मानव शरीर मे प्रवाहित रक्त जीवन दायनी है, आज तक इसका कोई विकल्प किसी भी प्रयोगशाला में नही बन पाया है । रक्त की हर बून्द केवल लाल तरल पदार्थ न हो के अपने आप मे मानव शरीर के कई उपयोगी पदार्थ ले के बहती है , इसका अहसास केवल टूटती हुई सांसों को ही हो सकता है । हमारे शरीर मे सामान्यतः 5 से 6 लीटर खून प्रवाहित होता है ।ये इस प्रकार से भी समझा जा सकता है कि शरीर मे रक्त का प्रवाह वज़न के हिसाब से होता है 76 मिली लीटर प्रति किलोग्राम बॉडी के वज़न के हिसाब से पुरुषो में और 66 मिली लीटर प्रति किलो ग्राम बॉडी के वज़न के अनुसार महिलाओं में होता है ।
कोई भी महिला या पुरुष जिसकी उम्र 18 से 65 वर्ष के बीच की हो , और जिसका वज़न 45 किलोग्राम से ज्यादा हो , हीमोग्लोबिन 12 ग्राम के आसपास हो ,वह व्यक्ति हर 3 माह के अंतराल से रक्तदान कर सकता है ।एक बार के रक्तदान में 350 मिलीलीटर रक्त निकाला जाता है ।जिसे हम शरीर के वज़न के हिसाब से यदि कहे तो एक बार मे 8 मिलीलीटर प्रति किलोग्राम बॉडी के वज़न के हिसाब से निकाला जाता है , जो कि एक बहुत ही कम मात्रा होती है। रक्तदान एक बहुत ही सहज प्रक्रिया है जिसमे 3 से 5 मिनट का समय लगता है ।कोई भी व्यक्ति थोड़ा सा नाश्ता करने के पश्चात रक्तदान कर सकता है ।रक्तदान के पहले या बाद में कुछ विशेष खान पान की कतई आवश्यकता नही होती आप जो रोज खाते है वही पर्याप्त होता है , हां , रक्तदान के पहले और बाद में तरल पदार्थ अवश्य लेना चाहिए ,ये पानी भी हो सकता है ।इससे रक्तदान के दौरान निकले तरल पदार्थ की पूर्ति शरीर मे कुछ ही घंटों में हो जाती है ।महिलाएं गर्भावस्था ,मासिक धर्म,और 1 साल तक के बच्चे को यदी अपना दूध पिलाती है तो इस स्थिति में रक्तदान न करे ।पुरुषों को रक्तदान के 24 घण्टे पहले शराब इत्यादि का सेवन नही करना चाहिए ।इसी तरह कई और छोटी छोटी बाते हैं ,जो हमारी रक्तदाता प्रश्नोत्तरी फॉर्म में रहती है ,उन सबके उत्तर के बाद ही हम किसी भी रक्तदाता को फिट करके उसका रक्त निकालते हैं
रक्तदान हमेशा लाइसेंसीकृत ब्लड बैंक में ही करना चाहिए क्योंकि वहाँ ड्रग एवम कॉस्मेटिक एक्ट के तहत सारे मापदंड रक्तदाता के स्वास्थ्य को ले के तथा मरीज को सुरक्षित रक्त प्रदान करने तक के पूर्ण रहते है ।रक्तदान से पहले रक्तदाता से एक प्रश्नोत्तरी फॉर्म भरवाया जाता है जिसमे उसकी सोशल एवम व्यक्तिगत सभी जानकारी लेने के बाद संक्षिप्त शारीरिक परीक्षण करके ,खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा चेक करने के बाद ,जब रक्तदाता पूर्णतया फिट पाया जाता है , तभी उसका रक्त लिया जाता है ,अन्यथा नही ।
रक्तदाताओं द्वारा दिये गए रक्त से हम उस यूनिट का ब्लड ग्रुप, एच आई वी टेस्ट , हेपेटाइटिस बी टेस्ट, हेपेटाइटिस सी टेस्ट, वी डी आर एल टेस्ट और मलेरिया टेस्ट करते है । इसके बाद यदि ब्लड सब टेस्ट में नेगेटिव पाया जाता है , तभी उसे मरीज को चढ़ाया जा सकता है अन्यथा नही ।
रक्तदान से कई फायदे है -हमको मानसिक शान्ति मिलती है कि हम किसी के काम आ रहे है , हमे अपनी ये पांचों जांचों की रिपोर्ट मुफ्त में मिलती रहती है ,जो लोग नियमित रक्तदान करते है उनके शरीर मे हीमोग्लोबिन की मात्रा कभी कम नही होती और उनका कोलेस्ट्रॉल कभी नही बढ़ता जिससे हार्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है ।रक्तदान से कोई भी नुकसान नही होता , क्योंकि जो हम रक्तदान करते है , उसके तरल पार्ट की पूर्ति तो कुछ ही घंटों में हो जाती है ,तथा ठोस तत्व यानी कि हीमोग्लोबिन की पूर्ति 2 से 3 माह के अंदर हो जाती है । इसलिए आप 3 माह के बाद पुनः रक्तदान कर सकते है ।वैसे भी एक यूनिट रक्त का दान करने से केवल 1 से 2 ग्राम हीमोग्लोबिन ही कम होता है ज्यादा नही ।
अब तो 1 यूनिट रक्त को भी 4 लोगो को उसके तत्वो के आवश्यकता के अनुसार दिया जा सकता है , जैसे किसी को केवल आर बी सी , किसी को प्लाज्मा , किसी को प्लेटेलेट्ज़ और किसी को कर्योप्रेसिपिटेट , जैसी मरीज की आवश्यकता हो । आपको बताते हुए हर्ष है कि अब ये सुविधा हमारे शहडोल वासियों को भी मिलने लगी है ।
एक बात और सभी को बताना चाहते है कि कभी कभी मरीज के घर के लोग और कभी हमारे चिकित्सक भाई भी फ्रेश ब्लड की डिमांड करते है , हम उनको बताना चाहते है कि केवल बहुत कम असाधारण परिस्थितियों में फ्रेश ब्लड उपयोगी होता है बाकी अन्य स्थितियों में ये हानिकारक भी है अतः इससे बचना चाहिए ।
रक्तदान से बड़ा कोई भी दान नही है ।आपके द्वारा दिया गया रक्त किसी एक कि जान नही बचाएगा , बल्कि एक पूरे परिवार को बचाएगा । कई ऐसी बीमारियां भी है जिनका इलाज केवल खून चढ़ाने से ही संभव होता है जैसे थेलेसेमिया , सिकल सेल एनीमिया, ब्लड कैंसर , तो ये मरीज दुसरो के द्वारा दिये गए रक्त पर ही जीवित रहते है । अतः सभी से विनती है कम से कम साल में 2 बार स्वेच्छहीक रक्तदान अवश्य करे अंत मे मै कहना चाहूंगी कि -
"जाने किस मोड़ पे,जिंदगी की शाम हो जाये
इससे पहले मेरा लहू ,किसी के काम आ जाए"
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