(हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) मामला पर्यटन नगरी थाना अमरकंटक का वर्ष 2017 का है,राज्य सरकार ने मामले को गंभीर मानते हुए,इसे गंभीर ओर सनसनीखेज मामला घोषित किया था, बुधवार दिनाँक 4/11/20 को शाम विशेष न्यायाधीश न्यायाधीश (एससी/एसटी) एक्ट अ एवं जिला और सत्र न्यानयाधीश कृष्णकांत शर्मा के न्याएयालय के द्वारा आरोपी रमेश सिंह नायक उम्र 30 वर्ष निवासी थाना अमरकंटक जिला अनूपपुर को भादवि की धारा 376, 306 ओर एससी/एसटी एक्ट की धाराओं में दोषी पाते हुए अधिकतम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है,ओर तीन हजार के जुर्माना का भी दंड पारित किया है।
मामला गंभीर एवं सनसनी घोषित होने से राज्य की ओर से जिलां अभियोजन अधिकारी रामनरेश गिरी ने मामले की पैरवी करते हुए प्रकरण न्यायालय में पेश होते ही योजनाबद्ध तरीके से अभियोजन का संचालन किया और अभियोजन साक्ष्य समाप्त होने पर मामले को तर्कपूर्ण ढंग से साबित करते हुए माननीय उच्चतम न्यायालय ओर उच्च न्याायालय के निर्णयो को नजीर के रूप में पेश करते हुए माननीय न्यायालय में लिखित/मौखिक बहस करते हुए आरोपी का कृत्य अत्यंत गंभीर बताते हुए ,उसे कठोर से कठोर से सजा देने की मांग की।
घटना की जानकारी देते हुए मीडिया प्रभारी राकेश कुमार पाण्डेोय ने बताया कि दिनांक 11/10/2017 को रिपोर्टकर्ता अपने पति के साथ पुलिस थाना अमरकंटक में उपस्थित होकर इस आशय का लिखित आवेदन प्रस्तुत की कि मृतका उसकी छोटी बहन की पुत्री है, जो उसके साथ लगभग 15 वर्षो से रह रही है। दिनांक 09/10/2017 की सुबह करीब 03 बजे आरोपी जो उसके गांव में चाय-पानी की होटल किये है उसके घर आकर रिपोर्टकर्ता को अपने साथ होटल ले गया जहां जाकर रिपोर्टकर्ता ने देखा कि मृतका जली हुई हालत में बुलेरों गाडी में लेटी थी। मृतका ने उसे बताया कि आरोपी ने उसके साथ गलत काम किया है इसलिए वह अपने ऊपर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा ली है।मृतिका ने उसे यह भी बताया कि आग से जलने के बाद आरोपी आया और घटना किसी को बताने पर उसे जान से मारने की धमकी भी दिया।उसके बाद मृतिका बेहोश हो गयी।मृतिका को सामुदायिक स्वाास्थन केंद्र राजेन्द्रग्राम तथा वहां से अनूपपुर जिला चिकित्साकलय लाया गया जहां शाम करीब 04 बजे उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गयी। थाना अमरकंटक द्वारा रिपोर्ट किये जाने पर आरोपी विरुद्ध अपराध क्रमांक 157/17 दर्ज कर सम्पूर्ण विवेचना पश्चात मामला माननीय न्यायालय में विचारण हेतु प्रस्तुत किया गया, न्यायालय ने अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य, ओर बचाव पक्ष द्वारा प्रस्तुत बचाव सुनने के बाद आरोपी का कृत्य अत्यंत गंभीर बताते हुए आरोपी को उपरोक्त दंड से दंडित किया है।
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