(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) कलेक्टर चन्द्रमोहन ठाकुर ने जिला आपूर्ति अधिकारी समेत मुख्य कार्यपालन अधिकारियों जनपद एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारियों को हिदायत दी है कि वे सुनिश्चित करें कि मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना के तहत कार्डधारी वृद्धों एवं दिव्यांगों को उनके घरों तक सेल्समैन के माध्यम से समय पर राशन पहुंच जाए। इन अधिकारियों को यह जवाबदारी संयुक्त रूप से निभानी होगी। कलेक्टर ने यह निर्देष समय सीमा पत्रों की समीक्षा बैठक में दिए। बैठक में अपर कलेक्टर सरोधन सिंह, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मिलिन्द कुमार नागदेवे एवं अनुविभागीय अधिकारी पुष्पराजगढ़ अभिषेक चौधरी समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर ने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत यह देखा जाए कि हर पंचायत एवं हरेक नगरपालिका क्षेत्र में ऐसे कितने वृद्ध एवं दिव्यांग हैं, जिनके घरों पर सेल्समैन जाकर राशन दे रहे हैं और इसकी नियमित मानीटरिंग की जाए। कलेक्टर ने अनुविभागीय अधिकारियों राजस्व एवं तहसीलदारों को निर्देषित किया कि शासकीय भूमि पर कितने अतिक्रमण हुए हैं, उसकी पहचान कर संबंधितों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज करें तथा कितने रकबे की भूमि अतिक्रमण से मुक्त कराई है, उसका लेखा-जोखा रखा जाए।
कलेक्टर ने राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरणों की स्थिति पर असंतोष जताते हुए लंबित प्रकरणों का तत्परता से निराकरण करने के राजस्व अधिकारियों को निर्देष दिए। उन्होंने कहा कि अगर इन प्रकरणों के निस्तारण की रफ्तार बढ़ा ली जाए, तो अच्छी स्थिति हासिल की जा सकती है। उन्होंने छः माह से अधिक अवधि के लंबित नामांतरण, सीमांकन एवं बंटवारे के प्रकरणों के निराकरण की रफ्तार बढ़ाने के निर्देष दिए। उन्होंने 6 माह से अधिक अवधि के सीमांकन प्रकरणों के निराकरण की स्थिति शून्य पर लाने के निर्देष दिए और 6 माह एवं सालभर पुराने बंटवारे के प्रकरण छांटकर उनका निराकरण करने के राजस्व अधिकारियों को निर्देष दिए।
कलेक्टर ने कृषि गिरदावरी का सत्यापन कराने तथा भूमि बंधक प्रकरणों का निराकरण कराने के राजस्व अधिकारियों को निर्देष दिए। कलेक्टर ने लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम के तहत आवेदकों को समय सीमा में वांछित सेवाएं प्रदाय करने पर जोर देते हुए इसके तहत समय सीमा से बाहर चले गए प्रकरणों की रिपोर्ट रोजाना उन्हें वाट्सएप पर उपलब्ध कराने के निर्देष दिए। कलेक्टर ने सीएम हेल्पलाइन के तहत लंबित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए 100 दिवस से अधिक पुरानी शिकायतों के निराकरण की गति बढ़ाते हुए इनकी संख्या घटाने के निर्देष दिए।
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