(हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)
आईजीएनटीयू में गणतंत्र दिवस समारोह संपन्न
अमरकटंक/अनूपपुर
(अंचलधारा) इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में 71वें गणतंत्र दिवस समारोह
में कुलपति प्रो. प्रकाश मणि त्रिपाठी ने भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में युवाओं
से महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आह्वान किया। इस अवसर पर
देशभक्तिपूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति से छात्रों ने देश और लोकतंत्र के प्रति स्वयं की प्रतिबद्धता को व्यक्त किया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. प्रकाशमणि त्रिपाठी ने सभी को 71वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारतीय गणतंत्र को विश्व का श्रेष्ठतम गणतंत्र कहा जाता है। संविधान विधायी व्यवस्था का सर्वोच्च ग्रन्थ है। आज के दिन हमने अपने संविधान को अंगीकृत किया। हमारा संविधान विश्व का विशालतम एवं श्रेष्ठतम संविधान माना जाता है जिसमें देश की विपुल जनता को अधिकार, विकास के समान अवसर के साथ ही राष्ट्रत्व के विकास के तमाम कारक उपस्थित है। हमारे संविधान में हमारी परंपराओं, मान्यताओं एवं सनातन शासन प्रणाली के साथ ही दुनिया में विद्यमान अधुनातन प्रणाली का समावेश है। आज के दिन हम नमन करते हैं राष्ट्र को, राष्ट्रध्वज को, राष्ट्र के स्वतंत्रता संग्राम के वीर सेनानियों को जिन्होंने विजयी विश्व तिरंगा प्यारा का भाव लिए स्वतंत्रता की वेदी पर अपने प्राणों की आहुति दी और साथ ही उन वीर सैनिकों जो देश की सीमा पर संप्रभुता की रक्षा के लिए निरन्तर तैनात है। यह भाव आज भी हमारे दिल में है। इन स्वतंत्रता सेनानियों के उत्सर्ग, राष्ट्रनायकों के कठिन परिक्रम और दूरदर्शिता तथा वर्तमान नेतृत्व के दृढसंकल्प का फल हम प्राप्त कर रहे हैं। आज विश्व की तमाम बड़ी शक्तियां भारत से हाथ मिलाने हेतु तत्पर हैं। हमने अंतरिक्ष की ऊंचाइयों मापी, सागर की गहराइयां नापी। हमने विज्ञान तकनीकी एवं कृषि के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। हम आदर्श लोकतंत्र के जनक कहे जाते हैं। हमने दुनिया को आलोकित कर शांति, सद्भाव एवं सामंजस्य का संदेश दिया। हमने विश्व को बुद्ध और गांधी दिये। परमाणु शक्ति हो, जनशक्ति हो सामरिक शक्ति हो, हम प्रत्येक क्षेत्र में आगे हैं। वर्तमान में देश बापू की 150वीं जयंती मना रहा है। इस अवसर पर मैं बापू को नमन करता हूं जिन्होंने साधारण से असाधारण, मनुष्य से महात्मा और अहिंसा से अजेय बनने का मार्ग दिखाया। भारत ने कई क्षेत्रों में उपलब्धियां प्राप्त की हैं। कई क्षेत्रों में हम महाशक्ति हैं। ज्ञान विज्ञान एवं अनुसंधान के क्षेत्र में हमें सिरमौर बनना है। देश को ज्ञान के क्षेत्र में महाशक्ति बनाने में विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। मुझे विश्वास है कि विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं विद्यार्थी इस दिशा में प्रतिबद्धता से कार्य करेंगे। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में विश्वविद्यालय द्वारा प्राप्त उपलब्धियों का भी उल्लेख किया। इस अवसर पर एनसीसी, एनएसएस और सुरक्षा गार्ड्स ने गार्ड ऑफ ऑनर प्रस्तुत किया। इसके बाद आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में आदर्श जनजातीय विद्यालय और आईजीएनटीयू के छात्रों ने अपनी रचनात्मक प्रतिभा का परिचय दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. हरित मीणा और डॉ. राहिल युसूफ जई ने किया। इस अवसर पर कुलसचिव पी.सिलुवैनाथन, निदेशक (अकादमिक) प्रो. आलोक श्रोत्रिय, प्रो. तीर्थेश्वर सिंह, प्रो. मनुकोंडा रविंद्रनाथ, प्रो. भूमिनाथ त्रिपाठी, प्रो. ए.पी. सिंह, प्रो. ए.के. शुक्ला, प्रो. राकेश सिंह, प्रो. संध्या गिहर, प्रो. मूर्थी, प्रो. प्रसन्ना सामल, डॉ. राघवेन्द्र मिश्रा सहित सभी विभागाध्यक्ष एवं बड़ी संख्या में शिक्षक और कर्मचारी उपस्थित थे।
देशभक्तिपूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति से छात्रों ने देश और लोकतंत्र के प्रति स्वयं की प्रतिबद्धता को व्यक्त किया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. प्रकाशमणि त्रिपाठी ने सभी को 71वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारतीय गणतंत्र को विश्व का श्रेष्ठतम गणतंत्र कहा जाता है। संविधान विधायी व्यवस्था का सर्वोच्च ग्रन्थ है। आज के दिन हमने अपने संविधान को अंगीकृत किया। हमारा संविधान विश्व का विशालतम एवं श्रेष्ठतम संविधान माना जाता है जिसमें देश की विपुल जनता को अधिकार, विकास के समान अवसर के साथ ही राष्ट्रत्व के विकास के तमाम कारक उपस्थित है। हमारे संविधान में हमारी परंपराओं, मान्यताओं एवं सनातन शासन प्रणाली के साथ ही दुनिया में विद्यमान अधुनातन प्रणाली का समावेश है। आज के दिन हम नमन करते हैं राष्ट्र को, राष्ट्रध्वज को, राष्ट्र के स्वतंत्रता संग्राम के वीर सेनानियों को जिन्होंने विजयी विश्व तिरंगा प्यारा का भाव लिए स्वतंत्रता की वेदी पर अपने प्राणों की आहुति दी और साथ ही उन वीर सैनिकों जो देश की सीमा पर संप्रभुता की रक्षा के लिए निरन्तर तैनात है। यह भाव आज भी हमारे दिल में है। इन स्वतंत्रता सेनानियों के उत्सर्ग, राष्ट्रनायकों के कठिन परिक्रम और दूरदर्शिता तथा वर्तमान नेतृत्व के दृढसंकल्प का फल हम प्राप्त कर रहे हैं। आज विश्व की तमाम बड़ी शक्तियां भारत से हाथ मिलाने हेतु तत्पर हैं। हमने अंतरिक्ष की ऊंचाइयों मापी, सागर की गहराइयां नापी। हमने विज्ञान तकनीकी एवं कृषि के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। हम आदर्श लोकतंत्र के जनक कहे जाते हैं। हमने दुनिया को आलोकित कर शांति, सद्भाव एवं सामंजस्य का संदेश दिया। हमने विश्व को बुद्ध और गांधी दिये। परमाणु शक्ति हो, जनशक्ति हो सामरिक शक्ति हो, हम प्रत्येक क्षेत्र में आगे हैं। वर्तमान में देश बापू की 150वीं जयंती मना रहा है। इस अवसर पर मैं बापू को नमन करता हूं जिन्होंने साधारण से असाधारण, मनुष्य से महात्मा और अहिंसा से अजेय बनने का मार्ग दिखाया। भारत ने कई क्षेत्रों में उपलब्धियां प्राप्त की हैं। कई क्षेत्रों में हम महाशक्ति हैं। ज्ञान विज्ञान एवं अनुसंधान के क्षेत्र में हमें सिरमौर बनना है। देश को ज्ञान के क्षेत्र में महाशक्ति बनाने में विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। मुझे विश्वास है कि विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं विद्यार्थी इस दिशा में प्रतिबद्धता से कार्य करेंगे। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में विश्वविद्यालय द्वारा प्राप्त उपलब्धियों का भी उल्लेख किया। इस अवसर पर एनसीसी, एनएसएस और सुरक्षा गार्ड्स ने गार्ड ऑफ ऑनर प्रस्तुत किया। इसके बाद आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में आदर्श जनजातीय विद्यालय और आईजीएनटीयू के छात्रों ने अपनी रचनात्मक प्रतिभा का परिचय दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. हरित मीणा और डॉ. राहिल युसूफ जई ने किया। इस अवसर पर कुलसचिव पी.सिलुवैनाथन, निदेशक (अकादमिक) प्रो. आलोक श्रोत्रिय, प्रो. तीर्थेश्वर सिंह, प्रो. मनुकोंडा रविंद्रनाथ, प्रो. भूमिनाथ त्रिपाठी, प्रो. ए.पी. सिंह, प्रो. ए.के. शुक्ला, प्रो. राकेश सिंह, प्रो. संध्या गिहर, प्रो. मूर्थी, प्रो. प्रसन्ना सामल, डॉ. राघवेन्द्र मिश्रा सहित सभी विभागाध्यक्ष एवं बड़ी संख्या में शिक्षक और कर्मचारी उपस्थित थे।
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