(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंचलधारा) छत्तीसगढ़ से अनूपपुर जिले की सीमा में प्रवेश किए हाथियों के समूह ने सोमवार-मंगलवार की मध्य रात्रि दो नर हाथी के अनूपपुर रेंज के सोनमौहरी बीट अंतर्गत जंगल में सोमवार को पूरे दिन विश्राम करने बाद देर रात्रि सोनमौहरी,सेन्दुरी,बर्री,हर्री होते हुए देर रात तिपान नदी पार कर अनूपपुर नगर के वार्ड क्रमांक 1 सामतपुर पहुंचकर सामतपुर मंदिर,मुख्य मार्ग,राठौर मोहल्ला,कोल मोहल्ला,भारत ज्योति स्कूल,सूर्या होटल के पास निरंतर तीन घंटे तक विचरण करने से जिला मुख्यालय में अफरा- तफरी मच गई।
जिस पर वन विभाग के साथ पुलिस विभाग एवं प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियो को रात्रि जागरण करना पड़ा।इस बीच हाथियों ने कई गांव एवं तिपान नदी के किनारे खेतों में लगी धान को अपना आहार बनाते रहे। वही एक ब्यक्ति की दीवाल तोड़ते हुए सूर्या होटल के पास से मुख्य मार्ग पार कर करहीवाह के राठौर मोहल्ला होकर सुबह होने के पूर्व अनूपपुर-चचाई मुख्य मार्ग,अनूपपुर-अमलाई रेलवे लाईन,वकान नदी को पार कर ग्राम पंचायत चकेठी मे राजस्व के जंगल में पहुंचकर मंगलवार के दिन विश्राम कर रहे हैं।
वही दो हाथियों का समूह कोतमा रेंज के टांकी बीट अंतर्गत जंगल में विगत कई दिनों से दिन में जंगल में विश्राम करते हुए देर शाम व रात होने पर टांकी गांव के टोला, मोहल्ला में किसानों द्वारा लगाई गई धान की फसल को अपना आहार बनाते हुए सुबह होने पर फिर से जंगल की ओर चले जाते हैं।दोनों समूह पर वन विभाग का स्थानीय अमला निरंतर नजर बनाए हुए हैं।तथा नागरिकों को हाथियों के समूह से दूर रहने की सलाह देते हुए गांव के बाहर अगल-थलग बने मकान में रहने वाले ग्रामीणों को बीच गांव में ठहराने मे लगे रहते हैं।विगत रात हाथियों के अनूपपुर नगर में प्रवेश करने पर एसडीओपी अनूपपुर सुमित केरकेट्टा,थाना प्रभारी अनूपपुर अमर वर्मा,वन परिक्षेत्र अधिकारी स्वर्ण गौरव सिंह,सहा.उप निरीक्षक आर.एन. तिवारी,परि.सहायक संतोष श्रीवास्तव,वन्यजीव संरक्षण शशिधर अग्रवाल सहित वन विभाग के वनरक्षक, सुरक्षाश्रमिक ने रात्रि जागरण कर आम लोगों को हाथियों से बचाने एवं हाथियों के विचरण पर निरंतर नजर रखे हुए है।
हाथियों के निरंतर विचरण पर वन विभाग,संबंधित ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों द्वारा मुनादी के माध्यम से आमजन को जागृत करने का प्रयास कर रहे हैं।दोनों हाथियों की समूह पर निरंतर निगरानी करते हुए ग्रामीणों को समझाई दिए जाने के परिणाम स्वरूप वर्तमान समय तक किसी भी तरह की विपरीत दुर्घटना घटित नहीं हुई है।
हाथियों के समूह को अपने घर मोहल्ला एवं गांव से बाहर भागने हेतु प्रतिदिन की तरह सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण लग रहे।
जिस पर वन विभाग के साथ पुलिस विभाग एवं प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियो को रात्रि जागरण करना पड़ा।इस बीच हाथियों ने कई गांव एवं तिपान नदी के किनारे खेतों में लगी धान को अपना आहार बनाते रहे। वही एक ब्यक्ति की दीवाल तोड़ते हुए सूर्या होटल के पास से मुख्य मार्ग पार कर करहीवाह के राठौर मोहल्ला होकर सुबह होने के पूर्व अनूपपुर-चचाई मुख्य मार्ग,अनूपपुर-अमलाई रेलवे लाईन,वकान नदी को पार कर ग्राम पंचायत चकेठी मे राजस्व के जंगल में पहुंचकर मंगलवार के दिन विश्राम कर रहे हैं।
वही दो हाथियों का समूह कोतमा रेंज के टांकी बीट अंतर्गत जंगल में विगत कई दिनों से दिन में जंगल में विश्राम करते हुए देर शाम व रात होने पर टांकी गांव के टोला, मोहल्ला में किसानों द्वारा लगाई गई धान की फसल को अपना आहार बनाते हुए सुबह होने पर फिर से जंगल की ओर चले जाते हैं।दोनों समूह पर वन विभाग का स्थानीय अमला निरंतर नजर बनाए हुए हैं।तथा नागरिकों को हाथियों के समूह से दूर रहने की सलाह देते हुए गांव के बाहर अगल-थलग बने मकान में रहने वाले ग्रामीणों को बीच गांव में ठहराने मे लगे रहते हैं।विगत रात हाथियों के अनूपपुर नगर में प्रवेश करने पर एसडीओपी अनूपपुर सुमित केरकेट्टा,थाना प्रभारी अनूपपुर अमर वर्मा,वन परिक्षेत्र अधिकारी स्वर्ण गौरव सिंह,सहा.उप निरीक्षक आर.एन. तिवारी,परि.सहायक संतोष श्रीवास्तव,वन्यजीव संरक्षण शशिधर अग्रवाल सहित वन विभाग के वनरक्षक, सुरक्षाश्रमिक ने रात्रि जागरण कर आम लोगों को हाथियों से बचाने एवं हाथियों के विचरण पर निरंतर नजर रखे हुए है।
हाथियों के निरंतर विचरण पर वन विभाग,संबंधित ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों द्वारा मुनादी के माध्यम से आमजन को जागृत करने का प्रयास कर रहे हैं।दोनों हाथियों की समूह पर निरंतर निगरानी करते हुए ग्रामीणों को समझाई दिए जाने के परिणाम स्वरूप वर्तमान समय तक किसी भी तरह की विपरीत दुर्घटना घटित नहीं हुई है।
हाथियों के समूह को अपने घर मोहल्ला एवं गांव से बाहर भागने हेतु प्रतिदिन की तरह सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण लग रहे।
सूड से पड़कर अपने
साथी हाथी को हाथी ने
चढाया तिपान के कगार पर
साथी हाथी को हाथी ने
चढाया तिपान के कगार पर
हर्री गांव के तिपान नदी में दो हाथियों के देर रात पहुंचने पर नदी के अंदर जमीन में मलवा एवं नदी के करार पर एक हाथी के चढ़ जाने तथा दूसरे हाथी के ऊपर न चढ़ पाने पर ऊपर चढे हाथी में जोर से अपने दूसरे हाथी साथी को सूंड़ से तेज़ी से पकड़ कर निरंतर दो-तीन बार के प्रयास पर कगार से ऊपर मैदान में ले जाने में सफलता प्राप्त की।
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