Anchadhara

अंचलधारा
!(खबरें छुपाता नही, छापता है)!

रेलवे कर्मचारियों ने पूरे भारत में मनाया विरोध दिवस मेहनतकश मजदूरों के प्रति संवेदनशील नहीं सरकार-मूर्ति

                (हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)
 अनूपपुर (अंचलधारा) 22 मई को पुरे भारत वर्ष में अखिल भारतीय विरोध दिवस मनाया गया । इसी तारतम्य में अनूपपुर जंक्शन स्टेशन पर भी रेलवे कर्मचारियों ने सांकेतिक विरोध दिवस मनाया। इस विरोध दिवस पर सभी श्रम संगठनों ने अपने
कर्मचारियों को काला फीता बांधकर कार्य कराया। एन. एफ. आई. आर. के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं रेलवे मजदूर कांग्रेस बिलासपुर के महामंत्री के.एस. मूर्ति ने बताया की वर्तमान केन्द्र की मोदी सरकार पूंजीपतियों की हितैषी सरकार है। जिसका उदहारण है मेहनतकश मजदूर के प्रति संवेदनशील व सही नीति ना होने से शोषण का शिकार होकर लोग रेल व सड़क मार्ग से हजारों किलोमीटर पैदल चलने पर मजबुर है। मोदी सरकार के इशारे पर श्रम कानून में व्यापक परिवर्तन कर मजदूर का कानूनी अधिकार छिन रही उत्तरप्रदेश , मध्यप्रदेश सरकारों ने केन्द्र सरकार श्रम कानून को बदलने का काम किया। जिसका विरोध मजदूरों के संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक व एन. एफ. आई. आर. नई दिल्ली के राष्ट्रीय महामंत्री डाक्टर एम. राघवैया के नेतृत्व सभी रेलवे जोन के कर्मचारियों 22 मई 2020 को अपने कार्य के दौरान काला फीता बांधकर श्रम कानून बदलाव सरकारी सम्पत्ति के निजीकरण का व्यापक विरोध किया गया। इसके साथ-साथ पुरे देश विभिन्न क्षेत्रों के कामगार कोयला , विधृत , संचार व संगठित असंगठित क्षेत्र के कामगारों ने भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। रेलवे मजदूर कांग्रेस बिलासपुर के संयुक्त महामंत्री व कोयलांचल प्रभारी लक्ष्मण राव ने जानकारी दी की बिलासपुर रेलवे जोन के तीनों मंडल समन्यवक नागपुर पीतांबर लक्ष्मीनारायण , बिलासपुर बी. कृष्ण कुमार , रायपुर डी.विजय कुमार के नेतृत्व में रेलवे कर्मचारी ने काला फीता बांधकर श्रम कानून संशोधन व केन्द्र सरकार के मजदूर विरोधी फैसले जैसे :- नौकरी की सुरक्षा खत्म करना , काम के घंटे ज्यादा करना , मजदूरी कम करना , समाजिक सुरक्षा में कटौती , कर्मचारी संगठनों के अधिकारों का खात्मा , बोनस एक्ट खत्म करना , बंधुवा मजदूर नीति लागू करना , पूंजीवादी नीति से मजदूर के हक छीनना जैसे मजदूर विरोधी फैसले का संकेतिक विरोध किया।

Post a Comment

0 Comments