(हिमांशू बियानी / जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा)
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर जोन के अंतर्गत बिलासपुर रेल मंडल में बिलासपुर अनूपपुर
रेड लाइन दोहरीकरण परियोजना के लिए काफी संख्या में यात्री ट्रेनों को उनके प्रारंभिक
स्टेशन से बंद कर दिया गया है जिससे यात्रियों को शादी विवाह परीक्षाएं कुंभ मेला आदि
में आने जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जबकि ट्रेनों को अनूपपुर
जंक्शन स्टेशन तक चलाया जा सकता था लेकिन रेलवे ने टोटल ट्रेनों को उनके प्रारंभिक
स्टेशन से बंद कर अपनी लालफीताशाही दिखाने की कोशिश की है गरीब जनता बसों में सफर करने
में असमर्थ है उसके साथ ही अनूपपुर से बिलासपुर के लिए बस सुविधा भी नहीं है रेलवे
ने ट्रेने बंद कर दी लेकिन उसकी कोई वैकल्पिक व्यवस्था यात्रियों के लिए नहीं की जिससे
यात्री परेशान है। लोगों ने 4 माह पहले से अपनी यात्रा का आरक्षण करा लिया था लेकिन
उनके सामने अब समस्या खड़ी हो गई जो कि रेलवे ने अपने तुगलकी फरमान के सामने यात्रियों
की समस्याओं को नजरअंदाज कर दिया। अनूपपुर सीआईसी रेल सेक्शन एवं शहडोल संभाग के यात्रियों
की चुप्पी का फायदा रेलवे भरपूर उठा रहा है अगर यहां की जनता भड़की एक भी मालगाड़ी ट्रेक
पर नहीं चलने दी तो रेलवे को उसका हर्जाना स्वयं वाहन करना पड़ेगा सरोज संभाग के सांसद
पूरी तरह से मौन साधे हुए हैं उन्हें यात्रियों की समस्याओं से कोई लेना देना नहीं
वह ईश्वर की कृपा पर भरोसा रखते हैं लोकसभा चुनाव सामने हैं समस्याएं भरपूर है और सभी
जरूरतमंद यात्री ट्रेने पूरी तरह से बंद कर दी गई है। अच्छा होगा रेलवे प्रशासन जागे
यात्रियों की समस्याओं को देखें और तत्काल जरूरतमंद सभी ट्रेनें पुनः प्रारंभ करें।
जिससे यात्रियों को आने जाने में कोई परेशानी ना हो। ट्रेनों को कुछ विलंब किया जा
सकता है लेकिन बंद नहीं किया जाना चाहिए। रेलवे ने अपनी कोई बसें भी नहीं चालू की अगर
रेलवे के पास समस्या है पानी की दो ट्रेनों को मनेन्द्रगढ़ या शहडोल तक भेजा जा सकता
है। जिससे समस्याओं का समाधान काफी हद तक हो सकता है। अगर रेलवे प्रशासन समय रहते नहीं
जाएगा तो उसे भारी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आज रेलवे मालगाड़ी धड़ाधड़ चला
रही है उसे किसी तरह की परेशानी नहीं है अब यात्रियों को रेल लाइन पर आना पड़ेगा और
माल गाड़ियों को रोकना पड़ेगा तभी यात्री सुविधाएं लोगों को प्राप्त होगी। ऐसा रेलवे
की तुगलकी फरमान से लग रहा है। रेलवे को चाहिए कि ट्रेनों को कुछ विलंब से चलाएं लेकिन
चलाए जरूर। और प्रारंभिक स्टेशन से जो भी ट्रेनें रद्द की गई है उन्हें अनूपपुर, शहडोल,
मनेन्द्रगढ तक ले जाया जाए जिससे यात्रियों की समस्याओं का समाधान हो सके। ज्ञातव्य
हो कि रेलवे दोहरीकरण का कार्य पेंड्रारोड, सरबाहरा, खोडरी के मध्य हो रहा है लेकिन
ट्रेनों को उनके प्रारंभिक स्टेशन से ही निरस्त कर दिया गया है जो किसी भी मायने में
उचित नहीं है।
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