Anchadhara

अंचलधारा
!(खबरें छुपाता नही, छापता है)!

विरोधी एकता का मिसाल बना वरिष्ठ कांग्रेस के नेता और राजनीतिक चिंतक शंकर प्रसाद शर्मा का जन्मदिन

हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता राज्य परिषद के सदस्य कामरेड विजेंद्र सोनी एडवोकेट के निवास पर 2 सितंबर को शाम 6.00 बजे वरिष्ठ कांग्रेस के नेता और राजनीतिक चिंतक शंकर प्रसाद शर्मा जन्मदिन केक काटकर के मनाया गया।

आयोजन के पीछे मकसद था कि जो राजनीति के पुराने वयोवृद्ध राजनीतिक साथी हैं उन से अनूपपुर के जन इतिहास पर चर्चा की जाए।इस आयोजन मे भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश द्विवेदी, मोहम्मद इब्राहिम भाई, इसरार भाई, तथा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शंकर प्रसाद शर्मा ,प्रेम कुमार त्रिपाठी ,भगवती प्रसाद शुक्ला, संतोष अग्रवाल, वासुदेव चटर्जी, रिटायर्ड शिक्षिका श्रीमती रमा यादव, पर्यावरण और जैव विविधता पर काम कर रहे साथी संजय पयासी, राम नारायण पांडे, उमेश सिंह उपस्थित थे । उक्त कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन करते हुए शंकर प्रसाद शर्मा जी के जन्मदिन पर अनूपपुर के जन इतिहास को रिकॉर्ड किया गया।अनूपपुर को बनते बिगड़ते समझते जिन लोगों ने अपनी आंखों से देखा है उसको साझा कर रिकॉर्डिंग की गई। यह एक बेहतरीन पहल थी अनूपपुर के जन इतिहास को समझने के लिए। ज्ञात रहे कि शंकर प्रसाद शर्मा 89 वर्ष के हो गए सबसे पुराने नागरिक और राजनेता जिनकी स्मृतियां आज उसी तरीके से कायम जैसे युवा अवस्था के दिनों में थी।
हमारे राजनीतिक समाज के सरोकार पर एक साथ विभिन्न विचारधारा के लोगों का समावेश बार-बार इस बात की ओर संकेत करता है वैचारिक विरोध के बावजूद सामाजिक एकता के सवाल पर अनूपपुर का हर राजनीतिक व्यक्ति राजनीतिक मंच पर खड़ा है।
युवा एक्टिविस्ट संजय पयासी ने बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि किसी भी भूभाग में बसती हुई आबादी का इतिहास अगर हम अतीत को खंगाले तो मानव समाज के बसने का इतिहास नदियों से जुड़ा हुआ है । पूरी मानव सभ्यता नदियों की इर्द-गिर्द ही अपने जीवन यापन के उपाय ढूंढती है,अनूपपुर का सौभाग्य है कि वह सोन और नर्मदा जैसी दो महान नदियों के तट पर बसा है,उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अनूपपुर का जल जंगल और पहाड़ आज भी एक शोध का विषय है।
यहां पर जैव विविधता के बहुत से साक्ष्य मौजूद हैं पूरे देश के अंदर लुप्त हो रही लकड़ियों की प्रजातियों के बड़े जंगल आज भी हमारे जिले में मौजूद है।आसपास की नदियों के संबंध में जनजातियों और उनके उद्भव और विकास के संबंध में काम करने की बहुत जरूरत है।
तभी वास्तविक रूप से अनूपपुर के जन इतिहास को समझा जा सकता है। राजनीतिक विकास की कहानियों के अलग संदर्भ हो सकते है लेकिन अतीत में गांव से शहर कैसे बना खेती और पशुओं के संबंध में हमारी चिंतन परंपरा क्या रहे , नदियों का अस्तित्व हमारे जीवन को कहां तक प्रभावित किया ऐसे तमाम विषय भी हैं जिन पर एक शोध पर काम किया जाना आवश्यक महसूस किया जा रहा है ।
उन्होंने सभी वरिष्ठ राजनीतिक नेताओं से इस बात पर भी अपील की कि जिले के अंदर जनजातियां, पशु पक्षी, नदी, पहाड़ , जय विविधता के वृक्ष ,जड़ी बूटियां, तमाम ऐसे विषय हैं जिस पर गंभीर चिंतन किया जा कर के अनूपपुर को मध्यप्रदेश में एक अलग आयाम दे करके स्थापित किया जा सकता है। वरिष्ठ भारतीय जनता पार्टी के नेता ओमप्रकाश द्विवेदी ने पिछले तमाम अपने राजनीतिक जीवन के अनुभव को साझा करते हुए अनूपपुर में विकास कार्यों और हर तरीके की मुसीबतों के विरुद्ध एकजुटता के साथ खड़े रहने के अनूपपुर के नागरिकों के इतिहास को साझा किया।बासुदेव चटर्जी ने अपने अनुभव साझा किए।कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ कांग्रेसी नेता भगवती प्रसाद शुक्ला और कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ एडवोकेट संतोष कुमार अग्रवाल ने की। पिछले 26 अगस्त को हुई घटना का जिक्र करते हुए सभी राजनेताओं ने इस पर अफसोस जाहिर की और एक प्रस्ताव पारित किया ।26 अगस्त 2020 को जो घटना घटी है वे बेहद अफसोस जनक है कुछ लोगों ने कुछ अराजक युवाओं के द्वारा पोस्ट वायरल करनी है और उसके बाद मारपीट के बाद जो संप्रदायिक रूप देने की कोशिश की की गई उसकी सभी लोगों ने निंदा की।अनूपपुर का इतिहास सांप्रदायिक सद्भाव और एकता का परिचायक का इतिहास रहा है , उक्त तिथि को दोनों वर्गों के असामाजिक तत्वों द्वारा जो किया गया उसकी निंदा करते हैं और भविष्य में सांप्रदायिक सद्भाव को बनाए रखने के लिए एकजुट रहेंगे।संप्रदायिक सद्भाव के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए प्रस्ताव पारित किया गया।सभी नेताओं ने चर्चा पर इस बात पर भी जोर दिया कि विकास के साथ-साथ रोजगार मूलक अवस्थाओं के संबंध में राजनीतिक चेतना का विस्तार किया जाना चाहिए। सभी लोगों ने युवाओं से अपील किया कि व्हाट्सएप विश्वविद्यालय अपने को मुक्त करते हुए सही दिशा में शिक्षा की तरफ ध्यान दें।राजनीतिक और वैज्ञानिक शिक्षा साहित्य और शास्त्र पढ़ने से मिलती है ना कि सोशल मीडिया में आई हुई गैर जरूरी सूचनाओं से
प्रसिद्ध फोटोग्राफर उमेश सिंह, हाजी एहसानुलहक,हाजी अब्दुल रज्जाक भी उक्त कार्यक्रम में मौजूद रहे। कामरेड बिजेंद्र सोनी ने अपने आवास में आए सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया है और उम्मीद जाहिर की कि आने वाले दिनों में संप्रदायिक सद्भाव के लिए एक साथ मिलकर के अनूपपुर जिले के अंदर काम किया जाएगा और अनूपपुर के जन इतिहास को संपादित कर उसे एक दस्तावेज के रूप में प्रकाशित किया जाएगा।

Post a Comment

0 Comments