(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट आशीष वशिष्ठ ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत कार्यालय कलेक्टर परिसर अनूपपुर में जुलूस, आमसभा, नारेबाजी एवं ध्वनि विस्तारक यंत्र के आए दिन उपयोग से कार्यालयीन एवं न्यायालयीन कार्य प्रभावित एवं परिशांति भंग होने की संभावना को देखते हुए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं।
आदेश के अनुसार कलेक्टर कार्यालय के परिसर में ध्वनि विस्तार यंत्र पर रोक लगाने हेतु प्रतिबंधात्मक क्षेत्र घोषित किया गया है। कोई भी राजनीतिक दल, सामाजिक संगठन अथवा कोई भी आंदोलनकारी व्यक्ति इस परिसर में प्रतिबंधित रहेंगे। ध्वनि विस्तार यंत्र का उपयोग परिसर एवं उससे लगे हुए 100 मीटर की परिधि में प्रतिबंधित किया गया है। ज्ञापन सौपे जाने के लिए कलेक्टर कार्यालय परिसर के मुख्य द्वार (मेन गेट) पर ही शांतिपूर्ण ढंग से कानून व्यवस्था बनाए रखते हुए व्यक्ति,संगठन कार्यकर्ताओं द्वारा अधिकृत अधिकारी को ज्ञापन सौंपा जाएगा।कोई भी दल,संगठन,आंदोलनकारी व्यक्ति,जुलूस,आमसभा या नारेबाजी,ज्ञापन आदि सौंपे जाने से 3 दिन पूर्व अनुविभागीय अधिकारी अनूपपुर से विधिवत लिखित में अनुमति प्राप्त करेंगे और निर्धारित स्थल पर ही उक्त गतिविधियां करेंगे।
आदेश में उल्लेखित किया गया है कि आदेश की तामीली सम्यक समय एवं पक्षों को करना संभव न होने के कारण एकपक्षीय रूप से तामील के निर्देश दिए गए हैं।
आदेश का उल्लंघन किए जाने पर संबंधितों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा-188 के अंतर्गत अभियोजन की कार्यवाही की जाएगी।यह आदेश 2 माह तक की अवधि के लिए प्रभावशील किया गया है।
आदेश के अनुसार कलेक्टर कार्यालय के परिसर में ध्वनि विस्तार यंत्र पर रोक लगाने हेतु प्रतिबंधात्मक क्षेत्र घोषित किया गया है। कोई भी राजनीतिक दल, सामाजिक संगठन अथवा कोई भी आंदोलनकारी व्यक्ति इस परिसर में प्रतिबंधित रहेंगे। ध्वनि विस्तार यंत्र का उपयोग परिसर एवं उससे लगे हुए 100 मीटर की परिधि में प्रतिबंधित किया गया है। ज्ञापन सौपे जाने के लिए कलेक्टर कार्यालय परिसर के मुख्य द्वार (मेन गेट) पर ही शांतिपूर्ण ढंग से कानून व्यवस्था बनाए रखते हुए व्यक्ति,संगठन कार्यकर्ताओं द्वारा अधिकृत अधिकारी को ज्ञापन सौंपा जाएगा।कोई भी दल,संगठन,आंदोलनकारी व्यक्ति,जुलूस,आमसभा या नारेबाजी,ज्ञापन आदि सौंपे जाने से 3 दिन पूर्व अनुविभागीय अधिकारी अनूपपुर से विधिवत लिखित में अनुमति प्राप्त करेंगे और निर्धारित स्थल पर ही उक्त गतिविधियां करेंगे।
आदेश में उल्लेखित किया गया है कि आदेश की तामीली सम्यक समय एवं पक्षों को करना संभव न होने के कारण एकपक्षीय रूप से तामील के निर्देश दिए गए हैं।
आदेश का उल्लंघन किए जाने पर संबंधितों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा-188 के अंतर्गत अभियोजन की कार्यवाही की जाएगी।यह आदेश 2 माह तक की अवधि के लिए प्रभावशील किया गया है।
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