(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)
अनूपपुर (अंंचलधारा) लगभग 20 वर्षों बाद भी अनूपपुर जिला मुख्यालय सा देखने में प्रतीत नहीं हो रहा।इस 20 वर्षों के दौरान कई कलेक्टर एवं सीएमओ परिवर्तित हो गए लेकिन जिला मुख्यालय का शहर अतिक्रमणकारियों एवं मीट मार्केट के चलते अपने अस्तित्व को आज तक नहीं पाया।
जिले में नवागंतुक कलेक्टर आशीष वशिष्ठ से एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी स्नेहा मिश्रा से काफी उम्मीदें हैं कि आने वाले दिनों में शहर की फिजा बदलेगी एवं शहर जिला मुख्यालय सा प्रतीत होने लगेगा।आज बाहर से आने जाने वाले लोगों के मन मस्तिष्क में अनूपपुर जिला को लेकर तमाम तरह की विसंगतियां हैं।20 वर्ष बाद भी शहर में प्रवेश करने वाले लोगों को अनूपपुर जिला सा प्रतीत नहीं हो रहा।
कलेक्टर आशीष वशिष्ठ ने कलेक्ट्रेट स्थित नर्मदा सभागार में आयोजित टीएल बैठक में नगरीय निकायों के मुख्य नगरपालिका अधिकारियों से समीक्षा करते हुए मार्गदर्शन प्रदान किया था।जिसमें अनूपपुर के मीट मार्केट सहित उत्कृष्ट विद्यालय के बाउंड्री वॉल से लगे अतिक्रमण एवं जिले भर के अन्य अतिक्रमण को हटाने के निर्देश दिए थे।नगरपालिका की मुख्य नगरपालिका अधिकारी स्नेहा मिश्रा ने कलेक्टर के निर्देशानुसार अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की और उसके अच्छे परिणाम सामने आए।
लेकिन देखा जा रहा है कि अतिक्रमण कारी अतिक्रमण करने से बाज नहीं आ रहे।वही टीएल बैठक में कलेक्टर के निर्देश थे कि मीट मार्केट को शिफ्ट करने के निर्देश एसडीएम एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी को दिए थे।जिसमें कलेक्टर ने कहा था कि अनूपपुर स्थित सब्जी बाजार के निकट लगने वाले मीट मार्केट को नगर पालिका द्वारा बनाए नए मीट मार्केट में शिफ्ट कर दिया जाए।इसके निर्देश टीएल बैठक में कलेक्टर आशीष वशिष्ठ द्वारा एसडीएम तथा मुख्य नगरपालिका अधिकारी को दिए गए थे।उन्होंने कहा कि नवीन मीट मार्केट के आवश्यक निर्माण कार्य को शिफ्टिंग के पश्चात करा लिया जाए।लेकिन देखा जा रहा है कि मीट मार्केट अभी भी सब्जी मंडी में संचालित हो रहा है।नगर पालिका द्वारा कई बार मीट मार्केट को हटाया गया।लेकिन मीट बेचने वाले फिर से सब्जी मंडी के पास मीट बेचना प्रारंभ कर दिए।जबकि मंदिर की तरफ जाने आने का रास्ता वहीं से है।मुख्य बाजार भी लोगों का आवागमन होता है लेकिन रास्ते में बैठकर मीट वाले अपने कर्मों से बाज नहीं आ रहे।आवश्यकता है जिला कलेक्टर इस ओर अपनी नजरें इनायत करें एवं लोगों की भावनाओं को मीट मार्केट से जो ठेस पहुंच रही है उस पर कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई करें।महिला अधिकारियों को आवश्यक पुलिस बल उपलब्ध कराकर मीट लगाने वालों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही कराई जाए।जिससे हमेशा हमेशा के लिए मीट मार्केट शहर के मध्य से एवं राम जानकी मंदिर के मार्ग से हमेशा हमेशा के लिए हट जाए।
देखा जा रहा है कि शहर के दुकानदार प्रतिस्पर्धा के चक्कर में अपनी-अपनी दुकानों को सड़कों पर ले आते हैं।जिससे आवागमन में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। स्टेशन से लेकर बस स्टैंड जाने वाला मार्ग पूरी तरह से अतिक्रमण से मुक्त होना चाहिए।
लेकिन आज तक अतिक्रमण हटाओ अभियान तक ही मार्ग मुक्त रहा।उसके पश्चात फिर से अतिक्रमण कारी शहर को अतिक्रमण की चपेट में पूरी तरह से ले आए।यही नहीं शहर के अंदर की कुछ गलियां जो लोगों के आवागमन की सुविधा के लिए है वह भी पूरी तरह से अतिक्रमण की चपेट में आ चुकी है।लोगों का आवागमन भी समस्याओं से भरा
है।आवश्यकता है जिला प्रशासन,एसडीएम,तहसीलदार, मुख्य नगरपालिका अधिकारी एवं पुलिस प्रशासन मिलकर शहर के अतिक्रमण के खिलाफ मुहिम छेड़ दें और पूरे नगर पालिका क्षेत्र को,सड़कों को,गलियों को पूरी तरह से अतिक्रमण से मुक्त करा कर शहर की बसाहट को व्यवस्थित कराने के लिए कार्य योजना बनाकर आवश्यक स्थानों पर पार्किंग की व्यवस्था कराई जाए।जिससे सड़कों पर दुकानों के आमने-सामने वाहनों की धमाचौकड़ी दिखाई ना दे।लोगों के आवागमन में किसी तरह की बाधा ना आए।बैंकों के सामने समुचित व्यवस्था की जाए जहां वाहनों की धमाचौकड़ी लगी रहती है।इसके लिए आवश्यक है कि शहर का कोई स्थान नियत किया जाए जहां वाहनों की पार्किंग हो सके और लोगों के आवागमन में किसी तरह की बाधा सामने ना आए।
जिले में नवागंतुक कलेक्टर आशीष वशिष्ठ से एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी स्नेहा मिश्रा से काफी उम्मीदें हैं कि आने वाले दिनों में शहर की फिजा बदलेगी एवं शहर जिला मुख्यालय सा प्रतीत होने लगेगा।आज बाहर से आने जाने वाले लोगों के मन मस्तिष्क में अनूपपुर जिला को लेकर तमाम तरह की विसंगतियां हैं।20 वर्ष बाद भी शहर में प्रवेश करने वाले लोगों को अनूपपुर जिला सा प्रतीत नहीं हो रहा।
कलेक्टर आशीष वशिष्ठ ने कलेक्ट्रेट स्थित नर्मदा सभागार में आयोजित टीएल बैठक में नगरीय निकायों के मुख्य नगरपालिका अधिकारियों से समीक्षा करते हुए मार्गदर्शन प्रदान किया था।जिसमें अनूपपुर के मीट मार्केट सहित उत्कृष्ट विद्यालय के बाउंड्री वॉल से लगे अतिक्रमण एवं जिले भर के अन्य अतिक्रमण को हटाने के निर्देश दिए थे।नगरपालिका की मुख्य नगरपालिका अधिकारी स्नेहा मिश्रा ने कलेक्टर के निर्देशानुसार अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की और उसके अच्छे परिणाम सामने आए।
लेकिन देखा जा रहा है कि अतिक्रमण कारी अतिक्रमण करने से बाज नहीं आ रहे।वही टीएल बैठक में कलेक्टर के निर्देश थे कि मीट मार्केट को शिफ्ट करने के निर्देश एसडीएम एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी को दिए थे।जिसमें कलेक्टर ने कहा था कि अनूपपुर स्थित सब्जी बाजार के निकट लगने वाले मीट मार्केट को नगर पालिका द्वारा बनाए नए मीट मार्केट में शिफ्ट कर दिया जाए।इसके निर्देश टीएल बैठक में कलेक्टर आशीष वशिष्ठ द्वारा एसडीएम तथा मुख्य नगरपालिका अधिकारी को दिए गए थे।उन्होंने कहा कि नवीन मीट मार्केट के आवश्यक निर्माण कार्य को शिफ्टिंग के पश्चात करा लिया जाए।लेकिन देखा जा रहा है कि मीट मार्केट अभी भी सब्जी मंडी में संचालित हो रहा है।नगर पालिका द्वारा कई बार मीट मार्केट को हटाया गया।लेकिन मीट बेचने वाले फिर से सब्जी मंडी के पास मीट बेचना प्रारंभ कर दिए।जबकि मंदिर की तरफ जाने आने का रास्ता वहीं से है।मुख्य बाजार भी लोगों का आवागमन होता है लेकिन रास्ते में बैठकर मीट वाले अपने कर्मों से बाज नहीं आ रहे।आवश्यकता है जिला कलेक्टर इस ओर अपनी नजरें इनायत करें एवं लोगों की भावनाओं को मीट मार्केट से जो ठेस पहुंच रही है उस पर कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई करें।महिला अधिकारियों को आवश्यक पुलिस बल उपलब्ध कराकर मीट लगाने वालों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही कराई जाए।जिससे हमेशा हमेशा के लिए मीट मार्केट शहर के मध्य से एवं राम जानकी मंदिर के मार्ग से हमेशा हमेशा के लिए हट जाए।
देखा जा रहा है कि शहर के दुकानदार प्रतिस्पर्धा के चक्कर में अपनी-अपनी दुकानों को सड़कों पर ले आते हैं।जिससे आवागमन में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। स्टेशन से लेकर बस स्टैंड जाने वाला मार्ग पूरी तरह से अतिक्रमण से मुक्त होना चाहिए।
लेकिन आज तक अतिक्रमण हटाओ अभियान तक ही मार्ग मुक्त रहा।उसके पश्चात फिर से अतिक्रमण कारी शहर को अतिक्रमण की चपेट में पूरी तरह से ले आए।यही नहीं शहर के अंदर की कुछ गलियां जो लोगों के आवागमन की सुविधा के लिए है वह भी पूरी तरह से अतिक्रमण की चपेट में आ चुकी है।लोगों का आवागमन भी समस्याओं से भरा
है।आवश्यकता है जिला प्रशासन,एसडीएम,तहसीलदार, मुख्य नगरपालिका अधिकारी एवं पुलिस प्रशासन मिलकर शहर के अतिक्रमण के खिलाफ मुहिम छेड़ दें और पूरे नगर पालिका क्षेत्र को,सड़कों को,गलियों को पूरी तरह से अतिक्रमण से मुक्त करा कर शहर की बसाहट को व्यवस्थित कराने के लिए कार्य योजना बनाकर आवश्यक स्थानों पर पार्किंग की व्यवस्था कराई जाए।जिससे सड़कों पर दुकानों के आमने-सामने वाहनों की धमाचौकड़ी दिखाई ना दे।लोगों के आवागमन में किसी तरह की बाधा ना आए।बैंकों के सामने समुचित व्यवस्था की जाए जहां वाहनों की धमाचौकड़ी लगी रहती है।इसके लिए आवश्यक है कि शहर का कोई स्थान नियत किया जाए जहां वाहनों की पार्किंग हो सके और लोगों के आवागमन में किसी तरह की बाधा सामने ना आए।
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