(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) अनूपपुर जिले के अनूपपुर एवं कोतमा रेंज के बड़हर एवं टांकी गांव एवं गांव एवं जंगलों में चार हाथियों का समूह दो-दो की संख्या में निरंतर विचरण कर रहा है।
हाथियों के निरंतर विचरण से ग्रामीण जन रात-रात भर जागने को मजबूर हो रहे हैं।वहीं जिला प्रशासन एवं वन विभाग का मैदानी अमला हाथियों के निगरानी के साथ ग्रामीणों की सुरक्षा में लगा हुआ है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार कोतमा रेंज के टांकी बीट अंतर्गत कक्ष क्रमांक 476 के जंगल में दो हाथियों का समूह छ: दिनो से निरंतर डेरा जमाया है।जो पूरे दिन जंगल में अपना समय लेट कर,सो कर,चर कर ब्यतीत करने बाद देर शाम-रात होने पर जंगल के किनारे स्थित ग्रामीणो के धान वालों खेतो में जाकर धान की फसलों को अपना आहार बना रहे हैं।विगत बुधवार की रात दोनों हाथी में टांकी गांव के कुछ टोला-मोहल्ला में घुसकर घरों एवं बाउंड्रीबाल को तोड़कर नुकसान पहुंचाया है।वही दो हाथियों का समूह शहडोल जिले की बुढार रेंज अंतर्गत खोह बीट में गुरुवार के पूरे दिन विश्राम का वाद शाम को खोह के बधियाटोला से देर रात अनूपपुर रेंज के बडहर बीट अंतर्गत बड़हर गांव के बंजारीटोला,जल्दाटोला में विचरण करने के बाद गुरुवार की सुबह होते ही किरर बीट के जंगल कक्ष क्रमांक आर.एफ.386 में डेरा जमाते हुए शाम 4 बजे के लगभग शहडोल-अमरकंटक मुख्य मार्ग को किरर घाट से पार कर दूसरी ओर के जंगल में जाकर विचरण कर रहे हैं। जिनके देर शाम-रात को औढेरा या राजेंद्रग्राम रेंज के बंधार के जंगल में या जंगल से लगे गांव के खेतों में लगी धान को खाने पहुंचने की संभावना व्यक्त की जा रही है।इस बीच हाथियों की समूह ने बड़हर गांव की बंजारीतालाब में बुधवार की रात 9.30 बजे से 10.10 बजे के बीच तालाब के बीच पानी में डुबकी लगाकर,मस्ती कर नहाते रहे।जो नहाने के बाद धान खाने के लिए देर रात तक खेतों में चरते रहे।
बड़हर के कुछ गांव वालों के कच्चे मकानों में तोड़फोड़ की है।दोनों समूह को अपने घर,मोहल्ले एवं गांव से दूर भगाने के लिए ग्रामीण अनेको माध्यमों से प्रयास करते रहे जिससे हाथियों का समूह गांव के बीच बस्ती में नहीं घुस सके।वन विभाग का मैदानी अमला हाथियों के निगरानी के साथ ग्रामीणो की सुरक्षा में लगा हुआ है।लेकिन कुछ असमाजिक तत्व अत्यधिक शराब के नशे में डूबे ग्रामीण जनप्रतिनिधियों,वन विभाग के कर्मचारी के हिदायत एवं मना करने के बावजूद हाथियों के नजदीक चले जाते हैं। जिससे हाथी अक्सर नाराज होकर बीच-बीच में ग्रामीणों को अपने से दूर रखने के लिए दौडाते रहने से कभी भी किसी बड़ी दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है।वैसे वर्तमान समय तक स्थिति सामान्य एवं नियंत्रण में है।
हाथियों के निरंतर विचरण से ग्रामीण जन रात-रात भर जागने को मजबूर हो रहे हैं।वहीं जिला प्रशासन एवं वन विभाग का मैदानी अमला हाथियों के निगरानी के साथ ग्रामीणों की सुरक्षा में लगा हुआ है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार कोतमा रेंज के टांकी बीट अंतर्गत कक्ष क्रमांक 476 के जंगल में दो हाथियों का समूह छ: दिनो से निरंतर डेरा जमाया है।जो पूरे दिन जंगल में अपना समय लेट कर,सो कर,चर कर ब्यतीत करने बाद देर शाम-रात होने पर जंगल के किनारे स्थित ग्रामीणो के धान वालों खेतो में जाकर धान की फसलों को अपना आहार बना रहे हैं।विगत बुधवार की रात दोनों हाथी में टांकी गांव के कुछ टोला-मोहल्ला में घुसकर घरों एवं बाउंड्रीबाल को तोड़कर नुकसान पहुंचाया है।वही दो हाथियों का समूह शहडोल जिले की बुढार रेंज अंतर्गत खोह बीट में गुरुवार के पूरे दिन विश्राम का वाद शाम को खोह के बधियाटोला से देर रात अनूपपुर रेंज के बडहर बीट अंतर्गत बड़हर गांव के बंजारीटोला,जल्दाटोला में विचरण करने के बाद गुरुवार की सुबह होते ही किरर बीट के जंगल कक्ष क्रमांक आर.एफ.386 में डेरा जमाते हुए शाम 4 बजे के लगभग शहडोल-अमरकंटक मुख्य मार्ग को किरर घाट से पार कर दूसरी ओर के जंगल में जाकर विचरण कर रहे हैं। जिनके देर शाम-रात को औढेरा या राजेंद्रग्राम रेंज के बंधार के जंगल में या जंगल से लगे गांव के खेतों में लगी धान को खाने पहुंचने की संभावना व्यक्त की जा रही है।इस बीच हाथियों की समूह ने बड़हर गांव की बंजारीतालाब में बुधवार की रात 9.30 बजे से 10.10 बजे के बीच तालाब के बीच पानी में डुबकी लगाकर,मस्ती कर नहाते रहे।जो नहाने के बाद धान खाने के लिए देर रात तक खेतों में चरते रहे।
बड़हर के कुछ गांव वालों के कच्चे मकानों में तोड़फोड़ की है।दोनों समूह को अपने घर,मोहल्ले एवं गांव से दूर भगाने के लिए ग्रामीण अनेको माध्यमों से प्रयास करते रहे जिससे हाथियों का समूह गांव के बीच बस्ती में नहीं घुस सके।वन विभाग का मैदानी अमला हाथियों के निगरानी के साथ ग्रामीणो की सुरक्षा में लगा हुआ है।लेकिन कुछ असमाजिक तत्व अत्यधिक शराब के नशे में डूबे ग्रामीण जनप्रतिनिधियों,वन विभाग के कर्मचारी के हिदायत एवं मना करने के बावजूद हाथियों के नजदीक चले जाते हैं। जिससे हाथी अक्सर नाराज होकर बीच-बीच में ग्रामीणों को अपने से दूर रखने के लिए दौडाते रहने से कभी भी किसी बड़ी दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है।वैसे वर्तमान समय तक स्थिति सामान्य एवं नियंत्रण में है।
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