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सिर में मोटी लकडी से वार कर अपने भाई की हत्या करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास की सजा एवं अर्थदण्ड

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो) 

अनूपपुर (अंचलधारा) न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश राजेन्द्रग्राम जिला अनूपपुर के न्यायालय द्वारा थाना करनपठार के अपराध क्र. 107/2018 धारा 302, 201, 177, 193, 203 भादवि के आरोपी गोविंद सिंह पिता स्व.भोग सिंह उम्र 50 वर्ष निवासी ग्राम कंचनपुर, थाना करनपठार जिला अनूपपुर म.प्र. को निर्णय दिनांक 13/10/2023 को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास एवं 200 रूपये अर्थदण्ड, धारा 201 भादवि में 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये अर्थदण्ड, धारा 177 भादवि में 06 माह का साधारण कारावास एवं 500 रूपये अर्थदण्ड, धारा 193 भादवि में 01 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रूपये अर्थदण्ड एवं धारा 203 भादवि में 06 माह का सश्रम कारावास एवं 500 रूपये अर्थदण्ड कुल मिलाकर आरोपी का आजीवन कारावास एवं 4500 रूपये के अर्थदण्ड के दण्ड से दण्डित किए जाने का आदेश पारित किया है।
                       मामले में अभियोजन की ओर से पैरवी वरिष्ठ सहायक जिला अभियेाजन अधिकारी नारेन्द्रदास महरा द्वारा की गयी।  
              वरिष्ठ सहायक जिला अभियेाजन अधिकारी द्वारा न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 31/07/2018 को आरोपी गोविंद सिंह एवं मृतक पति सिंह से पत्थर तोडने की मजदूरी के 400 रूपये को लेकर झगडा विवाद हो गया था, तब पति सिंह ने पत्थर से उसके सिर पर वार किया जिससे गोविदं सिंह को खून निकलने लगा, तब आरोपी टटिया से मोटी लकडी निकालकर पति सिंह को मारा, जिससे पति सिंह वही पर गिर गया, तब आरोपी गोविंद मृतक की पत्नी से बोला इसे ले जाओं, तब मृतक की पत्नी सुरतियाबाई एवं बहू बबली उर्फ सुशीला  बाई पति सिंह को घर लेकर आई और सुला दी, रात करीब 01 बजे पति सिंह की मृत्यु हो गई। मर्ग जांच के दौरान अभियुक्त द्वारा मृतक पति सिंह की हत्या करना एवं साक्ष्य छिपाने की दृष्टि से लडाई व मारपीट के संबंध में किसी को न बताना पाया गया, जिसके आधार पर अभियुक्त के विरूद्व अपराध क्र. 107/2018 अंतर्गत धारा 302, 201, 177, 193, 203 भादवि की प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्व की गई। अभियुक्त को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ कर उसका मेमोरेण्डम कथन लेखबद्व किया गया जिसमें आरोपी ने अपराध करना स्वीकार किया। मामले की समस्त् विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन द्वारा शासन की ओर से पैरवी की गई जहां पर  न्यायालय द्वारा अपराध प्रमाणित पाये जाने पर आरोपी को उक्त दण्ड से दंडित किया।                                                      

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