(हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की दसवीं कक्षा की परीक्षा में एम.बी. पावर बाल भारती पब्लिक स्कूल जैतहरी के विद्यार्थियों ने लगातार तीसरे साल सराहनीय प्रदर्शन किया। इशिता अग्रवाल ने 92.6 फीसदी अंक के साथ स्कूल में प्रथम स्थान हासिल किया
है। स्कूल का परिणाम शत प्रतिशत रहा। स्कूल से 26 विद्यार्थियों ने दसवीं बोर्ड की परीक्षा दी थी, जिनमें से 17 विद्यार्थियों ने प्रथम श्रेणी से परीक्षा पास की। सात विद्यार्थियों ने सोशल साइंस में 90 फीसदी से अधिक अंक हासिल किए, वहीं चार विद्यार्थियों ने हिंदी में 90 फीसदी से अधिक अंक हासिल किए। अंग्रेजी का सर्वाधिक अंक 91 फीसदी, विज्ञान का 95 फीसदी, हिंदी का 95 फीसदी और सोशल साइंस का 98 फीसदी रहा। बोर्ड परीक्षा देने वाले इन 26 विद्यार्थियों में से 19 विद्यार्थी उन परियोजना प्रभावित परिवारों से हैं, जिन्हें यहां निः शुल्क शिक्षा दी जाती है। कंपनी के सीओओ एवं प्लांट हेड बसंत कुमार मिश्रा ने इन सफल विद्यार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी हैं। बाल भारती के प्रिंसिपल हितेश तिवारी ने खुशी जताते हुए कहा, ‘‘विद्यार्थियों ने अपने बेहतर प्रदर्शन से हमें गौरवान्वित किया है। लगातार तीन वर्षों से स्कूल का रिजल्ट उत्साहवर्धक रहा है। इसका श्रेय विद्यार्थियों, शिक्षकों, अभिभावकों और कंपनी प्रबंधन को जाता है।’’
है। स्कूल का परिणाम शत प्रतिशत रहा। स्कूल से 26 विद्यार्थियों ने दसवीं बोर्ड की परीक्षा दी थी, जिनमें से 17 विद्यार्थियों ने प्रथम श्रेणी से परीक्षा पास की। सात विद्यार्थियों ने सोशल साइंस में 90 फीसदी से अधिक अंक हासिल किए, वहीं चार विद्यार्थियों ने हिंदी में 90 फीसदी से अधिक अंक हासिल किए। अंग्रेजी का सर्वाधिक अंक 91 फीसदी, विज्ञान का 95 फीसदी, हिंदी का 95 फीसदी और सोशल साइंस का 98 फीसदी रहा। बोर्ड परीक्षा देने वाले इन 26 विद्यार्थियों में से 19 विद्यार्थी उन परियोजना प्रभावित परिवारों से हैं, जिन्हें यहां निः शुल्क शिक्षा दी जाती है। कंपनी के सीओओ एवं प्लांट हेड बसंत कुमार मिश्रा ने इन सफल विद्यार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी हैं। बाल भारती के प्रिंसिपल हितेश तिवारी ने खुशी जताते हुए कहा, ‘‘विद्यार्थियों ने अपने बेहतर प्रदर्शन से हमें गौरवान्वित किया है। लगातार तीन वर्षों से स्कूल का रिजल्ट उत्साहवर्धक रहा है। इसका श्रेय विद्यार्थियों, शिक्षकों, अभिभावकों और कंपनी प्रबंधन को जाता है।’’
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