Anchadhara

अंचलधारा
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पांच हाथियों का समूह कृषकों की फसलों को बना रहा आहार वन विभाग लगा निगरानी में ग्रामीण हो रहे भयभीत

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) विगत तीन दिनों पूर्व छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही क्षेत्र से आए पांच हाथियों का समूह जिला अंतर्गत कोतमा तहसील एवं वन परिक्षेत्र के ग्राम पोडी-चोडी,पडौंर एवं लतार के इलाके में दिन में जंगलों में आराम कर दिन तथा रात में नदी,तालाब में नहाने बाद देर शाम से सुबह के मध्य ग्रामीण किसानों के बाड़ी-खेतों में लगी धान,मक्के तथा अन्य तरह की फसलों को अपना आहार बना रहे हैं।
                    हाथियों के आने की सूचना पर एक बार फिर अनूपपुर जिले के कोतमा,जैतहरी एवं अनूपपुर तहसील के ग्रामीण अंचलों के ग्रामीण विगत 40 दिन पूर्व किए नुकसान को लेकर भयभीत व परेशान है।बुधवार की सुबह हाथियों का समूह कोतमा के पड़ौंर बीट अंतर्गत जंगल में पूरा दिन विश्राम करने बाद दोपहर में पानी पीने एवं नहाने के लिए जंगल से नाले में जाकर फिर से वापस आकर विश्राम करते हुये शाम को जंगल से निकल कर पड़ा और पोडी,चोडी, बरबसपुर पंचायत के ग्रामीण अंचलों जो गांव से बाहर हैं के खेतों एवं बाडियों में घुसकर धान,मक्का एवं अन्य तरह की फसलों को अपना आहार बनाते हुए गुरुवार की सुबह फिर से पड़ौंर बीट के कक्ष क्रमांक आर.एफ.445 में पहुंचकर विश्राम कर रहे हैं।हाथियों का समूह गुरुवार की रात किस ओर रुख करेगा यह देर रात होने पर ही पता चल सकेगा। 
        वन विभाग के मैदानी अमले द्वारा हाथियों के विचरण पर निरंतर निगरानी रखते हुए हाथी विचरण प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों को सतर्कता बरतने,अलग-थलग खेतों वाले कच्चे एवं पक्के मकान में ना रहने तथा हाथियों के समूह के पीछे व नजदीक न जाने की सलाह दी जा रही है।विगत तीन दिनों के मध्य हाथियों के समूह को वन विभाग एवं पुलिस विभाग के निरंतर निगरानी के कारण ग्रामीणो की भीड़ कम होने से हाथियों का समूह स्वतंत्रता पूर्वक विचरण कर रहा
है।जिससे किसी भी तरह की कच्चे या पक्के मकान में तोड़फोड़ नहीं हुई है।वही किसी भी ग्रामीण को दौड़ने या घायल करने की स्थिति निर्मित नहीं हुई है।

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