(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जिला अनूपपुर आर.पी.सेवेतिया के न्यायालय से सत्र प्रकरण क्र. 74/21, थाना कोतवाली अनूपपुर के अपराध क्रमांक 390/20 अन्तर्गत धारा 354,506,323,376, 120बी,34 भादवि के आरोपीगण गिरजा सिंह गोंड,उम्र 37 वर्ष निवासी ग्राम सकरा जिला अनूपपुर को 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं कुल छह हजार रू.अर्थदण्ड से एवं सह अभियुक्त भारत सिंह गोंड उम्र 43 निवासी ग्राम सकरा डोंगरीटोला जिला अनूपपुर को 01 वर्ष के सश्रम कारावास एवं एक हजार रू.अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।
मामले में राज्य की ओर से लोक अभियोजक पुष्पेन्द्र कुमार मिश्रा ने पैरवी की है।
लोक अभियोजक ने न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 20/09/2020 को पीडिता अपने 17 वर्षीय पुत्र के साथ खेत पर काम कर रही थी।उसी दौरान उसका पुत्र निस्तार के लिए बोलकर अलग चला गया था।उसी दौरान अभियुक्त गिरजा वहां आया और उसने पीडिता के साथ छेड-छाड करते हुए गलत काम किया।
उसी समय उसका लडका बीच-बचाव करने दौडा तो अभियुक्त गिरजा एवं उसके भाई ने उसके साथ मार-पीट की।जिसे देखकर उसका पति भी मौके पर आया।तब आरोपीगण वहां से भाग गये।जिसके संबंध में पीडिता के द्वारा थाने में मौखिक शिकायत दर्ज कराये जाने पर पुलिस द्वारा अपराध पंजीबद्ध कर प्रथम सूचना प्रतिवेदन लेखबद्ध करते हुए प्रकरण को विवेचना में लिया गया।पुलिस द्वारा अनुसंधान समाप्ति पर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया।जहां न्यायालय द्वारा आरोपीगण को दोषी पाते हुए उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया है।
मामले में राज्य की ओर से लोक अभियोजक पुष्पेन्द्र कुमार मिश्रा ने पैरवी की है।
लोक अभियोजक ने न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 20/09/2020 को पीडिता अपने 17 वर्षीय पुत्र के साथ खेत पर काम कर रही थी।उसी दौरान उसका पुत्र निस्तार के लिए बोलकर अलग चला गया था।उसी दौरान अभियुक्त गिरजा वहां आया और उसने पीडिता के साथ छेड-छाड करते हुए गलत काम किया।
उसी समय उसका लडका बीच-बचाव करने दौडा तो अभियुक्त गिरजा एवं उसके भाई ने उसके साथ मार-पीट की।जिसे देखकर उसका पति भी मौके पर आया।तब आरोपीगण वहां से भाग गये।जिसके संबंध में पीडिता के द्वारा थाने में मौखिक शिकायत दर्ज कराये जाने पर पुलिस द्वारा अपराध पंजीबद्ध कर प्रथम सूचना प्रतिवेदन लेखबद्ध करते हुए प्रकरण को विवेचना में लिया गया।पुलिस द्वारा अनुसंधान समाप्ति पर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया।जहां न्यायालय द्वारा आरोपीगण को दोषी पाते हुए उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया है।
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