(हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) शहडोल जिला चंदिया से लेकर रामनगर, राजनगर, वेंकटनगर, अमरकंटक तक विस्तारित था। लेकिन राजनीति के धुरंधरों ने शहडोल जिले के दो फाड़ कर दिए। एक उमरिया जिला के नाम से जाना जाता है तो दूसरा अनूपपुर जिले के नाम से जाना जाता है। अनूपपुर की पहचान शहडोल के राजनीतिक इतिहास में एक अलग मायने रखती थी या यूं कहें की शहडोल जिले की राजनीति अनूपपुर से संचालित होती थी तो इसमें कोई संसय की स्थिति नहीं है। अनूपपुर छोटे से भवन में उप तहसील से अपनी पहचान बनाया था। लेकिन धीरे-धीरे राजनैतिक स्थितियां शहडोल जिले में अपनी अलग पहचान बनाने लगी। सन 1980 में बिसाहूलाल सिंह एक युवा नेतृत्व अनूपपुर की धरती में एक भूचाल बनकर राजनीतिक सफर में कदम रखा। पहली बार विधायक निर्वाचित होकर मध्यप्रदेश की राजनीति में कांग्रेस को एक मजबूती के साथ पहचान दिलाने में अपनी अहम भूमिका निभाई। उप तहसील को तहसील में पहुंचाया और राजनीतिक जीवन में एक अच्छे ओहदे पर पहुंचकर तहसील को जिले में परिवर्तित कराने में अपनी अहम भूमिका अदा की। लोगों ने कल्पना में भी नहीं सोचा था कि नियमों और विधि संगत तर्कों के साथ अनूपपुर जिला बन जाएगा। लेकिन अनूपपुर जिला सभी नियमों कानूनों को शिथिल कर बना दिया गया। विरोध भी काफी हुआ लेकिन अनूपपुर जिला बिसाहूलाल सिंह की पहचान के रूप में स्थापित हो गया। जिले में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले बिसाहूलाल सिंह शहरी क्षेत्र के साथ गांव गांव में उसके अंतिम कोने में समस्त मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी। अपने राजनीतिक सफर में उन्होंने हर जगह शिक्षा का मकड़जाल फैलाया। उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज की स्थापना कराई इसके अलावा सड़कों, विद्युत ,सिंचाई के साधनों से अनूपपुर जिले को एवं अपने विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर को एक नई पहचान दिलाई। कांग्रेश से अपने राजनीतिक सफर को उन्होंने 40 वर्षों बाद एक नई धारा से जुड़ते हुए कांग्रेस का दामन हमेशा हमेशा के लिए छोड़कर भारतीय जनता पार्टी पर विश्वास जताया और उस भाजपा के साथ मिलकर विकास की धारा में फिर से जुड़ने का एक नया कीर्तिमान बनाया और वह भी मध्यप्रदेश शासन के मंत्री के रूप में अपने आप को स्थापित किया। 40 वर्षों तक कांग्रेश की निस्वार्थ भावना से सेवा की लेकिन इंदिरा जी ,राजीव जी के चले जाने के बाद कांग्रेश अपनी मुख्य विचारधारा से अलग-थलग पड़ गई जिसके कारण कद्दावर नेता बिसाहूलाल सिंह को कांग्रेस का साथ सदा सदा के लिए त्यागना पड़ा। आज बिसाहूलाल सिंह का नाम विकास की लाइन में प्रमुखता के साथ लिया जाता है जिनको विकास कार्यों के लिए धनराशि लाने का अच्छा खासा अनुभव है। वह कांग्रेस के समय भी कई विभागों में मंत्री पद से सुशोभित होकर विकास की गंगा बहाने का काम किया था। जिससे उन्हें विकास के लिए धनराशि लाने में कहीं भी कोई कठिनाई नहीं होती। आज मध्यप्रदेश में बिसाहूलाल सिंह की भूमिका को लेकर बहुत बड़ी चर्चा पूरे भारत में छा गई।
मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस की सरकार को गिराने में इन्होंने अपनी एक अलग भूमिका अपने कुछ आदिवासी विधायकों को लेकर निभाई थी। जिसका परिणाम यह हुआ कि
मध्यप्रदेश में 5 वर्ष के लिए निर्वाचित कांग्रेस की सरकार एक झटके में धराशाई हो गई और सरकार के धराशाई होते ही बिसाहूलाल सिंह की चर्चा हर कहीं होने लगी। आज वह विधायक नहीं है उपचुनाव कभी भी हो सकते हैं जहां से उनको विधायक निर्वाचित होना है लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने उन पर विश्वास जताया जिन्होंने मध्यप्रदेश में 15 माह पूर्व सत्ता से अलग हुई भाजपा की सरकार को पुनः सत्तासीन करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जिसका परिणाम है कि मध्यप्रदेश में आज भारतीय जनता पार्टी की सरकार पूर्ण बहुमत के साथ सत्तासीन होकर मध्यप्रदेश के विकास में अपनी अहम भूमिका निभा रही हैं और कद्दावर नेता बिसाहूलाल सिंह को बिना विधायक के भी एक अच्छे ओहदेदार मंत्री पद से भाजपा ने पहचान दिलाई है। मध्यप्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति उपभोक्ता संरक्षण मंत्री के रूप में बिसाहूलाल सिंह की पूरे प्रदेश के अंदर एक अलग पहचान बन चुकी है और वह हर जरूरतमंद तक खाद्यान्न की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बैठकर लेकर हर जरूरतमंद तक खाद्यान्न पहुंचाने के लिए अपनी अहम भूमिका अदा करने का कार्य प्रारंभ कर दिए हैं। निश्चित ही प्रदेश के मंत्री के रूप में बिसाहूलाल सिंह शहडोल संभाग के साथ उसके हर जिले में विकास रूपी गंगा को
बहाने का कार्य अब द्रुतगति से प्रारंभ कर देंगे। जिससे आने वाले समय में मध्यप्रदेश के अंदर शहडोल संभाग अपनी एक अलग पहचान कायम कर सकेगा। आज भी शहडोल संभाग तमाम सुविधाओं से वंचित है लेकिन मंत्री बिसाहूलाल सिंह शहडोल की खोोई पहचान को वापस दिलाने में अब कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे। आज अनूपपुर जिले में एवं उनके विधानसभा क्षेत्र में विकास की जो गंगा दिखलाई पड़ रही है इसमें बिसाहू लाल सिंह की व्यक्तिगत रूचि और उनकी धैर्यता महत्वपूर्ण भूमिका रखती है। आने वाले समय में जब वह विधायक निर्वाचित हो जाएंगे तो उसके बाद काफी तेज गति से प्रदेश के साथ-साथ शहडोल संभाग एवं अपने जिले को वह एक नई पहचान दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
जनजातीय राजनीति के जननायक बिसाहूलाल सिंह-मनोज द्विवेदी
सुबह 11 बजते मध्यप्रदेश शासन के कैबिनेट मंत्री बिसाहूलाल सिंह की ओर से उनके जन्मदिन 1 अगस्त को आयोजित होने वाले सभी आयोजनों को निरस्त करने की सूचना आकस्मिक तो दी लेकिन चौंकाने वाली बिल्कुल भी नहीं थी। जो लोग बिसाहूलाल सिंह को नजदीक से जानते हैं, उन्हें यह पता है कि अडी में या सत्ता के अहंकार के वशीभूत हो कर वो कभी कोई काम नहीं करते।
1 अगस्त को उनके जन्मदिन पर प्रतिवर्ष भव्य आयोजन होता रहा है। इस वर्ष भी प्रीतिभोज की सूचना प्रमुख लोगों को दी गयी थी। कोरोना संक्रमण के चलते वो भीड़ एकत्रित करने से बच रहे थे। इसलिये जैसे ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का प्रदेश में सभी आयोजन 14 अगस्त तक निरस्त करने का निर्देश आया, मंत्री श्री सिंह ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए अपने समर्थकों से ऐसा कोई आयोजन ना करने को कहा।
यह एक छोटी सी घटना है जो बिसाहूलाल सिंह के सामाजिक सरोकारों से जुडे होने, एक जिम्मेदार अनुशासित राजनेता होने का परिचायक है।
ऐसा ही एक वाकया याद आता है । विधानसभा चुनाव 2018 के पहले किसी महीने राजेन्द्रग्राम में जयस तथा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ कुछ अन्य संगठनों की अगुवाई में जनजातीय समाज का एक कार्यक्रम हो रहा था। कुछ लोग साजिशन जनजातीय समाज तथा सामान्य जातियों के बीच विद्वेष की गहरी खाई खोदने की कोशिश कर रहे थे। उस बैठक में लगभग सभी राजनैतिक ,सामाजिक दलों। संगठनों के जनजातीय नेता उपस्थित थे। किसी ने भी इस फैलाए जा रहे विष का प्रतिकार नहीं किया। उस बैठक में बिसाहूलाल सिंह भी पूर्व विधायक- पूर्व मंत्री की हैसियत से उपस्थित तो थे लेकिन इन्हे वक्ताओं की सूची से बाहर रखा गया था। अचानक वो उठे तथा मंच पर जा पहुंचे। उन्होंने माईक थामा। उनका कद इतना विशाल है कि किसी ने भी उन्हे रोकने की हिम्मत नहीं की। माईक थामते ही बिसाहूलाल ने सामाजिक ताने बाने के विरुद्ध विषवमन करने वालों को आडे हाथों लेते हुए कहा कि कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिये जनजातीय समाज को सवर्णों के विरुद्ध भडका रहे हैं। यह किसी सभ्य, संस्कारित समाज के लिये उचित नहीं । जनजातीय समाज के साथ अन्य जातियों के लोगों का मजबूत रिश्ता है। हम एक देश के , एक संस्कृति के लोग हैं। हम सभी पहले सच्चे भारतीय हैं , उसके बाद कुछ और। सामाजिक संरचना को तोडने की साजिश देश को कमजोर करेगी। उन्होंने लगभग एक घंटे के भाषण में विद्वेषी तत्वों की जमकर खिंचाई की। प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार बिसाहूलाल सिंह ने परिवार के मुखिया जैसा, एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधि का दायित्व निर्वहन किया। जानकारों के अनुसार विधानसभा में भी श्री सिंह को सुनना, कुछ सीखने के अवसर जैसा होता है।
1980 से कांग्रेसी राजनीति के इस कद्दावर पुरोधा ने बड़े टूटे मन से , उपेक्षा का कडवा जहर पीकर फरवरी 2020 मे कांग्रेस को तिलांजलि देने का मन बनाया। यह मुझ जैसे तमाम उन्हे पसंद करने वालों के लिये जरा भी आश्चर्य जनक नही था। लगभग 40 साल का उनका राजनैतिक जीवन बेहद उतार चढाव युक्त लेकिन बेदाग रहा है। अनूपपुर जिला निर्माण के बाद शहडोल में उन्हे अपनों की नाराजगी झेलनी पड़ी । 2003 का चुनाव जिला बनवाने के बाद हार गये। इसके बावजूद किसी परिपक्व नेता की तरह उन्होंने क्षेत्र की सेवा बन्द नहीं की। उनकी सक्रियता, उनकी मेहनत, उनकी रणनीति के, उनके विरोधी भी कायल हैं।
जब उन्होंने कांग्रेस में घुटन, अपमान महसूस किया तो चुपचाप 40 साल की अपनी पुरानी पार्टी से किनारा कर लिया। उन्होने स्वाभिमान की कीमत पर राजनैतिक समर्पण नहीं किया। वो कांग्रेस से बाहर आए तो कांग्रेस भी म प्र में अर्श से फर्श पर आ गयी। एक झटके में उन्होंने तमाम राष्ट्रीय नेताओं का अहंकार चूर चूर कर दिया।
उन्होंने प्रदेश की राजनीति मे जनजातीय अस्मिता को स्थापित किया है। उनकी सरलता, सहजता की सभी प्रशंसा करते हैं। उन्होंने खुले मन से भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा को खुल कर स्वीकार किया। जिसके कारण भाजपा परिवार ने भी उनके कद, उनके अनुभव, उनके स्वाभिमान का सम्मान करते हुए बडे खुले मन से उनका स्वागत किया है।
आज उनका जन्मदिन है। कुछ माह मे उप चुनाव होंगे। भाजपा के कद्दावर नेता, मंत्री के रुप में 1 अगस्त 2020 के जन्मदिवस पर विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर की जनता प्रचण्ड विजय का आशीर्वाद देने का मन बना चुकी है। मां नर्मदा की पूर्ण कृपा उन पर बनी रहे। वे शतायु हों...स्वस्थ रहें...हमेशा हमारी ताकत बने रहें....यह मेरे सहित लाखों उनके चाहने वालों की शुभकामनाएँ हैं।
मंत्री बिसाहूलाल सिंह को उनके जन्मदिन पर सांसद श्रीमती हिमाद्री सिंह, प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष रामलाल रौतेल, कलेक्टर चन्द्रमोहन ठाकुर, पुलिस अधीक्षक मांगीलाल सोलंकी, जिलाध्यक्ष ब्रजेश गौतम, पूर्व विधायक सुदामा सिंह, जुगुलकिशोर गुप्ता, दिलीप जायसवाल, अनिल गुप्ता, ओमप्रकाश द्विवेदी , नरेन्द्र मरावी, मनोज द्विवेदी, रामदास पुरी, सुमन राजू गुप्ता, नवल नायक, भारत सिंह,सिद्धार्थ सिंह, रामनरेश गर्ग, पुरुषोत्तम सिंह, धर्मेन्द्र मोहिनी वर्मा, राम अवध सिंह, राजू सुमन गुप्ता, श्यामनारायण शुक्ला, विजय राठौर, राकेश शुक्ला, विजय नवरत्नी शुक्ला, तेजभान सिंह,जितेन्द्र सोनी,सुनील गौतम, भूपेंद्र सिंह, अखिलेश द्विवेदी, प्रभा पनाडिया, रामगोपाल द्विवेदी , हीरा सिंह श्याम,अजय शुक्ला, लवकुश शुक्ला, गजेन्द्र सिंह शिकरवार , गजेन्द्र सिंह, प्रेमचन्द यादव, हनुमान गर्ग, प्रभात मिश्रा, मुनेश्वर पाण्डेय, प्रेम नाथ पटेल, उमेश पटेल, ग्यानेन्द्र सिंह,उदय प्रताप सिंह, शिवराज दत्त त्रिवेदी, उमेश मिश्रा, लालबहादुर जायसवाल, राजेश सिंह,चंडीकांत झा, वेद शर्मा, प्रदीप उपाध्याय, मनीष गोयनका, रवि तिवारी, मुकेश जैन , सत्यनारायण फुक्कू सोनी, सिद्धार्थ त्रिवेदी, दिनेश राठौर, मुकेश पटेल, शिवरतन वर्मा, मनोज मिश्रा, राजकिशोर तिवारी, अरविन्द मिश्रा, रज्जन शुक्ला, पुष्पेन्द्र जैन, सुनील मिश्रा, भागीरथी पटेल, अजय द्विवेदी के साथ अन्य लोगों ने बधाई, शुभकामनाएँ प्रदान की हैं।
0 Comments