Anchadhara

अंचलधारा
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9 मिनट का दीप अनुष्ठान तथा कोरोना के कीटाणु. दीप जलाएगें - मनोबल बढाएगें का अभियान कोरोना पर भारी


( मनोज द्विवेदी, अनूपपुर, म.प्र.)
अनूपपुर (अंचलधारा) प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश से आह्वान किया है कि 5 अप्रैल की रात्रि 9 बजे 9 मिनट के लिये सभी देश वासी अपने अपने घर की सभी लाईटें बन्द इन दरवाजे, बालकनी या छत पर एक एक दिया , मोमबत्ती, टार्च या मोबाइल का फ्लैश लाईट जलाएं।
*** प्रधानमंत्री श्री मोदी की इस अपील पर देश के एक वर्ग ने इस पर चुटकी लेनी शुरु कर दी । पक्ष - विपक्ष में समर्थकों - आलोचकों की खींचतान देखने को मिल रही है। विरोध में वही लोग ज्यादा मुखर हैं जो हर बात पर
आए दिन कैंडल मार्च निकाला करते थे । कोई इसे देश के मुद्दों पर सरकार की विफलता से ध्यान हटाने की साजिश बतला रहा है , तो कोई कोरोना संक्रमण से निपटने में बडी कोताही। भाषाई मर्यादाओं की बात तो कोई करे ना ... इसके उल्लंघन का लायसेंस सभी वर्ग के कुछ लोगों के पास है। म प्र में सरकार से हाथ धो बैठी कांग्रेस के विधायकों ने विधायक मद या अपने वेतन से एक धेला तक तो दिया नहीं लेकिन उनके समर्थकों में फ्रस्टेशन इतना है कि नगरपालिका की नाली गंदा होने का दोष भी मोदी के सर पर मढने में संकोच नहीं कर रहे। किसी को दिया जलाने से गरीब की कडाही का तेल कम होता दिख रहा है, तो कोई मोमबत्ती उद्योग से कमीशनखोरी का आरोप लगा रहा है‌ । घरों की बत्ती एक साथ बुझाने से कुछ लोग पावर ग्रिड बैठने की चेतावनी जारी कर रहे हैं, तो कोई इसे महज अंधविश्वास बतला कर सवाल पूछ रहा है कि क्या दिया जलाने से कोरोना भाग जाएगा ?
*** दीपक जलाने के पक्ष में खड़े समर्थकों की भी बड़ी फौज है। कोई इसे धार्मिक अनुष्ठान बतला रहा है , तो कोई कोरोना वायरस नष्ट करने के लिये आवश्यक गर्मी बढाने की जुगत । कोई इसे प्रदोष व्रत से जोड़ रहा है , तो कोई कह रहा है कि वाह मोदी जी वाह! क्या तोड़ निकाल कर लाए ? हम सोच रहे थे यह 5 तारीख को रात 9 बजे 9 दिए लगाने से क्या होगा? इसी विषय दो महानुभाव के अनुसार तंत्र में प्रदोष का बहुत महत्व है। 8 तारीख को आने वाले हनुमान जयंती अवसर के पूर्व 5 तारीख को मदन द्वादशी का प्रदोष काल अति महत्वपूर्ण काल है।
तंत्र मतानुसार प्रदोष काल में कोई अपने घर के सामने या छत पर चौमुखी दीपक सरसों के तेल से लगाए तो उस घर के आसपास संक्रमण समाप्त हो जाता है। अगर चौमुखी न हो तो 9 दीपक लगाएं।
एक लिखता है कि यह सब जानकर हम आश्चर्य चकित रह गए कि मोदी जी हर क्षेत्र में आगे हैं। एक अभिभूत है कि धन्य हैं हम ऐसा प्रधानमंत्री पाकर...जो आध्यात्म की पराकाष्ठा को छू रहा हो।
एक ने लिखा कि दिया जलाना कोई टोटका नही है।प्रधानमंत्री जी ने अगर कहा है कि 5 तारीख को 9 बजे 9 मिनट के लिए दिया जलाना है, तो इसका एक कारण है। इस दिन आमद एकादशी है। जब मेघनाथ का वध नही हो पा रहा था तो इसी आमद एकादशी को भगवान राम ने घी के दीपक जला कर उर्जापुंज का निर्माण किया था,और मेघनाथ का वध किया था। ये एकादशी विजय की प्रतीक है। इसलिए आप सभी दीपकजलाये,टार्च,मोमबत्ती,मोबाइल जो भी सुविधा आपके पास है वो जलाये और उर्जापुंज का निर्माण करें। अपनी सोच को सकारात्मकता की ओर लेकर जाएं ना की नकारात्मकता की ओर.....।
*** ध्यान रहे कि कुछ दिन पूर्व जनता कर्फ्यू की शाम 5 बजे 5 मिनट तक मोदी जी ने लोगों से स्वास्थ्य कर्मचारियों, प्रशासन, स्वच्छता दूतों, पत्रकारों के लिये ... जो कोरोना से लडाई में अग्रिम पंक्ति पर लड रहे हैं.....के प्रोत्साहन के लिये ताली, थाली, शंख , घंटी बजवाया था। तब भी लोगों ने इसका मजाक बनाया। लेकिन ताली - थाली - शंख- घंटी वादन ने कोरोना युद्ध मे पूरे देश को मजबूती से एकजुट कर दिया था । इससे सभी का मनोबल बढा। ध्वनि की आवृत्ति, उसकी शक्ति से सभी परिचित हैं।
विश्व मे सिर्फ़ हमारा भारत देश देवभूमि कहलाता है। सवा सॊ करोड़ की आबादी वाले देश मे गुलाम मानसिकता के चन्द प्रभावशाली लोग यदि सदियों से हैं तो भारतीय सनातन संस्कृति , संस्कार , धर्म , कर्मकांड के साथ तंत्र - मंत्र - यंत्र की विधा में पारंगत विशेषज्ञों की कमी नहीं है। वाम राजनीति के कट्टर समर्थकों को मैने घरों मे हनुमान चालीसा ,गायत्री मंत्र का पाठ करते देखा है....वैदिक कर्मकाण्डों में भरोसा करते भी। बहरहाल ! उद्देश्य मेरा किसी को , किसी की विचारधारा से धकेलना कदापि नहीं है।
यदि हम दुनिया को बचाने के लिये " सेव अर्थ " के अभियान से जुड कर दो मिनट की बत्ती देश की बुझा सकते हैं ( तब किसी ने चूं तक नहीं किया ...सवाल करना तो दूर की बात) तो कोरोना महायुद्ध के महान सेनापति के रुप में देश के प्रधानमंत्री की अपील पर 9 मिनट तक हम चारमुखी दिया भी जरुर जलाएगें ।
यदि तुम्हे अपने सवाल पूछने की अदा पसंद है ....तो हमें भी अपने प्रधानमंत्री के साथ खड़ा होना पसंद है। यदि तुम्हें हमारे देश के अनुष्ठान अंधविश्वास लगते हैं ...तो हमें भी देश की सांस्कृतिक एकजुटता के इस पर्व पर पूर्ण विश्वास है। यदि तुम्हे अपने कुतर्को का गुमान है ...तो हमें भी ध्वनि के साथ उष्मा + ऊर्जा+ ध्यान की महाशक्ति की तार्किकता पर गर्व है।
*** 5 अप्रैल की रात्रि 9 बजे हम लाकडाउन का पालन कर रहे देश के उन करोडों नागरिकों के साथ पूरी आस्था , विश्वास , शक्ति के साथ कोरोना महायुद्ध में जीत के भरोसे के साथ उन महायोद्धाओं के समर्थन में , उनका मनोबल बढाने के लिये एक दीपक जरुर जलाएगें। आइये ! हम + आप+ सब इस ऊर्जापुंज अनुष्ठान के सहभागी बनें तथा दीप प्रज्वलन करते हुए अपने - अपने ईष्ट प्रभु से कोरोना से देश की रक्षा, विश्व के कल्याण, भारत के मजबूत बनने तथा स्वयं की चतुर्दिक प्रगति, सुख, उत्तम स्वास्थ्य, शांति के लिये प्रार्थना करें।

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