Anchadhara

अंचलधारा
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इंसान और हाथियों के बीच संघर्ष रोकने के लिए जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन आगे आए-विवेक बियानी

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) जिले के अनूपपुर एवं जैतहरी वन परीक्षेत्र में में 5 हाथियों ने जिस तरह का आतंक मचा रखा है उससे क्षेत्र के रहवासियों का जन-जीवन खतरे में पड़ गया है।   
       हाथी गांव में घरों को तोड़कर किसानों की बगिया और फसलों का नुकसान कर रहे हैं।वही उनके अनाज को भी खा रहे हैं।ऐसी स्थितियों में शासन केवल मूक दर्शक बनकर केवल शांति बनाए रखने की जद्दोजहद कर रहा है।शासन केवल शांति व्यवस्था बनी रहे इसी पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित करके रखा है।लेकिन यहां की जनता का अब धैर्य जवाब देने लगा है।यही कारण है कि इंसानों और हाथियों के बीच संघर्ष की स्थिति लगातार बढ़ती जा रही है।जिसका खामियाजा इंसान को अपनी जान गवा कर देना पढ़ रहा है।  संघर्ष के दौर में अनेक लोग घायल हो चुके हैं।यदि समय रहते इस क्षेत्र से हाथियों को नहीं खदेड़ा गया।तो संघर्ष और खतरनाक हो सकता है।या कोई पहली घटना नहीं है कि इंसानों के क्षेत्र में जंगली हाथियों ने अपना डेरा जमाया हो। 
          ऐसा अनेकों बार हो चुका है और उसका उपाय भी शासन स्तर पर करते हुए हाथियों को अन्यत्र शिफ्ट किया गया है।लेकिन यहां प्रशासन और पुलिस विभाग केवल हाथियों के भरोसे बैठे हैं कि वह कब स्वयं इस क्षेत्र को छोड़कर चले जाए।इतने दिनों से जब हाथियों ने इस क्षेत्र को नहीं छोड़ा है तो यह तय है कि वे जल्दी इस क्षेत्र को छोड़कर जाने वाले नहीं हैं।इसलिए अब इन्हें बलपूर्वक सुरक्षित स्थान में छोड़ने की आवश्यकता है।ताकि हाथी भी स्वतंत्र जीवन यापन कर सकें और इस क्षेत्र की जनता भी चैन की सांस ले। 
        मामला वन विभाग से जुड़ा हुआ है,इसलिए इस विषय पर आमजन कानूनन कुछ नहीं कर सकते।लेकिन शासन को समझना चाहिए कि जनता के हित में उनकी सुरक्षा को मद्दे नजर रखते हुए हाथियों से इस क्षेत्र को खाली कराएं अन्यथा आक्रोशित ग्रामवासी यदि गलत कदम उठाने को मजबूर हुए तो हाथियों के जीवन पर संकट आ सकता है।  ऐसी बहुत सी घटनाएं केरल,असम,पश्चिम बंगाल आदि क्षेत्रों में देखने को मिली है।ऐसी गलती कम से कम अनूपपुर जिले में घटित ना हो इसलिए वन विभाग और प्रशासन विषय की गंभीरता को समझते हुए जल्द से जल्द ऐसे कदम उठाएं ताकि हाथी इस क्षेत्र से काफी दूर चले जाएं।हाथी को जीवन यापन के लिए अगर ईश्वर ने भेजा है तो इंसानों को भी ईश्वर ने ही इस क्षेत्र में बसाया है।यह क्षेत्र इंसानों के रहने के लिए है हाथियों के लिए नहीं।इसलिए इस विषय पर अनावश्यक चर्चा न की जाए इंसान सबसे महत्वपूर्ण है उसके बाद अन्य जीव अतः इंसानों की रक्षा सर्वोपरि है।

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