दिया।वह दिन दूर नही है अगर ऐसे ही 5 दिनों की 12 -12 घंटों का अनलॉक व्यवस्था चलता रहा तो अनूपपुर की भयावह तस्वीर सामने आ सकती है।जिसके जिमेददार कौन होगा वह अभी से तय कर दिया जाना चाहिए।क्योंकि हमने कुछ दिनों पहले छतीसगढ़ के रायपुर में लोगो को कोरोना से पीड़ित व्यक्ति को बेड दिलाने के लिए हॉस्पिटल प्रबंधक के सामने हाथ पैर जोड़ते हुए कोरोना पीड़ित परिजनों को देखा है।वहाँ न बोरो में भरा पैसा काम आ रहा है और न ही वी आई पी दर्जे की सिफारिश। इसलिए एक बार फिर अनूपपुर जिले में लॉक डाउन के नियमो में बदलाव की जरूरत है।
भेड़ बकरियों की तरह सब्जी
मंडी दे रही कोरोना को बढ़ावा
जिला प्रशासन ने सब्जी मंडी को लेकर निर्णय निर्णय जरूर लिया।लेकिन मौजूदा सब्जी मंडी से थोक एवं फुटकर सब्जी विक्रेताओं को अलग अलग करने में कामयाबी अवश्य पाई। लेकिन देखा गया कि जिस स्थान पर थोक सब्जी मंडी लगाई गई थी वहां लोग भेड़ बकरियों की तरह एकत्रित हो गए थे।मास्क को लोग भूल गए थे जिससे करोना संक्रमण तेजी से फैलने की आशंका बनी रही।
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