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इं.गां.रा.ज.वि.ने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी-2020 पर आयोजित कॉनक्लेव में ऑनलाइन प्रतिभागिता की

(हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा)  इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक ने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी -2020 पर आयोजित कॉनक्लेव में ऑनलाइन प्रतिभागिता की। कॉनक्लेव ’’ट्रांसफॉरमेशनल रिफार्मस इन हायर एजुकेशनल’’ विषय पर था केन्द्रित था। कॉनक्लेव के उद्घाटन सत्र में स्वागत भाषण प्रो. डी.पी. सिंह, चेयरमेन, यूजीसी ने दिया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति ड्राफ्ट समिति के अध्यक्ष डॉ. के. कस्तूरीरंगन ने शिक्षा नीति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमने इस नीति में नवाचार, अनुसंधान पर विशेष ध्यान दिया है। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए कक्षा पांचवी तक मातृभाषा और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा दी जाएगी जिससे उनका संपूर्ण विकास हो सके। शोध के क्षेत्र में क्वालिटी शोध की ओर ध्यान दिया जाएगा ताकि हम वैश्विक स्तर पर अपने अनुसंधान को लेकर जा पाएं। सचिव उच्च शिक्षा विभाग, अमित खरे ने कहा कि हमारी शिक्षा नीति का स्वरूप वैश्विक है परंतु आत्मा भारतीय है। उन्होंने कहा कि शिक्षा की सार्थकता तभी है जब वह विद्यार्थी के संपूर्ण विकास में सहायक हो। रमेश पोखरियाल ‘निशंक‘, माननीय मंत्री, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने नेतृत्व और दिशा-निर्देश द्वारा इस शिक्षा नीति को इस स्वरूप में साकार किया। यह नीति हर क्षेत्र, हर दिशा में दूर तक जाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह शिक्षा नीति विश्व की अन्य नीतियों से इस बात में पृथक है कि इस मूल्य परक शिक्षा नीति द्वारा हम हमारे प्रधानमंत्री जी का नये भारत के निमार्ण का जो सपना है उसे साकार कर पाएंगे। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने उद्बोधन में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में आज का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि लगभग तीन से चार साल के विचार-विमर्श, लाखों सुझावों के मंथन बाद हमने इसे पारित किया। यह नीति टुकड़ों में सोचने की बजाय ‘होलिस्टिक एप्रोच‘ पर जोर देती है। हमें सोच को वैश्विक बनाना है पर अपनी जड़ों से जुड़े रहना है। हमें वॉट टू थिंक की बजाय हॉउ टू थिंक पर जोर देने की आवश्यकता है। शिक्षा समाज को बदलने का माध्यम है। हमें हमारी शिक्षा को भारत के वर्तमान को सशक्त एवं समृद और भविष्य को उज्जवल बनाने का माध्यम बनाना होगा ताकि हम सभी क्षेत्रों में विकास कर पाएं। इस ऑनलाइन कॉनक्लेव में कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी के साथ सभी विभागों के अधीष्ठाता एवं संकायाध्यक्ष उपस्थित थें जिन्होंने इस शिक्षा नीति के शीघ्र क्रियान्वयन का निर्णय लिया और यथाशीघ्र इसकी प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी।

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