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हाथियों ने उजाडा सूरजकली का मकान एसडीएम के निर्देश पर स्कूल में रहने को मजबूर परिवार के 8 सदस्य

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) जैतहरी तहसील के ग्राम पंचायत गोबरी में स्थित एक आदिवासी वृद्धा का परिवार गणेश भगवान के समूह हाथियों द्वारा निरंतर चार वार किए गए हमले से पूरा घर तहस-नहस हो गया।घर में रखा अनाज व अन्य वस्तुएं को हाथियों ने अपना आहार बनाया लिया।वही खेत में लगी फसल को बुरी तरह नष्ट कर दिया।जिससे वृद्धा के रहने का ठिकाना ना होने पर एसडीएम जैतहरी के निर्देश पर उसे परिवार के 8 सदस्यों के साथ ठेगरहा स्कूल में आश्रय दिया गया है।वहीं एसडीएम के निर्देश पर ग्राम पंचायत के सरपंच एवं सचिव द्वारा उचित मूल्य दुकान से उसके परिवार को खाने हेतु खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया है।
        विवरण में प्राप्त जानकारी के अनुसार पांच हाथियों का समूह विगत कई दिनों से वन परीक्षेत्र एवं जैतहरी तहसील के ग्राम पंचायत गोबरी के जंगलों में दिन में विश्राम करने बाद देर शाम-रात को जंगल से लगे कच्चे एवं पक्के मकानों में आहार की तलाश में जाकर मकानों को तोड़फोड कर मकानों के अंदर रखें खाने पीने के सामान को अपना आहार बना रहे हैं।इस बीच ग्राम पंचायत गोबरी के भदराटोला निवासी 60 वर्षीय वृद्धा सूरजकली सिंह पति बाबूलाल सिंह जो अपने पति एवं पर 2 पुत्र,2 पुत्रवधू एवं 2 नाती के साथ विगत कई वर्ष पूर्व जैतहरी के समीप मुर्रा गांव जहां पर उसकी जमीन रही के मोजरबेयर में अधिग्रहण हो जाने के कारण मिले मुआवजा राशि से गोबरी के भदराटोला में दो एकड़ जमीन खरीद कर दो कमरे का ईट वाला मकान बनाकर एवं खेत बनाकर खेती का काम कर रही है के यहां विगत दिनों निरंतर चार बार हाथियों के समूह ने हमला कर घर को पूरी तरह तहस-नहस करते हुए घर के अंदर रखें आटा,चावल,धान एवं अन्य सामग्रियों को खा लिया एवं फैला दिया। वही खेतों में लगी धान की फसल को खाकर व चलकर नष्ट कर दिया है।जिसके कारण सूरजकली के पास रहने तक की जगह नहीं होने के कारण जानकारी मिलने पर ग्राम पंचायत गोबरी सरपंच गुड्डी बाई कोल,सरपंच प्रतिनिधि बाबूलाल कोल,ग्राम पंचायत के सचिव पुरुषोत्तम सिंह ने एसडीएम जैतहरी को जानकारी दी जिस पर अंजलि द्विवेदी एसडीएम जैतहरी के निर्देश पर सरपंच,सचिव द्वारा हाथियों के कहर से पीड़ित वृद्धा सूरजकली को शासकीय उचित मूल्य दुकान गोबरी के संचालक अशोक द्विवेदी से नि:शुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया तथा सूरजकली को प्राथमिक विद्यालय ठेगरहा के एक कमरे में ठहराया गया है।जहां वह अपने परिवार के आठ सदस्यों के साथ रहकर रात बिता रही है दिन होने पर वह स्वयं एवं परिवार की अन्य सदस्य खेती-बाड़ी देखने करने के लिए भदराटोला मे घर के पास चले जाते हैं एवं देर शाम होने पर वापस विद्यालय आ कर सुरक्षित स्थान पर रह रहे हैं।वृद्धा के पास निकट भविष्य में स्थाई तौर पर रहने का कोई स्थान नहीं है।जबकि उसका दो कमरे का मकान लगभग पूरी तरह हाथियों द्वारा नष्ट कर दिया गया है।

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