(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) जिले में लगभग तीन वर्षों से अधिक का समय बीत गया,लेकिन सोनोग्राफी की सुविधा मरीजों को नहीं मिल पा रही हैं।सोनोग्राफी के लिए जिला चिकित्सालय अनूपपुर में मशीन भी उपलब्ध है,लेकिन डॉक्टर की उपलब्धता नहीं होने के कारण सोनोग्राफी नहीं हो पा रही है।इसको लेकर कई बार प्रयास भी किया गया, इसके बाद भी सोनोग्राफी की सुविधा मरीजों के लिए उपलब्ध नहीं हो पाई।
अनूपपुर जिले में तीन निजी सोनोग्राफी अस्पताल है। जहां मरीज ज्यादा पैसा देकर सोनोग्राफी कराते हैं।जबकि जिला चिकित्सालय में सोनोग्राफी की मशीन भी उपलब्ध है।अनूपपुर जिला आदिवासी बाहुल्य जिला हैं।जहां लोग खेती बाड़ी कर अपना जीवन यापन करते हैं।
अनूपपुर जिले में तीन निजी सोनोग्राफी अस्पताल है। जहां मरीज ज्यादा पैसा देकर सोनोग्राफी कराते हैं।जबकि जिला चिकित्सालय में सोनोग्राफी की मशीन भी उपलब्ध है।अनूपपुर जिला आदिवासी बाहुल्य जिला हैं।जहां लोग खेती बाड़ी कर अपना जीवन यापन करते हैं।
सोनोग्राफी मशीन उपलब्ध
लेकिन नहीं हैं विशेषज्ञ डॉक्टर
लेकिन नहीं हैं विशेषज्ञ डॉक्टर
जिला चिकित्सालय अनूपपुर के के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि जिला चिकित्सालय में सोनोग्राफी की सुविधा बंद है।जिसको लेकर कई बार प्रयास किए गए,लेकिन वह शुरू नहीं हो पाई।एक बार फिर प्राइवेट अस्पतालों से हफ्ते में 3 दिन सोनोग्राफी की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नोटिस जारी की गई।
सोनोग्राफी के लिए
एक डॉक्टर का चयन
सोनोग्राफी के लिए
एक डॉक्टर का चयन
वेंकटनगर के डॉक्टर राजीव मोगरे का चयन सोनोग्राफी डिपार्टमेंट में पदस्थापना के लिए हुआ है।इनके लिए वह 6 महीने की ट्रेनिंग के लिए गए हुए हैं। 6 महीने के लिए हमें प्राइवेट अस्पतालों से ही मरीजों का सोनोग्राफी करना पड़ेगा।जिसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
गर्भवती महिलाओं
को होती है दिक्कत
को होती है दिक्कत
गर्भवती महिलाओं को सोनोग्राफी की आवश्यकता पड़ती है।इसके कारण वह निजी अस्पतालों में दोगुना पैसा देकर सोनोग्राफी कराते हैं।जिला चिकित्सालय में सुविधा नहीं होने के कारण मरीज दर-दर भटकते रहते हैं।
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