(हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)
विवादों में घिरा नगर पालिका परिषद बिजुरी
भाजपा कांग्रेस की लड़ाई में पीस रही आम जनता
अनूपपुर।(अंचलधारा) बीते दिनों जैसे मध्य प्रदेश की राजनीति में सत्ता की लालसा पाने को लेकर खींच-तान, उठक-पटक का खेल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की 15 महीनों की सरकार में देखने को मिला। वैसे ही अनूपपुर जिले की नगर पालिका बिजुरी में सत्ता की लालसा के चक्कर में नेता, जनप्रतिनिधि अपने-अपने वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे है। बिजुरी नगर पालिका हमेशा विवादों में घिरी रही है। कांग्रेस पार्टी की 15 महीनों की सरकार में बिजुरी नगर पालिका में आए दिन भाजपा कांग्रेस के नेता अपने-अपने दाव पेंच खेलते रहे और विकास कार्य को लेकर किसी को इसकी खबर नहीं रही। विगत कुछ महीनों में कांग्रेस पार्टी के कुछ नेता बिजुरी नगर पालिका में सत्ता की चाभी की अपनी चाह में आए दिन अपने मन मुताबिक सीएमओ की कुर्सी में अपने अधिकारी को बैठाने की होड़ मची हुई थी तो कोई सीएमओ अपनी कार्यप्रणाली को लेकर विवादों में बने रहे। सीएमओ और जनप्रतिनिधि की लड़ाई थाने तक जा पहुंची।
कलेक्टर को उपाध्यक्ष के विरुद्ध
अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सौंपा ज्ञापन
कलेक्टर कार्यालय में 27 मई को नपा उपाध्यक्ष बिजुरी से असंतुष्ट नगर पालिका के पार्षद मुकेश जैन, अन्नू देवी, संतोष सिंह, पूनम केस कुमार चौधरी, संजय कुमार, पिंटू आशा रजक, सतीश शर्मा, सीताराम यादव, बीके बंसल, लक्ष्मी शुक्ला एवं वार्ड नं 13 के असंतुष्ट पार्षदो ने अविश्वास प्रस्ताव पत्र में आरोप लगाया है कि नगर पालिका बिजुरी के उपाध्यक्ष नीलम सचिन जैन अपना विश्वास खो चुकी है अत: नगर पालिका अधिनियम की धारा 43 क (2)(एक) के तहत उपाध्यक्ष के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने को लेकर जिला कलेक्टर,अनूपपुर को ज्ञापन सौंपा है। वहीं दूसरी ओर नगर पालिका अध्यक्ष पुरुषोत्तम सिंह एवं उनकी टीम विकास कार्यों को कराने के लिए जोर दे रही है तो वहीं दूसरी ओर विवाद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा जिससे विकास पर जनप्रतिनिधि व नेता ही रोड़ा बन बैठे हैं।
तो क्या कांग्रेस की आंखो में खटक रहा निर्दलीय उपाध्यक्ष राजनीति और शतरंज के खेल में वजीर की चाभी कब किस के पास आ जाएगी यह कोई नहीं जानता। नगर पालिका बिजुरी की उपाध्यक्ष नीलम जैन ने पार्षद का चुनाव निर्दलीय लड़कर जीता और भाजपा के शीर्ष नेताओं के समक्ष भाजपा की सदस्यता दिलाई गई और उपाध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया गया निर्विरोध उपाध्यक्ष चुना गया। अचानक ऐसा क्या हो गया कि उपाध्यक्ष सभी की आंखो में खटकने लगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उपाध्यक्ष को हटाने के लिए कांग्रेस के शुक्ला जी पर्दे के पीछे रह कर शतरंज का खेल खेल रहे हैं। इसके पहले भी बिजुरी नगर पालिका में शुक्ला जी के इशारे पर कई बार विवाद की स्थिति पैदा हो चुकी है जैसे बिजुरी नगर पालिका अध्यक्ष पर मामले दर्ज कराना वगैर-वगैर। तो वही दूसरी ओर भाजपा में हाई ड्रामा वोल्टेज का खेल गर्म हो चला है, उपाध्यक्ष की कुर्सी बचती है या फिर अविश्वास प्रस्ताव की भेंट चढ़ जाएगी। जबकि प्रदेश स्तर पर अन्य पार्टी से भाजपा में आये नेतायों के सहयोग से भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश की सत्ता पर काबिज हुई, वही बिजुरी के एक वरिष्ठ नेता द्वारा पर्दे के पीछे रहकर कांग्रेस नेताओं की अगुआई में उपाध्यक्ष को हटाने के लिए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। यदि बात पार्टी के प्रति निष्ठा कि की जाए तो 15 महीने के शासन काल मे भाजपा के सेम्बल से निर्वाचित पार्षद 15 महीने के कांग्रेस शासन में कई पार्षद खुले आम कांग्रेस के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चलते रहे। लेकिन उस वक्त उपाध्यक्ष नीलम सचिन जैन पार्टी के साथ खड़ी नजर आयी। जिसका खामियाजा अब उनको भुगतना पड़ रहा है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता द्वारा रचित इस कार्य को कांग्रेस के शुक्ला जी के अगुवाई में भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष वर्तमान में पार्षद भी है जिनको उस वक्त उपाध्यक्ष की कुर्सी नही मिल पाई थी अब कांग्रेस नेता से सांठ-गांठ कर उपाध्यक्ष की कुर्सी पाने का ख्वाब देख रहे है, वही अंदरखाने की रणनीति तथाकथित भाजपा के वरिष्ठ नेता और कांग्रेस के शुक्ला जी की रणनीति बिजुरी नपा उपाध्यक्ष की कुर्सी कांग्रेस के लिए लाने की तैयारी है। बिजुरी के वरिष्ठ भाजपा नेता एक तीर से 2 निशाना साधते नजर आ रहे है। जनचर्चा के अनुसार उक्त नेता जिला संगठन को प्रदेश संगठन की नजर में कमजोर साबित करना एवं खुद को नपा में पैठ बनाना बताया जा रहा है।
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