Anchadhara

अंचलधारा
!(खबरें छुपाता नही, छापता है)!

आदिवासी नेता की उपेक्षा कांग्रेस को किस दिशा में ले जाएगी जिला कांग्रेस अध्यक्ष के चलते जिले में तेजी से फैली गुटबाजी

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंचलधारा) विधानसभा उपचुनाव के बाद कांग्रेस की गुटबाजी उभर कर सामने आ गई।उपचुनाव के मध्य ही प्रदेश कांग्रेस के अनूपपुर विधानसभा उपचुनाव प्रभारी एन.पी. प्रजापति के चलते गुटबाजी ने जन्म ले लिया था और कांग्रेस की विधानसभा उपचुनाव में फजीहत के बाद गुटबाजी काफी तेजी से बढ़ गई।उसके बाद भी मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आज दिनांक तक जिला कांग्रेस के अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल को पद से मुक्त नहीं किया।जिससे वह कांग्रेस की बची कुची शाख को भी बट्टा लगाने में लगे हुए हैं।हाल ही में कांग्रेस के मध्यप्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक के अनूपपुर आगमन पर पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक फुन्देलाल सिंह मार्को का जिस तरह से जिला कांग्रेस ने अपमान किया वह चर्चा का विषय बना हुआ है।चुनाव के समय यही पुष्पराजगढ़ विधायक पदयात्रा कर कांग्रेस के चुनाव प्रचार को गति देने का काम कर रहे थे अपने गृह ग्राम को छोड़कर जिला मुख्यालय में दिन-रात पार्टी के लिए मेहनत कर रहे थे। लेकिन उनको ही जिला कांग्रेस अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल ने साइट का रास्ता दिखा दिया।जबकि सभी को मालूम था कि जिला कांग्रेस अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल केवल बिसाहूलाल सिंह के लिए काम कर रहे थे।उन्होंने भाजपा प्रत्याशी रहे बिसाहूलाल सिंह के खिलाफ कांग्रेस पार्टी से सबसे डमी कैंडिडेट विश्वनाथ सिंह को टिकट इसलिए दिलाया कि उनके शुभचिंतक भाजपा प्रत्याशी बिसाहूलाल सिंह अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र में ऐतिहासिक मतों से चुनाव जीत जाए और हुआ भी वैसे ही। उसके बावजूद भी मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के कानों में जूं तक नहीं रेंगी।जिसका परिणाम है जिला कांग्रेस के अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल अब कांग्रेस के अंदर ही गुटबाजी फैलाने का काम युद्ध स्तर पर चालू कर दिए हैं।जिसका परिणाम होगा कि आने वाले नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेश के लिए मुश्किल की घड़ी खड़ी हो जाएगी।कांग्रेस पार्टी मैं केवल एक प्रत्याशी आशीष त्रिपाठी जो अध्यक्ष पद के दावेदार होंगे वह अपने कर्मों से अपने पिता प्रेम कुमार त्रिपाठी एवं माता श्रीमती उषा त्रिपाठी पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष  के विकास कार्यों एवं उनकी उदार प्रवृत्ति से चुनाव जीतेंगे कांग्रेस पार्टी की बदौलत नहीं।आशीष त्रिपाठी अपने आप में वह नाम है जिनके आगे और पीछे किसी पार्टी की जरूरत नहीं वह निर्दलीय भी लड़कर चुनाव डंके की चोट पर अध्यक्ष पद का जीत जाएंगे।क्योंकि अनूपपुर के मतदाताओं की पहली पसंद आशीष त्रिपाठी एक सामाजिक कार्यकर्ता जो 24 घंटे लोगों की सेवा की भावना रखकर हमेशा तत्पर रहते हैं वह अपनी मान प्रतिष्ठा के कारण नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव 2021 में जीतेंगे।इसमें कांग्रेस पार्टी श्रेय लेने का कार्य करेगी तो वह उचित नहीं है।जिला कांग्रेस अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल के रहते अगर पार्षदों के चुनाव में  खाता भी खोल ले तो बहुत है। आदिवासी नेता पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक फुन्देलाल सिंह मार्को कि जिस तरह से उपेक्षा की जा रही है आदिवासी जिले में तो आने वाले समय में कांग्रेस पार्टी काफी पीछे चली जाएगी।ज्ञातव्य हो कि भाजपा की लहर में भी पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी ने हार का मुंह नहीं देखा।देखना है आने वाले समय में आदिवासी विधायक की उपेक्षा को कांग्रेस हाईकमान कितनी गंभीरता से लेता है और कांग्रेस को भाजपा विधायक एवं भाजपा मंत्री बिसाहूलाल सिंह के कहे अनुसार आने वाले समय में जिले से पूरी तरह मुक्त कर दिया जाएगा उसमें जिला कांग्रेस के अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल की भूमिका जग जाहिर हो रही है कि वह वास्तव में कांग्रेस को जिले से मुक्त करने के लिए कार्य निरंतर कर रहे हैं।जो कि मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी के आगमन पर स्पष्ट हो गया।उसके बाद भी मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी जिला कांग्रेस अध्यक्ष की गतिविधियों को संज्ञान में नहीं ले रही। जिससे कांग्रेस के सक्रिय और वास्तविक कार्यकर्ता नाराज और हताश है।अगर इन कार्यकर्ताओं की उपेक्षा होती रही तो आने वाले समय में वास्तव में अनूपपुर जिले में कांग्रेस का नाम लेने वाला कोई नेता नहीं बचेगा।अच्छा हो कि मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ जी एवं मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी मुकुल वासनिक जी अनूपपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष के पार्टी विरोधी गतिविधियों की जांच कराकर तत्काल पद से मुक्त करें और इसके साथ ही उन लोगों को भी पद मुक्त करें जो कभी बिसाहूलाल सिंह के खासम खास होते थे और वे पार्टी का पद लेकर बैठे हुए हैं वह भी पार्टी की नैया डुबाने का काम कर रहे हैं।उन्हें भी पद मुक्त कर कांग्रेश के वास्तविक लोगों सक्रिय लोगों को पद पर बैठाया जाए तो निश्चित ही कांग्रेस पार्टी पूर्व की तरह संगठित होकर मजबूत होगी और कांग्रेस के वास्तविक कार्यकर्ताओं में उत्साह का वातावरण निर्मित होगा।आदिवासी कांग्रेस विधायक की उपेक्षा कांग्रेश के लिए काफी भारी पड़ सकती है।देखना है पार्टी आने वाले समय में क्या फैसला पार्टी की मजबूती के लिए और कार्यकर्ताओं को संगठित करने के लिए लेती है इसी का इंतजार सभी को है।

Post a Comment

0 Comments