Anchadhara

अंचलधारा
!(खबरें छुपाता नही, छापता है)!

अधिकांश पत्रकारों को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष से दूर रखा जिला कांग्रेसाध्यक्ष ने अपनी नाकामी छिपाने में सफल

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंचलधारा) विवादास्पद जिला कांग्रेस अध्यक्ष रमेश कुमार सिंह ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की आयोजित पत्रकार वार्ता में अधिकांश समाचार पत्र एवं प्रिंट मीडिया के पत्रकारों से परहेज रखा।केवल उन्हीं पत्रकारों को आमंत्रित किया जो उनके पक्ष में उनका गुणगान करते हैं।
          अपनी नाकामी को छिपाने के लिए उन्होंने काफी पत्रकारों को नजर अंदाज कर दिया।जिसे प्रदेशाध्यक्ष ने उपस्थिति कम देखकर भाप लिया।जिला कांग्रेस के विवाद को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अच्छी तरह समझ गए हैं और आने वाले समय में अनूपपुर जिला कांग्रेस कमेटी में नए अध्यक्ष की नियुक्ति हो जाएगी,संगठन को शक्ति देने वाले अध्यक्ष की नियुक्ति कर दी जाएगी।
                             अभी हालात यह है कि पत्रकारों को किसी प्रकार की सूचना देना जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष ने उचित नहीं समझा।इनका प्रवक्ता कहां है उसका कुछ आता पता ठिकाना नहीं है...? 
        जिला कांग्रेस के अधिकांश पदाधिकारी इनसे दूरी बनाकर रखते हैं।जिले में कांग्रेस संगठन नाम की कोई चीज नजर नहीं आती। 
        शासकीय सेवा से रिजाइन देने के बाद नेतागिरी के गुण का इनमें काफी अभाव देखा जा रहा है।आज भी उनमें वही मानसिकता घमंड टाइप की नजर आती है।पूर्व प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने पता नहीं क्या सोचकर इनको जिला कांग्रेस की कमान सौंप दी।जबकि कांग्रेस संगठन में काम करने वाले अच्छे कार्यकर्ता जिला मुख्यालय सहित जिले भर में थे।लेकिन सभी संगठन के कार्यकर्ताओं को एक सिरे से नकारते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए कमलनाथ ने रमेश कुमार सिंह को जिला कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया।इनका पहला स्वागत अंडर ब्रिज के पास किया गया जहां पूरी की पूरी कुर्सी खाली पड़ी थी।पहली बार में ही वह फेल साबित हुए थे।लेकिन इसकी जानकारी पहुंचने के बाद भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए कमलनाथ ने कोई हिदायत नहीं दी।जिसका परिणाम है कि अनूपपुर जिला मुख्यालय में एवं पूरे जिले भर में कांग्रेस काफी कमजोर हो गई।
         कभी शहडोल एक जिला होता था जिसके अंतर्गत उमरिया एवं अनूपपुर जिला भी आता था।जिला कांग्रेस का अध्यक्ष शहडोल से होता था लेकिन महासचिव अनूपपुर जिला मुख्यालय से होते थे स्वर्गीय शंकर बाबू शर्मा होते थे और पूरे जिले कांग्रेस की डोर उनके हाथों में होती थी।वह जिला कांग्रेस का संचालन करते थे।आज भी पुराने कांग्रेस के लोग इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं।लेकिन आज अनूपपुर की हालात क्या है यह किसी से छिपी हुई नहीं है।यहां जिस तरह से कांग्रेस का बंटाधार हुआ है वह केवल रमेश कुमार सिंह जिला कांग्रेस अध्यक्ष के चलते हुआ है।अधिकांश कांग्रेस के लोग भारतीय जनता पार्टी में चले गए।आज प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी पूरी तन्यमयता के साथ कांग्रेस को मजबूत करने के लिए लगे हुए हैं।कांग्रेस के प्रत्येक कार्यकर्ता से डायरेक्ट रूबरू हो रहे हैं और संगठन की कमी को समझने की कोशिश कर रहे हैं।उसके बावजूद भी अनूपपुर जिले में बैठे जिला कांग्रेस अध्यक्ष रमेश कुमार सिंह अपने अहम के आगे झुकने को तैयार नहीं है, जो कांग्रेस की बर्बादी का सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है। 
             आने वाले समय में अनूपपुर जिले में कांग्रेस को मजबूती देने के लिए जिस तरह से प्रभारी को परिवर्तित किया गया था।उसी तरह जिला कांग्रेस अध्यक्ष को भी परिवर्तित करना होगा।जब ही अनूपपुर जिले में कांग्रेस अपनी पैठ जमाना शुरू कर पाएगी।अन्यथा कांग्रेस अनूपपुर जिले से पूरी तरह सिमट जाएगी।इसके लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को गंभीरता से विचार करना चाहिए और ऐसे अध्यक्ष को सबक सिखाना जरूरी है जो केवल उनकी वाहवाही करने वाले पत्रकारों को आमंत्रित कर अपनी कमी को छिपाने का प्रयास किया है।
                        अनूपपुर जिले में कांग्रेस किस तरह से विभाजित है इसको प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस कमेटी जीतू पटवारी ने अच्छी तरह से समझ लिया है और भोपाल जाने के बाद वह अनूपपुर जिला कांग्रेस का फैसला कर जिले में कांग्रेस को दमदार अध्यक्ष प्रदान कर देंगे।
              अनूपपुर जिले में अगर देखा जाए तो वास्तव में कांग्रेस को जिंदा रखने में पुष्पराजगढ़ विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को एवं कांग्रेस सेवा दल के प्रदेश प्रशिक्षक डॉक्टर एहसान अली अंसारी का महत्वपूर्ण योगदान है। जो समय-समय पर कांग्रेस कमेटी के वार्षिक कैलेंडर के अनुसार कार्यक्रम का आयोजन कर जिले में कांग्रेस की पहचान को कायम रखे हैं।

Post a Comment

0 Comments