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हमें बाघ की तरह संवेदनशील रहना चाहिए-प्रदीप खत्री

 

पर्यावरण के संतुलन से 
ही हमारा भविष्य सुरक्षित-शार्मे 
(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) वन परीक्षित राजेंद्रग्राम के प्राकृतिक एवं धार्मिक स्थल इमलीखेरवा में शासकीय महाविद्यालय राजेंद्रग्राम के 140 से अधिक छात्र-छात्राओं की उपस्थिति में अनुभूति कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
       जिसमें एसडीओ वन राजेंद्रग्राम प्रदीप कुमार खत्री ने कहा कि हमें जंगल के बाघ की तरह संवेदनशील रहने की आवश्यकता है।जो आवश्यकता अनुसार अपने भोजन को ग्रहण करते हुए वनों की रक्षा एवं सुंदरता बनाए रखता है। वनों में वन्यप्राणियों के रहने से वनों की रक्षा के साथ अनेकों तरह के लाभ होते हैं।बच्चों को वन भ्रमण दौरान उन्होंने गूलर,पीपल,बरगद जैसे अनेकों पेड़-पौधों एवं औषधि पेड़ों की गहराई से जानकारी देते हुए वृक्षों के महत्व को समझाया।
             इस दौरान शासकीय महाविद्यालय राजेंद्रग्राम के प्राचार्य डॉ.डी.पी शार्मे ने कहा कि प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने के लिए हमने संवेदनशील होना चाहिए।संतुलन के निरंतर बिगड़ने के कारण विश्व में अनेकों तरह की परेशानियां उत्पन्न हो रही है जिसका ताजा उदाहरण विगत दिनों आए कोरोना नामक बीमारी से उत्पन्न हुई रही।जिस समस्या से जूझे लोगों से समझ आ सकता है हमें वनों, वन्यप्राणियों के साथ प्रकृति की संरचना को बचाए रखने की दिशा में सोच समझ कर कार्य करना चाहिए।
       कार्यक्रम दौरान वन परिक्षेत्र अधिकारी शिवम् कोष्ठी ने वन विभाग में पदस्थित होने वाले अधिकारियों,कर्मचारियो की पहचान एवं उनके कर्तव्यों के बारे में बच्चों को अवगत कराया।कार्यक्रम के प्रेरक शशिधर अग्रवाल एवं मनीष कुमार ने बच्चों को मै भी बाघ थीम पर आयोजित अनुभूति कार्यक्रम के संबंध में आयोजन करने का उद्देश्य को बताते हुए विभिन्न तरह की रोचक जानकारियां दी।तथा वन भ्रमण दौरान पानी के संग्रहण,दीमक का घर,मिट्टी,पत्थरों के प्राकृतिक रूप से बने के कारण,वनों में पाए जाने वाले औषधि पेड़-पौधों की जानकारी दी।
             इस दौरान कार्यक्रम के प्रेरक एवं परिक्षेत्र सहायक किरर देवेंद्र कुमार पांडेय ने बच्चों को वनों में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के पेड़ों के आकार एवं उनके महत्व को बताया।प्रेरक एवं वनरक्षक फारुख मंसूरी ने बच्चों को खाद्य श्रृंखला के साथ बाघ के दिनचर्या एवं उनके स्वभाव के साथ वनों में रहने से वनों में होने वाले लाभ की जानकारी दी।
      बच्चों से वनों एवं अन्य तरह की प्रश्नोत्तरी का आयोजन कर सही जवाब दिए जाने वाले बच्चों को पुरस्कृत करने के साथ वन,वन्यप्राणियों एवं प्रकृति के संरक्षण पर शपथ दिलाई गई।इस दौरान वन परिक्षेत्र राजेंद्रग्राम के अधिकारी, कर्मचारी,वनरक्षक,सुरक्षा श्रमिक एवं महाविद्यालय के शिक्षक,शिक्षिका उपस्थिति रहे।

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