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उम्मीदों पर फिर गया फिर पानी प्रधानमंत्री मोदी से लोगों को थी काफी उम्मीदें नागपुर ट्रेन का सपना हुआ चकनाचूर

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) शहडोल संभाग के लोगों की निगाहें प्रधानमंत्री के उद्बोधन पर टिकी हुई थी कि आज प्रधानमंत्री के मुख से नागपुर ट्रेन का सपना पूरा होगा।लेकिन प्रधानमंत्री के उद्बोधन में किसी तरह से ट्रेन के मामले में कोई बात नहीं होने पर लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया।
         सांसद हिमाद्री सिंह का पंचवर्षीय कार्यकाल लगभग समाप्ति की ओर है।उनकी प्रधानमंत्री से एवं रेल मंत्री से पूर्व में हुई मुलाकात को लेकर यह कयास लगाए जा रहे थे कि प्रधानमंत्री के शहडोल संभाग आगमन पर कुछ मिले या ना मिले लेकिन नागपुर के लिए सीधी ट्रेन की सुविधा अवश्य मिलेगी।लेकिन सभी की उम्मीदें टाय टाय फिश हो गई।अब लोगों को नागपुर की ट्रेन की उम्मीदें तनिक भी नहीं रह गई।
                     देखा जा रहा था कि स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर लगातार हर वर्ग चाहे वह शहरी हो या ग्रामीण सभी को नागपुर के लिए ट्रेन अधिक जरूरी थी।आज लोग बीमार पड़ने पर बिलासपुर या जबलपुर होकर नागपुर का रुख अख्तियार करते हैं।काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन फिर भी लोग अच्छी स्वास्थ्य सुविधा के लिए बिलासपुर,जबलपुर,रायपुर जाने की अपेक्षा सीधे नागपुर जाते हैं।यहां सभी दवा का इलाज काफी किफायती दरों पर और काफी जल्दी मिल जाता है।जिससे आज हर वर्ग का व्यक्ति प्रथम प्राथमिकता में स्वास्थ्य के लिए नागपुर ही पसंद करता है।लगभग 30 वर्षों से शहडोल संभाग के लोग लगातार अपनी आवाजें बुलंद करते रहे लेकिन उनकी आवाजों पर प्रधानमंत्री के आगमन के बाद अब पूरी तरह से विराम लग चुका है।इसका नुकसान भी आने वाले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को भोगना पड़ेगा।क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा रेलवे संचालित है आज भी रेलवे लोगों को सुविधाएं देने में सक्षम नहीं है।कोरोना के बाद ट्रेनें समय पर चल भी नहीं पा रही।वही काफी स्टॉपेज बंद कर देने एवं मेमू,पैसेंजर, एक्सप्रेस का किराया एक कर देने से हर किसी के सामने समस्या खड़ी हो रही है।लेकिन रेलवे का ध्यान आम जनमानस की ओर नहीं जा रहा। ट्रेनें कई कई घंटे लेट चल रही है स्टेशनों पर यात्रियों के लिए वह तमाम सुविधाएं उपलब्ध नहीं है पीने के पानी के लिए लाले पड़ जाते हैं। लेकिन कोई देखने सुनने वाला नहीं।गर्मी के मौसम में यात्री पसीने से तर-तर हो जाते हैं गिनती के पंखे प्लेटफार्म की शोभा बढ़ाते हैं लोगों को बैठने के लिए पर्याप्त मात्रा में चेयर की व्यवस्था भी नहीं है।जिससे आम यात्री काफी मुसीबतों का सामना करते हुए रेल में सफर कर रहा है।
      लेकिन केंद्र का प्रतिनिधित्व करने वाली सांसद यात्रियों को हो रही परेशानी से पूरी तरह अनभिज्ञ है।सांसद को तो चाहिए कि रेल मंत्री के घर के सामने अपनी मांगों को लेकर अनशन पर बैठ जाए।आज सर्वाधिक आय रेलवे को शहडोल संसदीय क्षेत्र दे रहा है। जिसकी जोरदार वकालत रेल मंत्री के सामने शहडोल संसदीय क्षेत्र की सांसद हिमाद्री सिंह को करना चाहिए। लेकिन वह वकालत भी नहीं कर पा रही।जिससे उनकी छवि भी पूरी तरह से धूमिल हो रही है।
              बिलासपुर जोन एवं बिलासपुर रेलवे मंडल में बैठे अधिकारी अपनी मनमानी कर रहे हैं।माल गाड़ियों को प्रथम प्राथमिकता दे रहे हैं जिसके कारण यात्री ट्रेनें बीच रास्ते में खड़ी कर दी जाती हैं जिससे ट्रेन विलंब होकर चलती है। लेकिन माल गाड़ियां बिना किसी रोक-टोक के एक के पीछे एक रेल पटरियों पर दौड़ती नजर आती हैं।केवल रेलवे राजस्व कमाना चाहता है और उसे माल गाड़ियों से अच्छा राजस्व मिल रहा है।यदि रेलवे को बिलासपुर जोन, बिलासपुर रेल मंडल को केवल माल गाड़ियों के राजस्व से लेना देना है तो अच्छा होगा बिलासपुर रेल मंडल के सभी स्टेशनों पर ताले लगा दिए जाएं यात्री ट्रेन को पूरी तरह से बंद कर दिया जाए तो यात्रियों को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।लेकिन यात्रियों की आंखों के सामने धूल झोंकते हुए यात्री ट्रेनों को रोक कर माल गाड़ियों को चलाना यात्रियों को रास नहीं आ रहा।देखना है आने वाले चुनाव के पूर्व शहडोल संसदीय क्षेत्र की सांसद यात्रियों के हित में क्या कदम उठाती है।

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