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गले में फंदा लगाकर पत्नी की हत्या करने वाले आरोपी को न्यायालय ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

 

(हिमांशू बियानी/जिला ब्यूरो)

अनूपपुर (अंंचलधारा) न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश राजेन्‍द्रग्राम पवन शंखवार जिला अनूपपुर के न्‍यायालय के सत्र प्रकरण क्रमांक 24/2019,थाना करनपठार के अपराध क्रमांक 126/2019, धारा 302, 201 भादवि के आरोपी जगत पिता झलरिहा बैगा उम्र 60 वर्ष निवासी ग्राम घोघरी थाना करनपठार जिला अनूपपुर म.प.को निर्णय दिनांक 27/05/2023 को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास एवं 2000 रूपये अर्थदण्‍ड एवं धारा 201 भादवि में 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये के अर्थदण्‍ड के दण्‍ड से दण्डित किए जाने का आदेश पारित किया है। 
          कुल मिलाकर आरोपी को आजीवन कारावास एवं 3000 रूपये के अर्थदण्‍ड के दण्‍ड से दण्डित किया गया। मामले में अभियोजन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक,सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारीश्री नारेन्‍द्रदास महरा द्वारा की गयी। 
              अपर लोक अभियोजक द्वारा न्‍यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 12/07/2019को रात्रि 10.43 बजे सूचनाकर्ता वीर सिंह ने थाना करनपठार में उपस्थित होकरइस आशय की सूचना लेख करायी कि घर में अपने मवेशियों को बांध रहा था।शाम करीब 5.00 बजे उसका रिश्ते का मामा जियालाल बैगा ने उसे आकर बतायाकि उसका फुआ खत्म हो गयी है,चलकर देख लो,तब वह अपनी पत्नी सोहागवती,मॉ तिजियाबाई के साथ बाजारटोला घोघरी में जगत बैगा के घरजाकर देखा तो फुआ लमियाबाई घर के अंदर मृत अवस्था में जमीन पर पड़ी हुईथी। फुआ की मृत्यु कैसे हुई,उसे नहीं मालूम।फूफा जगत बैगा के दोनों लड़के बाहर काम करने गये हैं।फूफा घर में अकेला है,इसलिये रिपोर्ट करने आया है।सूचनाकर्ता की उक्त सूचना को थाना करनपठार में धारा 174 दं.प्र.सं. के अंतर्गतमर्ग क्र0-27/2019 पर दर्ज किया गया। संदेही अभियुक्त जगत बैगा से पूछताछ कर उसका मेमोरण्डमलिया गया, जिसमें उसने लमियाबाई के गले में रस्सी फंसाकर उसे जमीन परगिराकर उसके बाये कनपटी में पैर रखकर रस्सी खींचकर हत्या करना बताया और लायलोन की रस्सी को घर की परछी में छानी व दिवाल के नीचे व बांस की लाठी को घर के कमरे के कोने में छिपाकर रखना बताया, जिसके आधार पर अभियुक्तके विरूद्ध थाना करनपठार में अपराध क्र.-126/2019 अंतर्गत धारा 302, 201भा.दं.सं. पंजीबद्ध की जाकर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध की गयी।मामले की समस्‍त विवेचना उपरांतअभियोग पत्र माननीय न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किया गया जहां अभियोजन द्वारा शासन की ओर से पैरवी की गई जहां पर माननीय न्‍यायायल द्वारा अपराध प्रमाणित पाये जानेपर आरोपीगण को उक्‍त दण्‍ड से दण्डित किया।

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