अनूपपुर (ब्यूरो) जिला अंतर्गत वन परीक्षेत्र के पोड़ी-चोड़ी में छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही बीट एवं वन परीक्षेत्र के चंगेरी गांव से लगे सागौन प्लांटेशन से मंगलवार को एक बार फिर से आए पांच हाथियों का समूह दिन में जंगल में विश्राम करने बाद देर रात पोंडी-चोडी,बरबसपुर के विभिन्न टोला-मोहल्ला के कृषकों के खेत में लगी धान एवं अन्य तरह के फसलों को अपना आहार बनाते हुए दूसरे दिन बुधवार की सुबह पड़ौंर बीट के बगार जंगल जो रतार गांव से लगा है में पहुंचकर दिन में विश्राम कर रहे हैं।हाथियों के समूह पर निगरानी करने में वन विभाग का मैदानी अमला लगा हुआ है।
हाथियों के आने तथा विचरण करने की स्थिति में विगत रात चोड़ी-पोड़ी के जंगल में बसे 25-30 धनुहार-बैगा परिवारों के सदस्यों को समीप के आंगनवाड़ी भवन में सुरक्षित ठहराया गया।हाथियों का समूह बुधवार की देर शाम-रात को आहार की तलाश में किस ओर विचरण करेगा इससे ग्रामीण जन भयभीत एवं परेशान नजर आ रहे हैं।
कई गांव के ग्रामीण हाथियों के समूह का फिर से अनूपपुर जिले में प्रवेश कर विचरण करने से दहशत एवं भय की स्थिति मे है।वही कई गांव की ग्रामीण ने चर्चा के दौरान बताया कि पिछले दो माह में 40 दिन अनूपपुर जिले में रहे हाथियों के द्वारा किए गए बाड़ी,खेतों एवं अन्य तरह के नुकसान का मुआवजा ऊंट के मुंह में जीरा डालने जैसा बहुत ही कम राशि प्राप्त हुई है।कही-कही पटवारियो की लापरवाही के कारण किसानों को अब तक राहत राशि नहीं मिल सकी है।जिसकी शिकायत ग्रामीणों द्वारा जिला प्रशासन एवं संबंधित तहसीलों में पूर्व में की है।
मंगलवार की रात हाथियों के विचरण पर वन परीक्षेत्र अधिकारी कोतमा विकास सेठ,भालूमाडा थाना के सहायक उप निरीक्षक प्रभाकर पटेल,वन्यजीव संरक्षक अनूपपुर शशिधर अग्रवाल,परिक्षेत्र सहायक जे.एल.धार्वे,राजू केवट, वनसुरक्षा समिति पोडी अध्यक्ष बुद्धूलाल केवट, पोडी बीट के वनरक्षक राकेश कुमार समुद्रे एवं वन परिक्षेत्र कोतमा के विभिन्न बीटो के वनरक्षक,सुरक्षाश्रमिक एवं ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियो द्वारा निरंतर निगरानी रखी गई।इस दौरान ग्रामीणों को हाथियों के समूह के नजदीक जाने से रोके जाने पर किसी भी तरह की अप्रिय घटना घटित नहीं हो सकी।
हाथियों के आने तथा विचरण करने की स्थिति में विगत रात चोड़ी-पोड़ी के जंगल में बसे 25-30 धनुहार-बैगा परिवारों के सदस्यों को समीप के आंगनवाड़ी भवन में सुरक्षित ठहराया गया।हाथियों का समूह बुधवार की देर शाम-रात को आहार की तलाश में किस ओर विचरण करेगा इससे ग्रामीण जन भयभीत एवं परेशान नजर आ रहे हैं।
कई गांव के ग्रामीण हाथियों के समूह का फिर से अनूपपुर जिले में प्रवेश कर विचरण करने से दहशत एवं भय की स्थिति मे है।वही कई गांव की ग्रामीण ने चर्चा के दौरान बताया कि पिछले दो माह में 40 दिन अनूपपुर जिले में रहे हाथियों के द्वारा किए गए बाड़ी,खेतों एवं अन्य तरह के नुकसान का मुआवजा ऊंट के मुंह में जीरा डालने जैसा बहुत ही कम राशि प्राप्त हुई है।कही-कही पटवारियो की लापरवाही के कारण किसानों को अब तक राहत राशि नहीं मिल सकी है।जिसकी शिकायत ग्रामीणों द्वारा जिला प्रशासन एवं संबंधित तहसीलों में पूर्व में की है।
मंगलवार की रात हाथियों के विचरण पर वन परीक्षेत्र अधिकारी कोतमा विकास सेठ,भालूमाडा थाना के सहायक उप निरीक्षक प्रभाकर पटेल,वन्यजीव संरक्षक अनूपपुर शशिधर अग्रवाल,परिक्षेत्र सहायक जे.एल.धार्वे,राजू केवट, वनसुरक्षा समिति पोडी अध्यक्ष बुद्धूलाल केवट, पोडी बीट के वनरक्षक राकेश कुमार समुद्रे एवं वन परिक्षेत्र कोतमा के विभिन्न बीटो के वनरक्षक,सुरक्षाश्रमिक एवं ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियो द्वारा निरंतर निगरानी रखी गई।इस दौरान ग्रामीणों को हाथियों के समूह के नजदीक जाने से रोके जाने पर किसी भी तरह की अप्रिय घटना घटित नहीं हो सकी।
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