(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) प्रगतिशील लेखक संघ इकाई अनूपपुर ने स्थानीय पं.शम्भूनाथ शुक्ल पुस्तकालय व वाचनालय में प्रेमचंद की 143 वीं जयंती मनाई।अभी हरिशंकर परसाई की जन्म शताब्दी समारोह पूरे भारत में मनाया जा रहा है। पर प्रगतिशील लेखक संघ ने इसमें गहरा संज्ञान लिया है, इसी तारतम्य में आगामी 20,21,22 अगस्त को जबलपुर में राष्ट्रीय अधिवेशन के तहत हरिशंकर परसाई पर केंद्रित कार्यक्रम संपन्न होंगे।जिसमें पूरे भारत और कुछ विदेश से लगभग 500 साहित्यकार हिस्सा लेंगे।
प्रेमचंद पर संगोष्ठी में गिरीश पटेल,विजेंद्र सोनी , बासुदेव चटर्जी,दीपक अग्रवाल,ललित दुबे,सुरेंद्र शिवहरे आदि ने प्रेमचंद की रचनाओं- कहानी, नाटक , निबंध और उपन्यास की रचनाधर्मिता पर प्रकाश डालते हुए उनकी भाषा शैली, कथावस्तु , गाह्यता , रोचकता तथा उपयोगिता व भावों के संप्रेषण के बारे में पर्याप्त चर्चा की।प्रलेस के सचिव रामनारायण पाण्डेय ने विषय का प्रवर्तन करते हुए न केवल प्रेमचंद के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला बल्कि कार्यक्रम का सफल संचालन भी किया।
कविता पाठ दीपक अग्रवाल,ललित दुबे,साहू जी व गिरीश पटेल ने किया।प्रोसेस नामक संस्था के पदाधिकारी अमित जो कि उत्तराखंड से तथा कनुप्रिया जो कि पंजाब से विशेष रूप से इस कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए आए हुए थे, ने अपनी बात कहते हुए यह बताया कि देश इस समय विषम परिस्थितियों से गुजर रहा है और लोकतांत्रिक मूल्यों का लगातार ह्रास हो रहा है आम जनगण का जीवन दूभर हो गया है।महंगाई,धर्मांन्धता,वैमनस्य,कदाचार , भ्रष्टाचार और तानाशाही का बोलबाला है ऐसे समय में देश में जागरूकता और जागृति के प्रचार प्रसार में यह संस्था कार्य कर रही है तथा अपने से समानता वाले संगठनों से समन्वय स्थापित कर देश में सुचिता और सकारात्मक मूल्यों के प्रसार हेतु कटिबद्ध है।
कार्यक्रम के अंत में कोषाध्यक्ष डॉक्टर असीम मुखर्जी ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम के समाप्ति की घोषणा की।
प्रेमचंद पर संगोष्ठी में गिरीश पटेल,विजेंद्र सोनी , बासुदेव चटर्जी,दीपक अग्रवाल,ललित दुबे,सुरेंद्र शिवहरे आदि ने प्रेमचंद की रचनाओं- कहानी, नाटक , निबंध और उपन्यास की रचनाधर्मिता पर प्रकाश डालते हुए उनकी भाषा शैली, कथावस्तु , गाह्यता , रोचकता तथा उपयोगिता व भावों के संप्रेषण के बारे में पर्याप्त चर्चा की।प्रलेस के सचिव रामनारायण पाण्डेय ने विषय का प्रवर्तन करते हुए न केवल प्रेमचंद के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला बल्कि कार्यक्रम का सफल संचालन भी किया।
कविता पाठ दीपक अग्रवाल,ललित दुबे,साहू जी व गिरीश पटेल ने किया।प्रोसेस नामक संस्था के पदाधिकारी अमित जो कि उत्तराखंड से तथा कनुप्रिया जो कि पंजाब से विशेष रूप से इस कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए आए हुए थे, ने अपनी बात कहते हुए यह बताया कि देश इस समय विषम परिस्थितियों से गुजर रहा है और लोकतांत्रिक मूल्यों का लगातार ह्रास हो रहा है आम जनगण का जीवन दूभर हो गया है।महंगाई,धर्मांन्धता,वैमनस्य,कदाचार , भ्रष्टाचार और तानाशाही का बोलबाला है ऐसे समय में देश में जागरूकता और जागृति के प्रचार प्रसार में यह संस्था कार्य कर रही है तथा अपने से समानता वाले संगठनों से समन्वय स्थापित कर देश में सुचिता और सकारात्मक मूल्यों के प्रसार हेतु कटिबद्ध है।
कार्यक्रम के अंत में कोषाध्यक्ष डॉक्टर असीम मुखर्जी ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम के समाप्ति की घोषणा की।
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