(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश जय सिंह सरौते कोतमा के न्यायालय ने थाना बिजुरी के अपराध की धारा 376,376(ए)(बी) भादवि 5/6 पॉक्सो अधिनियम में आरोपी दिनेश केवट पिता शोभई केवट,उम्र 48 वर्ष को पाक्सो एक्ट की धारा 5/6 अनुकल्पित धारा 376एबी भादवि में 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5000 रुपए का अर्थदण्ड से दण्डित किया है।साथ ही पीडिता को चार लाख रुपए की प्रतिकर राशि सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण अनूपपुर के माध्यम से दिलाये जाने का आदेश पारित किया है।मामले में पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी एजीपी राजगौरव तिवारी द्वारा की गयी है।
सहा. जिला अभियोजन अधिकारी,मीडिया प्रभारी विशाल खरे द्वारा राजगौरव तिवारी एडीपीओं के जरिये प्राप्त न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि घटना दिनांक 08/12/2021 को पीडिता सुबह 08 बजे स्कूल गयी थी एवं करीब 01 बजे दोपहर को घर आयी तो आरोपी उसे अपना पैर कचरवाने के बहाने छत पर ले गया और वहॉ उसके साथ गंदा-गंदा गलत करने लगा तब वह रोते हुए अपने मॉ को घटना के बारे में बताया जिसके बाद घटना की रिपोर्ट थाना बिजुरी में की,बिजुरी पुलिस द्वारा अभियुक्त के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया।
अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया,विवेचना पूर्ण होने के पश्चात अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।अभियोजन ने मामलें को प्रमाणित करने के लिए 12 साक्षी एवं 26 प्रदर्शेा को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।जहां न्यायालय द्वारा आरोपी को दोषी पाते हुए उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया है।न्यायालय में राजगौरव तिवारी अपर लोक अभियोजक,एडीपीओ कोतमा द्वारा साक्ष्य व लिखित तर्क उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय के न्याय दृष्टांतों सहित प्रस्तुत किये गये।प्रकरण में डीएनए साक्ष्य का आभाव था परंतु उक्त आभाव का स्पष्टीकरण अभियोजन द्वारा तर्क के दौरान स्पष्ट किया गया जिससे संतुष्ट होकर न्यायालय ने उक्तानुसार दण्ड से दण्डित किया है।
सहा. जिला अभियोजन अधिकारी,मीडिया प्रभारी विशाल खरे द्वारा राजगौरव तिवारी एडीपीओं के जरिये प्राप्त न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि घटना दिनांक 08/12/2021 को पीडिता सुबह 08 बजे स्कूल गयी थी एवं करीब 01 बजे दोपहर को घर आयी तो आरोपी उसे अपना पैर कचरवाने के बहाने छत पर ले गया और वहॉ उसके साथ गंदा-गंदा गलत करने लगा तब वह रोते हुए अपने मॉ को घटना के बारे में बताया जिसके बाद घटना की रिपोर्ट थाना बिजुरी में की,बिजुरी पुलिस द्वारा अभियुक्त के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया।
अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया,विवेचना पूर्ण होने के पश्चात अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।अभियोजन ने मामलें को प्रमाणित करने के लिए 12 साक्षी एवं 26 प्रदर्शेा को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।जहां न्यायालय द्वारा आरोपी को दोषी पाते हुए उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया है।न्यायालय में राजगौरव तिवारी अपर लोक अभियोजक,एडीपीओ कोतमा द्वारा साक्ष्य व लिखित तर्क उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय के न्याय दृष्टांतों सहित प्रस्तुत किये गये।प्रकरण में डीएनए साक्ष्य का आभाव था परंतु उक्त आभाव का स्पष्टीकरण अभियोजन द्वारा तर्क के दौरान स्पष्ट किया गया जिससे संतुष्ट होकर न्यायालय ने उक्तानुसार दण्ड से दण्डित किया है।
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