हिमांशु बियानी/जिला ब्यूरो
अनूपपुर (अंचलधारा) मत्स्यपालन गतिविधियों के माध्यम से ग्रामीण जनो की आजीविका में सुधार हेतु सतत रूप से प्रयास किए जा रहे हैं। मत्स्यपालकों को विभागीय योजनाओ की जानकारी देने के साथ-साथ उन्नत तकनीकि द्वारा
मत्स्यपालन कर अधिक लाभ अर्जित करने हेतु सतत रूप से विभागीय मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। उक्त के अनुक्रम में ग्राम पंचायत डोला की आजीविका समूह की महिलाओं को 5 दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। प्रशिक्षण में सरस्वती स्वसहायता समूह, हंस नगर स्वसहायता समूह, प्रेमनगर स्वसहायता समूह, जिज्ञासा स्वसहायता समूह एवं दीप स्वसहायता समूह को अनुपयोगी कोयले की खदानो में केज कल्चर के माध्यम से मत्स्यपालन का प्रशिक्षण दिया गया। उल्लेखनीय है कि इन खदानों को 10 वर्ष की लीज पर मत्स्यपालन गतिविधियों के लिए चिन्हित समूहों को दिया गया है एवं शासकीय सहयोग से केज लगवाए गए लगवाए गए हैं जिनमें मत्स्यपालन गतिविधियाँ वर्तमान में संचालित हो रही है।
मत्स्यपालन कर अधिक लाभ अर्जित करने हेतु सतत रूप से विभागीय मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। उक्त के अनुक्रम में ग्राम पंचायत डोला की आजीविका समूह की महिलाओं को 5 दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। प्रशिक्षण में सरस्वती स्वसहायता समूह, हंस नगर स्वसहायता समूह, प्रेमनगर स्वसहायता समूह, जिज्ञासा स्वसहायता समूह एवं दीप स्वसहायता समूह को अनुपयोगी कोयले की खदानो में केज कल्चर के माध्यम से मत्स्यपालन का प्रशिक्षण दिया गया। उल्लेखनीय है कि इन खदानों को 10 वर्ष की लीज पर मत्स्यपालन गतिविधियों के लिए चिन्हित समूहों को दिया गया है एवं शासकीय सहयोग से केज लगवाए गए लगवाए गए हैं जिनमें मत्स्यपालन गतिविधियाँ वर्तमान में संचालित हो रही है।
इसके साथ ही विश्व मत्स्य दिवस के अवसर पर मत्स्य पालन समूह समितियों के सदस्यों को योजनाओं की जानकारी, मत्स्य पालन गतिविधियों का प्रशिक्षण एवं प्रमाण पत्र का वितरण किया गया। इस दौरान सहायक संचालक मत्स्य एस एस परिहार, सहायक संचालक उद्यान वी डी नायर, सहायक मत्स्य अधिकारी एस एस मिश्रा एवं मत्स्य निरीक्षक कुमारी वर्षा उपस्थित थीं।
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