(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) परम धर्म सांसद श्रीधर शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती 1008 जी महाराज का 54 वाॅ प्राकट्योत्सव आगामी श्रावण शुक्ल द्वितीया तदनुसार 18 अगस्त 2023 ई. को परमहंसी गंगा आश्रम में उत्सव के रूप में आयोजित किया जाएगा।
ज्योतिर्मठ के शङ्कराचार्य बनने के बाद यह इनका प्रथम जन्मोत्सव है। इस कारण पूरे देश-विदेश के शिष्यों एवं भक्तों में अधिक उत्साह है।ज्योतिर्मठ बदरिकाश्रम हिमालय की ओर से नरसिंहपुर जिले का 54 विशिष्ट जनों, जिन्होंने समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अपना विशिष्ठ योगदान दिया है,उन सभी को पूज्य शङ्कराचार्य जी के कर-कमलों से सम्मानित किया जाएगा।
प्रयागराज के जल योद्धा आर्यशेखर जी के नेतृत्व में 54 पवित्र नदियों का जल पूज्यपाद शङ्कराचार्य जी महाराज को समर्पित किया जाएगा।काशी सहित देश-विदेश के 1008 स्थानों पर पूज्यपाद शङ्कराचार्य जी महाराज का 54 वाॅ प्राकट्योत्सव उत्सव के रूप में मनाया जाएगा।
शहनाई वादन व वेद मन्त्रों के साथ 21 वेदपाठी ब्राह्मणों द्वारा त्रिपुरालय में स्वागत उत्सव होगा। इसके बाद श्रीगणेश पूजनोत्सव, मोदकार्चन पूज्यपाद शङ्कराचार्य जी द्वारा किया जाएगा।तदुपरांत श्रीसूर्यपूजनोत्सव जन्मदिन विधि, दीपदान, छायादान, रुद्राभिषेक 21 पण्डितों द्वारा, वृद्धाश्रम के सदस्यों को वस्त्र व छाता वितरण इत्यादि पूज्यपाद शंकराचार्य जी के द्वारा किया जाएगा।
ज्योतिर्मठ के शङ्कराचार्य बनने के बाद यह इनका प्रथम जन्मोत्सव है। इस कारण पूरे देश-विदेश के शिष्यों एवं भक्तों में अधिक उत्साह है।ज्योतिर्मठ बदरिकाश्रम हिमालय की ओर से नरसिंहपुर जिले का 54 विशिष्ट जनों, जिन्होंने समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अपना विशिष्ठ योगदान दिया है,उन सभी को पूज्य शङ्कराचार्य जी के कर-कमलों से सम्मानित किया जाएगा।
प्रयागराज के जल योद्धा आर्यशेखर जी के नेतृत्व में 54 पवित्र नदियों का जल पूज्यपाद शङ्कराचार्य जी महाराज को समर्पित किया जाएगा।काशी सहित देश-विदेश के 1008 स्थानों पर पूज्यपाद शङ्कराचार्य जी महाराज का 54 वाॅ प्राकट्योत्सव उत्सव के रूप में मनाया जाएगा।
शहनाई वादन व वेद मन्त्रों के साथ 21 वेदपाठी ब्राह्मणों द्वारा त्रिपुरालय में स्वागत उत्सव होगा। इसके बाद श्रीगणेश पूजनोत्सव, मोदकार्चन पूज्यपाद शङ्कराचार्य जी द्वारा किया जाएगा।तदुपरांत श्रीसूर्यपूजनोत्सव जन्मदिन विधि, दीपदान, छायादान, रुद्राभिषेक 21 पण्डितों द्वारा, वृद्धाश्रम के सदस्यों को वस्त्र व छाता वितरण इत्यादि पूज्यपाद शंकराचार्य जी के द्वारा किया जाएगा।
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