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अमरकंटक में नर्मदा संरक्षण को चाहिये प्रशासन का बैकअप

                    (हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
   जनसहयोग से जारी है जल
 संरक्षण का सराहनीय प्रयास
अनूपपुर (अंचलधारा) 2019 की गर्मी ने खतरे का लाल सिग्नल दे दिया है। पूरे देश मे कहीं कहीं तापमान 4-5 डिग्री तक बढ गया। मध्यप्रदेश की झीलों की नगरी के नाम से विख्यात पवित्र नगरी अमरकंटक मे पहली बार रिकार्ड गर्मी पडी। विभिन्न वार्डों मे जल स्रोत सूख गये। नर्मदा उद्गम कुण्ड का जल स्तर कई फुट नीचे चला गया। कपिलधारा पहुंचते पहुंचते नर्मदा की जलधारा बिल्कुल सूख गयी। विकास के नाम पर तकनीकी रुप से गलत तरीके से कंक्रीट का जंगल बनाने की होड मे पवित्र नगरी को बहुत नुकसान पहंचाया गया। स्थानीय जागरुक लोगों, पत्रकारों, समाजसेवियों द्वारा लगातार ध्यानाकर्षण के बावजूद जो किया जाना चाहिये ,जो कदम उठाए जाने चाहिये थे,वो नहीं किया जा सका। कल्याण आश्रम के संत हिमाद्री मुनी, मृत्युंजय आश्रम के समाजसेवी योगेश जी महाराज, नगरपंचायत अध्यक्ष प्रभा पनाडिया, उपाध्यक्ष रामगोपाल द्विवेदी, पार्षद अंजना कटारे ने वार्डो का भ्रमण कर जनता की परेशानियों को लेकर एक बैठक आयोजित की। जिसके पश्चात नर्मदा संरक्षण को लेकर पहली बार तकनीकी रुप से छोटे स्तर पर बडा प्रयास किया गया। जनसहयोग से विगत दस दिन से लोग श्रमदान करके जल संरक्षण के लिये सराहनीय प्रयास कर रहे हैं। लेकिन अब वे प्रशासन से सहयोग की उम्मीद कर रहे हैं। जिला प्रशासन से इस मामले मे जिस पहल की उम्मीदें लगाई गयी है,वह पूरी हो तो प्रयासों मे भी तेजी आए।
*** अमरकंटक में नर्मदा कुण्ड के ठीक ऊपर स्थित गायत्री,
सावित्री,इंद्रदमन मे जल संरक्षण के लिये स्थानीय जन सहयोग के लिये लोग आगे आए। जगत जननी माँ नर्मदा का पुण्य उद्गम तीर्थ अमरकंटक में मां नर्मदा की प्रथम सहायक गायत्री नदी पर आम जन सहयोग से इसके गहरीकरण ( जल धारण क्षमता ) के लिये कार्य प्रारंभ किया गया। इसपर पहला चेक डेम बन रहा है , इसी प्रकार छः और चेक डेम बनाए जाने की आम नागरिक गणों की योजना है। ताकि यह प्राचीन नदी जीवित हो सके । ऐसा ही हाल सावित्री नदी, इन्द्रदमन तालाब, प्राचीन मार्कण्डेय तालाब ,प्राचीन वटकृष्ण तालाब, मां नर्मदा जी का प्रथम बांध पुष्कर बांध, वैतरणी नदी, कपिलासंगम ( कपिला नदी ), एरण्डी नदी, बराती नदी में भी कार्य किये जाने की जरुरत है।
*** बारिश के प्रारंभिक दिनों मे भी अमरकंटक भारी जल संकट से गुजर रहा है। मां नर्मदा उद्गम कुंड, स्नान कुंड का जलस्तर नीचे चला गया है। मां नर्मदा की दो सहायक नदियां
गायत्री - सावित्री , इंद्र दमन तालाब पूर्णतया सूख गया है । इनमें जलस्तर बढ़ाने के लिए आम जन सहयोग से जेसीबी द्वारा गहरीकरण करके इनकी जल धारण क्षमता बढ़ाई जा रही है। इस कार्य में अब प्रशासन तथा ऒर भी जन सहयोग की आवश्यकता महसूस की जा रही है । 
राम गोपाल द्विवेदी (दादू महाराज), संजय श्रीवास , कामता प्रसाद द्विवेदी (नीलू महाराज) , प्रियम द्विवेदी, मुकेश वर्मा , अमित राजपूत, विवेक श्रीवास्तव , हनुमान दास जी महाराज, मृत्युंजय आश्रम योगेश जी से संपर्क कर लोग अपना सहयोग दे सकते हैं।
*** जिला प्रशासन को इस मामले मे पूरा बैकअप देना चाहिए। जल संरक्षण , विशेष रुप से नर्मदा कुण्ड मे जल भराव के लिये ठोस कदम उठाए जाने की जरुरत है।

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