(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जिला अनूपपुर,आर.पी.सेवेतिया के न्यायालय से सत्र प्रकरण क्र. 19/21, थाना भालूमाडा के अपराध क्रमांक 17/21 अन्तर्गत धारा 363, 365, 34, 366, 376, 376(2)(एन), 120बी, 376(डी), 392 भादवि के आरोपीगण बबलू राठौर पिता मुन्नू राठौर उम्र 24 वर्ष निवासी वार्ड नं. 13 जैतहरी जिला अनूपपुर, नत्थूलाल राठौर पिता शुद्धू राठौर उम्र 43 वर्ष निवासी ग्राम पाटन अमहाटोला थाना जैतहरी जिला अनूपपुर, अनुरूद्ध प्रताप राठौर पिता चरणलाल राठौर उम्र 23 वर्ष निवासी ग्राम क्योंटार टिकरीटोला थाना जैतहरी जिला अनूपपुर को दोषी पाते हुए अधिकतम आजीवन कारावास (शेष प्राकृत जीवन तक) तथा कुल 30 हजार रुपए अर्थदण्ड से दण्डित किया है।मामले में राज्य की ओर से लोक अभियोजक पुष्पेन्द्र कुमार मिश्रा ने पैरवी की है।
लोक अभियोजक ने न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि पीडिता दिनांक 11/07/2020 को अपने 10 महीने के अबोध पुत्र की चिकित्सा कराकर लौट रही थी।जैसे ही वह नगर पालिका के गेट के पास पहुंची आरोपी नत्थू और बबलू ने उसे जबरन उसके अबोध पुत्र सहित मोटरसाईकिल में बैठाकर आगे लेकर आये जहां से अन्य अभियुक्त अनुरूद्ध भी शामिल हो गया।
जिन्होंने पीडिता को तहसील कार्यालय के पास लाकर एक निजी क्लीनिक में उसके साथ उसकी मर्जी के बिना बलात्संग कारित कर उसे अन्य स्थान में ले जाकर पीडिता के साथ बलात्संग की घटना कारित की।जिसके संबंध में वह थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंची उसी समय उसके पति भी पीडिता एवं उसके पुत्र की गुमशुदगी की शिकायत करने पहुंचे थे।
जिसके आधार पर पुलिस ने गुमशुदगी कायम की।उसी दौरान पुलिस द्वारा पीडिता के थाने पहुंचने पर पीडिता द्वारा बतायी गई घटना की जानकारी के आधार पर पीडिता की दस्तयाबी संबंधी कार्यवाही करते हुए पीडिता को चिकित्सीय परीक्षण हेतु भेजते हुए मामले को विवेचना में लिया गया।दौरान विवेचना अभियुक्तगण को अभिरक्षा में लेकर अनुसंधान समाप्ति के बाद अभियोगपत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया।जहां विचारण पश्चात न्यायालय द्वारा आरोपीगण को दोषी पाते हुए उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया है।
लोक अभियोजक ने न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि पीडिता दिनांक 11/07/2020 को अपने 10 महीने के अबोध पुत्र की चिकित्सा कराकर लौट रही थी।जैसे ही वह नगर पालिका के गेट के पास पहुंची आरोपी नत्थू और बबलू ने उसे जबरन उसके अबोध पुत्र सहित मोटरसाईकिल में बैठाकर आगे लेकर आये जहां से अन्य अभियुक्त अनुरूद्ध भी शामिल हो गया।
जिन्होंने पीडिता को तहसील कार्यालय के पास लाकर एक निजी क्लीनिक में उसके साथ उसकी मर्जी के बिना बलात्संग कारित कर उसे अन्य स्थान में ले जाकर पीडिता के साथ बलात्संग की घटना कारित की।जिसके संबंध में वह थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंची उसी समय उसके पति भी पीडिता एवं उसके पुत्र की गुमशुदगी की शिकायत करने पहुंचे थे।
जिसके आधार पर पुलिस ने गुमशुदगी कायम की।उसी दौरान पुलिस द्वारा पीडिता के थाने पहुंचने पर पीडिता द्वारा बतायी गई घटना की जानकारी के आधार पर पीडिता की दस्तयाबी संबंधी कार्यवाही करते हुए पीडिता को चिकित्सीय परीक्षण हेतु भेजते हुए मामले को विवेचना में लिया गया।दौरान विवेचना अभियुक्तगण को अभिरक्षा में लेकर अनुसंधान समाप्ति के बाद अभियोगपत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया।जहां विचारण पश्चात न्यायालय द्वारा आरोपीगण को दोषी पाते हुए उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया है।
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